अमरावती/दि.7 – अब तक स्थानीय स्वायत्त संस्था के चुनावों के लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. जिसका असर जिला नियोजन समिति पर भी देखा जा रहा है और जिले के नियोजन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इस समिति का गठन भी ठंडे बस्ते में पडा हुआ है.
करोडों रुपयों की निधि का विनियोग व नियोजन करने के लिए जिला नियोजन समिति की जरुरत पडती है. महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल मेें जिला नियोजन समिति का गठन हुआ था. लेकिन आगे चलकर राज्य मेें सत्तांतर हो गया और इसी दौरान महानगर पालिका व जिला परिषद से सभी स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल भी खत्म हो गया. जिसके चलते इन स्वायत्त संस्थाओं में प्रशासक राज शुरु हो गया और जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही जिला नियोजन समिति को भी बर्खास्त कर दिया. इस समय तक जिला परिषद व महानगर पालिका चुनाव का मामला अधर में लटका हुआ है तथा चुनाव कब तक होंगे, इसे लेकर सभ्रम देखा जा रहा है. जिसकी वजह से जिला नियोजन समिति के गठन का मामला भी अधर में लटका हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही जिला पालकमंत्री है और उनकी अध्यक्षता में जिला नियोजन समिति की एक बैठक अभी विगत दिनों ही हुई है. लेकिन अब सभी को नई जिला नियोजन समिति की गठन की प्रतीक्षा है. जिसमें जनप्रतिनिधियों का भी समावेश हो.
* प्रशासक राज से नेता परेशान
जिले का मीनी मंत्रालय कहीं जाती जिला परिषद से संबंधित करीब 16 विभाग है. इन विभागों से संबंधित समस्याओं से पहले जनप्रतिनिधियों द्बारा समय रहते हल किया जाता था. लेकिन अब अधिकारियों पर किसी का कोई अंकुश या नियंत्रण नहीं है. जिसके चलते अधिकारियों द्बारा इन कामों में रुचि नहीं दिखाई जाती. ऐसा कई पूर्व पदाधिकारियों का कहना है. जिनके मुताबिक वे चूंकि इस समय स्थानीय स्वायत्त निकाय के सदस्य नहीं है. ऐसे में उनका कहना कोई भी नहीं सुनता है.