स्टॉक लिमिट के बाद भी खाद्यतेल के महंगे होने की संभावना
अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का असर कायम
अमरावती/दि.11– खाद्यतेलों की लगातार बढती कीमतों को ध्यान में रखते हुए उत्तरी क्षेत्र के पांच राज्यों को छोडकर समूचे देश में 1 फरवरी से खाद्यतेलों व तिलहनों का स्टॉक करने की लिमीट तय कर दी गई थी. वहीं अब उत्तरी क्षेत्र के पांचों राज्यों को भी 1 अप्रैल से स्टॉक लिमीट के दायरे में लाया गया है. लेेकिन इसके बावजूद दरवृध्दि के नियंत्रण में आने के कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहे है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होनेवाली गतिविधियों, विशेष तौर पर रूस व युक्रेन के बीच चल रहे युध्द का परिणाम खाद्य तेल दरवृध्दि पर कायम है. साथ ही स्टॉक लिमीट का नियम रहने के चलते तेल बिक्री भी सीमित पैमाने पर हो रही है. जिसके चलते मार्च माह में स्थिर रहनेवाली तेल की दरों के अगले कुछ दिनों में उछाल भरने के आसार है, ऐसे संकेत दिखाई दे रहे है.
बता दें कि, अब तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश व राजस्थान इन पांच राज्यों में तिलहनों व तेल के स्टॉक पर कोई मर्यादा नहीं थी. किंतु अब 1 अप्रैल से केंद्र सरकार ने इन पांचों राज्यों को भी स्टॉक लिमिट के दायर में ला लिया है. ऐसे में अब देश के सभी राज्यों में दिसंबर 2022 तक तिलहनों व तेल के स्टॉक पर नियंत्रण रहेगा. स्टॉक लिमीट लगाने के बाद भी तिलहनों व तेल के दामों में कमी आने के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे है, क्योकि इस समय चल रही अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का परिणाम तेल की आवक पर हुआ है.
बाजार सूत्रोें के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष 150 से 160 लाख टन तेल का आयात किया जाता है. जिसमें 70 से 80 लाख टन पाम तेल का समावेश होता है. साधारणत: 70 फीसद पाम तेल इंडोनेशिया व 20 फीसद पाम तेल मलेशिया से आयात होता है. वहीं इस समय रूस व युक्रेन के बीच चल रहे युध्द की वजह से सूर्यफुल के तेल की आयात घट गई है. भारत में प्रतिवर्ष 30 लाख टन तेल की आयात होती है. जिसमें से 70 फीसद सूर्यफुल तेल की आयात अकेले युक्रेन से होती है. इसके अलावा ब्राझील व अमरीका से भी सूर्यफुल तेल की आयात की जाती है, लेकिन इस वर्ष मौसम में हुए बदलाव की वजह से ब्राझील और अमरीका में सूर्यफुल के साथ-साथ सोयाबीन का उत्पादन कम हुआ. ऐसे में सोयाबीन तेल की आवक भी घट गई. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इन तमाम हालात को देखते हुए देश में चरणबध्द ढंग से खाद्य तेल के दाम बढ सकते है. वहीं दूसरी ओर खाद्यतेल के दाम नियंत्रण में रखने हेतु स्टॉक लिमीट के उपाय को अमल में लाया गया. जिसके तहत महानगरों से ग्रामीण स्तर तक प्रत्येक व्यापारी को अधिकतम 50 टन के स्टॉक की लिमीट दी गई है. किंतु यह खाद्य तेलों के दाम नियंत्रित रखने के लिए दिर्घकालीन उपाय नहीं हो सकता. क्योंकि व्यापारियों द्वारा बडे पैमाने पर खरीदी करने के बाद तेल के दाम स्थिर रहते है. परंतू स्टॉक लिमीट की वजह से व्यापारी भी तेल बिक्री का काम फूंक-फूंक कर करते है.
* अप्रैल में ऐसे रहेंगे भाव (15 लीटर डिब्बा)
सूर्यफुल – 2,550 से 2,700
पाम तेल – 2,200 से 2,400
मूंगफल्ली – 2,650 से 2,750
सरकी – 2,400 से 2,600