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जिला परिषद की नई प्रभाग रचना घोषित

अब 59 की बजाय 66 सर्कल से चुने जायेंगे सदस्य

* 7 तहसीलों में बढी जिप की 1-1 सीट
* शेष 7 तहसीलों में सदस्य संख्या यथावत
* 8 जून तक नई प्रभाग रचना पर दर्ज करायी जा सकेगी आपत्ति
* 27 जून को होगी अंतिम प्रभाग रचना घोषित
अमरावती/दि.2- राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्वायत्त निकायों में सदस्य संख्या बढाये जाने के संदर्भ में लिये गये फैसले के चलते अमरावती जिला परिषद में 7 नये सर्कल बनाने का निर्णय लिया गया था. जिसके चलते 59 की बजाय 66 निर्वाचन क्षेत्र तय करते हुए आज राजस्व एवं जिला परिषद प्रशासन द्वारा नये गट व गण को लेकर प्रारूप प्रभाग रचना की घोषणा की गई. जिसके तहत चांदूर बाजार, वरूड, अंजनगांव सूर्जी, दर्यापुर, भातकुली, अचलपुर व धारणी तहसील क्षेत्र में जिप का एक-एक सर्कल बढाया गया है. वहीं नांदगांव खंडेश्वर, चिखलदरा, मोर्शी, अमरावती, तिवसा, चांदूर रेल्वे, धामणगांव रेल्वे तहसील क्षेत्रों में जिप सदस्यों की संख्या पूर्ववत रहेगी. प्रशासन द्वारा गट यानी प्रभाग रचना को लेकर घोषित किए गए प्रारूप के संदर्भ में आगामी 8 जून तक आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराये जा सकेंगे. जिन पर 22 जून तक संभागीय आयुक्त के समक्ष सुनवाई होगी. जिसके उपरांत 27 जून को जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी के तौर पर जिलाधीश द्वारा अंतिम प्रभाग रचना घोषित की जायेगी.
बता दें कि, इससे पहले अमरावती जिला परिषद की सदस्य संख्या 59 हुआ करती थी. चूंकि कोविड संक्रमण की वजह से उपजे हालात के चलते वर्ष 2021 में प्रस्तावित रहनेवाली जनगणना नहीं हो पायी. ऐसे में वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानने के साथ ही विगत दस वर्षों के दौरान जनगणना में हुई स्वाभाविक वृध्दी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्थानीय स्वायत्त निकायों की सदस्य संख्या को बढाने का निर्णय लिया था. जिसके तहत अमरावती जिला परिषद में सात नये सदस्य पदों के संदर्भ में फैसला करते हुए अमरावती जिप की सदस्य संख्या को 59 से बढाकर 66 करने का निर्णय लिया गया. जिसके चलते जिले के सभी जिप सर्कलों का नये सिरे से परिसिमन करने की प्रक्रिया शुरू की गई. और 7 तहसीलों में पुराने निर्वाचन क्षेत्रों का विभाजन करते ुहुए वहां पर एक-एक नये निर्वाचन क्षेत्र का परिसिमन किया गया. जिसके तहत चांदूर बाजार, वरूड, अंजनगांव सूर्जी, दर्यापुर, भातकुली, अचलपुर व धारणी तहसीलोें में एक-एक नये जिप सर्कल का निर्माण किया गया. जिसके चलते संबंधीत तहसीलोें की पंचायत समितियों में भी दो-दो नये गण यानी सदस्य पद की वृध्दी हुई है. ऐसे में जहां जिला परिषद में इस बार सात नये सदस्य चुने जायेंगे, वहीं पंचायत समितियों की सदस्य संख्या में भी 14 नये सदस्यों का इजाफा होगा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय राज्य निर्वाचन आयोग तथा जिला परिषद के साथ-साथ जिले की तिवसा, चांदूर रेल्वे व धामणगांव रेल्वे इन तीन पंचायत समितियों को छोडकर शेष 11 पंचायत समितियों के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऐसे में प्रारूप प्रभाग रचना को अंतिम मान्यता मिलने के बाद जिला परिषद के 66 सर्कल के साथ ही 11 पंचायत समिति अंतर्गत 112 गणों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. वहीं शेष तीन पंचायत समितियों के 20 सदस्यों हेतु राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्णय लिया जायेगा.
* राजनीतिक गतिविधिया होगी तेज
जिला परिषद की 66 सीटों के लिए प्रारूप प्रभाग रचना घोषित होने का विगत लंबे समय से बडी बेसब्री के साथ इंतजार किया जा रहा था, क्योेंकि चुनाव लडने के इच्छूक प्रत्याशी की निगाहें इस ओर लगी हुई थी कि, उनका पुराना सर्कल यथावत रखता है, या फिर उसमें विभाजन होकर कोई नया सर्कल बनता है. साथ ही चुनाव लडने के लिए आवश्यक समीकरण को साधा जा सके. ऐसे में चूंकि अब प्रारूप प्रभाग रचना घोषित हो गई है और अब तक के अनुभवों को देखते हुए माना जा रहा है कि, लगभग इसी प्रभाग रचना को अंशत: फेरबदल के साथ अंतिम प्रभाग रचना घोषित किया जायेगा. ऐसे में चुनाव लडने के इच्छुक सभी प्रत्याशियों द्वारा अपनी चुनावी तैयारियों को शुरू कर दिया गया है. हालांकि अब सभी की निगाहें एससी, एसटी व महिला आरक्षण की ओर लगी रहेगी. जिसके बाद ही चुनावी परिदृश्य पूरी तरह से साफ हो पायेगा.

– 2 से 8 जून तक आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराये जा सकेंगे
– 22 जून तक विभागीय आयुक्त के समक्ष चलेगी सुनवाई
-27 जून को जिलाधीश द्वारा होगी अंतिम प्रभाग रचना की घोषणा

* ओबीसी आरक्षण को लेकर अटक सकता है मामला
उल्लेखनीय है कि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव करवाने के आदेश जारी किये है. जिसे लेकर आवश्यक प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. जिसके तहत मतदाता सूची व निर्वाचन क्षेत्र को लेकर तमाम तैयारियां चल रही है और ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों में इस चुनाव को लेकर अच्छा-खासा उत्साह भी देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कई राजनीतिक दल और प्रत्याशी अब भी ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव करवाने को लेकर प्रयास कर रहे है और ओबीसी आरक्षण के लिए चुनाव को टलवाना भी चाहते है. ऐसे में सभी की निगाहें ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही उठापटक की ओर लगी हुई है.

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