ऐन रब्बी के मौसम में महावितरण का फटका
कृषि पंपों की आपूर्ति खंडित, बिल वसूली की कार्रवाई शुरु
अमरावती/दि.6-बकाया बिजली बिल के लिए रब्बी मौसम में महावितरण कंपनी ने जिले के 1773 कृषि पंप ग्राहकों के बिजली कनेक्शन तोड़कर विद्युत आपूर्ति खंडित की है. उनकी ओर 2 करोड़ 97 लाख रुपए का बिल बकाया है. कृषि नियोजन अंतर्गत निश्चित किए गए नियोजन के अलावा चालू देयक न भरने वाले कृषि पंप ग्राहकों पर यह कार्रवाई किये जाने की बात महावितरण ने कही है.
अमरावती जिले में 1 लाख 35 हजार 724 कृषि पंप धारक हैं. रब्बी मौसम में कृषि पंप शुरु रहना आवश्यक है. कोरोना संक्रमण कम होते ही व नियंत्रण आने पर महावितरण ने देयक वसुली अभियान शुरु किया. इसके लिए कृषि नियोजन 2020 अमल में लाया गया. सितंबर 2020 तक की बकाया बिल की रकम बकाया मानी जाने के साथ ही उसके बाद का बिल चालू बिल निश्चित किया गया है. वह बिल भरना अनिवार्य है. चालू बिल न भरने पर बिजली आपूर्ति खंडित करने का नियोजन है.
तीन वर्ष के लिए बनाये गए इस नियोजन अंतर्गत 31 मार्च 2022 तक मुख्य बकाया की 50 प्रतिशत रकम माफ की गई है. 31 मार्च 2023 तक भरने पर मूल बकाया में 30 प्रतिशत व 31 मार्च 2024 तक भरने पर 20 प्रतिशत माफ किया जाएगा. बावजूद इसके 2015 से पहले की बकाया रकम पर ब्याज व जुर्माना माफ किया गया है फिर भी मुख्य रकम पर रिजर्व बैंक के निकषनुसार ब्याज वसुला जाएगा. इससे पूर्व 18 प्रतिशत ब्याज लगाया जाता था. बकाया रकम कृषि पंप ग्राहकों को किश्त में भरने की छूट दी गई है.
अधिकांश कृषि पंप धारकों ने बकाया रकम भरने की शुरुआत की है. वहीं चालू देयक भी भरे जा रहे हैं. दरमियान जिले के 1773 कृषि पंप ग्राहकों ने चालू बिल अदा न किए जाने से उनकी बिजली आपूर्ति खंडित की गई है. ऐन रब्बी मौसम में सिंचाई के लिए बिजली अत्यावश्यक रहते हुए भी आपूर्ति खंडित होने से रोष निर्माण होने लगा है. खरीफ मौसम में इस बार नुकसान ही सहन करना पड़ा व रब्बी मौसम में उम्मीद रहने पर भी महावितरण द्वारा की गई कार्रवाई से रोष निर्माण हुआ है.
तहसीलनिहाय खंडित कनेक्शन
अचलपुर- 118
अंजनगांव- 47
चिखलदरा- 53
दर्यापुर- 159
धारणी- 43
अमरावती- 215
भातकुली- 100
चांदूररेल्वे- 43
धामणगांव- 132
नांदगांव- 143
तिवसा- 93
चांदूरबाजार- 117
मोर्शी- 230
वरुड- 280
अमरावती संभाग में रब्बी की 82% बुआई
अमरावती विभाग में रब्बी मौसम में 82 प्रतिशत बुआई हो चुकी है. इस वर्ष भी चना की बुआई का क्षेत्र बढ़ेगा. विभाग में इस फसल की बुआई क्षेत्र की तुलना में 98 प्रतिशत बुआई हुई है. वहीं गेहूं की अब तक बड़ी मात्रा में बुआई बाकी है. बुआई क्षेत्र के 50 प्रतिशत भाग में ही गेहूं की बुआई हुई है.
अमरावती संभाग में रब्बी मौसम के लिए 6 लाख 46 हजार 76 हेक्टर क्षेत्र उपलब्ध है. रब्बी के लिए उपलब्ध क्षेत्र में से 5 लाख 30 हजार 896 हेक्टर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है. गत वर्ष की तुलना में इस बार बुआई की गति व क्षेत्र बढ़ेगा. गत वर्ष इसी समय कुल बुआई क्षेत्र में से 3 लाख 40 हजार 410 हेक्टर क्षेत्र में बुआई हो चुकी थी.
इस वर्ष संभाग के अधिकांश क्षेत्र चने से भरा है. चना के लिए संभाग में 4 लाख 49 हजार 796 हेक्टर क्षेत्र होकर इसमें से 4 लाख 40 हजार 6 हेक्टर क्षेत्र में चने की बुआई को किसानों ने पसंद किया है. अमरावती जिले में सर्वाधिक क्षेत्र चने का होकर 110 प्रतिशत चना बोया गया है. इसके साथ ही वाशिम व बुलढाणा प्रत्येकी 104 प्रतिशत, यवतमाल 86 व अकोला जिले में यही प्रमाण 84 प्रतिशत है. गेहूं की बुआई संभाग में जनवरी तक चलने से बुआई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होेने की उम्मीद है. दरमियान अमरावती संभाग में गेहूं के लिए 1 लाख 59 हजार 639 हेक्टर क्षेत्र होकर इसमें से 80 हजार 53 हेक्टर क्षेत्र में बुआई हुई है.