* कुछ मिनटों के लिए परछाई छोड़ेगी अपना साथ
अमरावती/दि.4- शून्य छाया दिन यह शब्द ही कौतुहल निर्माण करने वाला है. इस दिन वर्षभर साथ रहने वाली अपनी परछाई कुछ मिनट के लिए अपना साथ छोड़कर जाती है. महाराष्ट्र में 3 मई से 31 मई तक ैऐसी शून्य छाया दिन का अनुभव किया जा सकेगा. अमरावती में 25 मई को शून्य छाया दिन का अनुभव लिया जा सकेगा.
सूर्य का उत्तरायण व दक्षिणायन ऐसा भासमान मार्ग पृथ्वी के 23.50 अक्षांश दक्षिण एवं उत्तर की ओर होता है. यानि कर्क वृत्त एवं मकर वृत्त इस दरमियान रहने वाले सभी भूभाग पर सूर्य वर्ष में दो बाद दोपहर को सिर पर आता है और दो बार शून्य छाया दिन आते हैं. सूर्य व पृथ्वी के कोनीय व्यास,एवं अंशात्मक अंतर जहां पर जुड़ते हैं, वहां शून्य छाया दिन होता है. उत्तरायण होते समय एक बार और दक्षिणायन होते समय एक बार वहीं सूर्य हर रोज 0.50 अंश खिसकता है यानि वह एक ही अक्षवृत्त पर दो दिन रहता है. इसलिए एक ही स्थतान पर से दो दिन शून्य छाया का अनुभव किया जा सकता है. महाराष्ट्र में 3 से 31 मई तक शून्य छाया दिन है. कोल्हापुर जिले के सावंतवाडी में तीन मई को तो धुलिया जिले में 31 मई को शून्य छाया दिन का अनुभव किया जा सकेगा. कोल्हापुर जिले में 15.6 अक्षांश से धुलिया जिले में 21.98 अक्षांश इस दरमियान शून्य परछाई दिन देखा जा सकेगा.
अमरावती जिले में 25 मई को शून्य परछाई का अनुभव लिया जा सकेगा. एक अक्षांश पर आने वाले सभी परिसर में उसी दिन शून्य छाया दिन आता है. महाराष्ट्र के अलग-अलग अक्षवृत्त पर अलग दिन और समय है. इसलिए सभी शहर व गांवों के समय में कुछ सेकंद का फर्क है. जिसके चलते दोपहर 12 से 12.35 दरमियान सूर्य का निरीक्षण करे. समूहों को इस उपक्रम हेतु खुली जगह व पारिवारिक निरीक्षण करना हो तो घर की छत पर या आंगन में किया जा सकता है. यह जानकारी ग्रीन प्लॅनेट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रा. सुरेश चोपणे ने दी.