अमरावती

अब रटने से नहीं, पढाई से होगी राज्यसेवा परीक्षा में नौका पार

विद्यार्थी संभ्रम में, वस्तुनिष्ठ की बजाय वर्णनात्मक होगी एमपीएससी की परीक्षा

* शिक्षा विशेषज्ञों ने वर्णनात्मक परीक्षा को बताया विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद
अमरावती/दि.5- राज्यसेवा आयोग की मुख्य परीक्षा अब युपीएससी की तरह ही वर्णनात्मक कर दी गई है और वर्ष 2023 से यह पध्दति लागू कर दी जायेगी. ऐसी जानकारी राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा दी गई है. इस पध्दति के चलते लोकसेवा आयोग की सेवा में जाने की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों को फायदा ही होगा और यह दीर्घकाल के लिए लाभदायक रहेगी. ऐसा आयोग सहित शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है. लेकिन विगत कई वर्षों से बहुपर्यायी पध्दति के अनुसार तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों को इसकी वजह से नुकसान साबित करना पड सकता है, ऐसा भी माना जा रहा है. जिसके चलते कई विद्यार्थियों का मानना है कि, वर्णनात्मक परीक्षा पध्दति को एक ही झटके में लागू करने की बजाय इसके लिए कम से कम दो से तीन वर्ष का समय दिया जाना चाहिए.

क्या है नई पध्दति
परीक्षा के वर्णनात्मक रहने के चलते कुल 9 पेपर होंगे
– भाषा पेपर-1 मराठी तथा भाषा पेपर-2 अंग्रेजी 300-300 अंकों के रहेंगे.

* वर्ष 2023 से होगा बदलाव
राज्यसेवा परीक्षा पध्दति और पाठ्यक्रम में किया गया बदलाव अगले वर्ष यानी वर्ष 2023 से अमल में लाते हुए लागू किया जायेगा.

* परिणाम क्या होगा
– कई शिक्षा विशेषज्ञों ने इस निर्णय का स्वागत किया है. उनके मुताबिक इस निर्णय की वजह से विद्यार्थियों का कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि उनका बौध्दिक विकास ही होगा. साथ ही इस निर्णय के परिणाम दीर्घकाल तक दिखाई देंगे.
– विद्यार्थियों के लिए युपीएससी व एमपीएससी इन दोनों परीक्षाओं की तैयारी करना आसान हो जायेगा. दोनों ही परीक्षाओं का पैटर्न एकसमान रहने के चलते युपीएससी परीक्षा की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों को एमपीएससी परीक्षा में जल्दी सफलता भी मिल सकेगी.

* क्या कहते है विद्यार्थी
एमपीएससी की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों के मुताबिक यद्यपि नई परीक्षा पध्दति विद्यार्थियों के हित में है, लेकिन विगत अनेक वर्षों से विद्यार्थियों द्वारा बहुपर्यायी पध्दति से ही पढाई की जा रही है. ऐसे में नई पध्दति को एकदम से अमल में नहीं लाया जाना चाहिए. साथ ही यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि, कोविड संक्रमण के चलते विद्यार्थियों के दो साल पहले ही बर्बाद हुए है. इस दौरान पढाई-लिखाई पूरी तरह से अस्त-व्यस्त रही. ऐसे में कुछ समय तक पुरानी पध्दति को ही अस्तित्व में रखा जाना चाहिए.

* शिक्षा विशेषज्ञों की राय
वहीं स्पर्धा परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन करते हुए तैयारी करवानेवाले शिक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक इससे पहले भी एमपीएससी की परीक्षा वर्णनात्मक पध्दति से ही होती थी और आगे भी पाठ्यक्रम वही रहेगा, बल्कि केवल प्रश्नपत्रिका का स्वरूप थोडा बदल गया है. ऐसे में विद्यार्थियों ने बिना घबराये परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए. वहीं एक स्पर्धा परीक्षा मार्गदर्शक का यह भी कहना रहा कि, परीक्षा का बदला हुआ स्वरूप विद्यार्थियों को तुरंत समझ में नहीं आयेगा. अब तक विद्यार्थियों को केवल एक ही प्रश्नपत्र हल करना होता था. वहीं अब पूरे 9 प्रश्नपत्र वर्णनात्मक पध्दति से हल करने होंगे. जिसमें कई तरह की दिक्कतें भी सामने आ सकती है.

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