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सुबह ६ बजे रेस्क्यू टीम ने शुरू किया खोज अभियान
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पेढी नदी के जोड नाले में १४ किलोमीटर तक छान मारा
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इससे पहले दो लोगों की मिली लाश, एक सकुशल बचा
वलगांव/प्रतिनिधि/दि.५-यहां से तीन किलोमीटर दूर स्थित आमला गांव के पास पेढी नदी से जुडनेवाले नाले में आयी बाढ में ४ दोस्त बह गये. सौभाग्य से एक दोस्त कुशल बच निकला. मगर उन तीनों में से एक की सुबह और एक दोस्त की लाश शाम के वक्त ७ किलोमीटर दूरी पर पेढी नदी में मिली. परंतू इनमें से तीसरा मित्र बाढ के पानी में कहा तक बहकर गया, यह पता नहीं चल पाया. आज तीसरे दिन भी जिला प्रशासन के आपातकालीन विभाग के अधिन काम करनेवाली रेस्क्यू टीम लगातार खोज कर रही है. पेढी नदी से नाले के १४ किलोमीटर परिसर में चप्पा-चप्पा खोज मारा, मगर तीसरे व्यक्ति का अब तक कही भी पता नहीं चल पाया. आज सुबह ६ बजे से फिर रेस्क्यू टीम खोज अभियान में जूट गयी है. बता दें कि, रविवार की रात काफी तेज बारिश शुरू थी. इस समय विनायक विश्वासराव कोरे, अंकूश सुरेशराव सगणे (२५), पद्माकर गोवर्धन वानखडे (४५) और सतीश अण्णाजी भुजाडे (४०) यह चारों मोटरसाईकिल से अपने गांव आमला वापिस जा रहे थे. रात ११.३० बजे गांव के पास स्थित पेढी नदी के जोडनाले के नीचले रपटे पर तेजी से बाढ का पानी बह रहा था. तब चारों ने अपनी मोटरसाईकिल नाले के किनारे खडी कर चैन बनाते हुए नाला पार करने का प्रयास किया.
चारों एक-दूसरे का हाथ पकडकर नाला पार कर रहे थे. इस समय अंकूश का हाथ छूट गया. हाथ छूटते ही चारों पानी की तेज धारा में जा गिरे और बहने लगे. मगर इस दौरान विनायक कोरे के हाथ नाले के किनारे लगी झाडियां लगी. उसने पलक झपकते ही झाडियों को पकडकर जैसे-तैसे नाले से बाहर निकलने में सफलता पायी. मगर तीनों दोस्त तेज बहाव में बह गये. रात के समय गांववालों ने उन्हें खोजने का प्रयास किया, मगर तेज बारिश व रात का अंधेरा होने के कारण उनके प्रयास विफल हुए. दूसरे दिन सुबह रेस्क्यू टीम घटनास्थल पहुंची. रपटे से कुछ दूरी पर अंकूश सगने की लाश बरामद हुई. इसके बाद शाम के वक्त घटनास्थल से ७ किलोमीटर दूर वलगांव के संत गाडगेबाबा वृध्दाश्रम के पास पेढी नदी में पद्माकर वानखडे की लाश बरामद हुई. पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा कर लाश पोस्टमार्टम के लिए रवाना की. कल दिनभर सतीश भुजाडे की खोज जारी रहीं, मगर कही पता नहीं चला. आज सुबह होते ही तीसरे दिन भी रेस्क्यू टीम सतीश भुजाडे को खोजने के लिए निकल पडी है. खबर लिखे जाने तक सतीश भुजाडे का कोई पता नहीं चल सका.