अमरावती का धनादेश नागपुर पहुंचा, बैंक की सतर्कता से टली जालसाजी
सतर्कता से बची 1,31,410 रुपयों की रकम, फ्रॉड खाते की जांच को लेकर उठ रही मांग

अमरावती /दि.16– यहां की एक बैंक में डिपॉजिट हेतु दिया गया धनादेश नागपुर की एक बैंक में पहुंच गया, परंतु बैंक प्रबंधक की सतर्कता के चलते 1,31,410 रुपयों की रकम का फ्रॉड होने से बच गया. यह मामला उजागर होते ही डॉ. अशोक पलवेकर ने विगत 9 जुलाई को सेंट्रल बैंक प्रबंधक के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विगत 30 जून 2025 को डॉ. अशोक पलवेकर ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र की साईनगर शाखा के अपने खाते का 1 लाख 31 हजार 410 रुपयों का धनादेश सीए रतन शर्मा को दिया था. जिसे सीए रतन शर्मा ने जमा कराने हेतु 1 जुलाई को सेंट्रल बैंक के ड्रॉ बॉक्स में डाला था. जिसके बाद 3 जुलाई को डॉ. पलवेकर के मोबाइल पर खाते से रकम डेबीट होने का मैसेज आया, लेकिन उस मैसेज में ‘इन फेवरिंग ऑफ रतन शर्मा’ की बजाए ‘इन फेवरिंग ऑफ पारसमनी खरेल’ लिखा हुआ था, यानि वह रकम सीए रतन शर्मा के खाते की बजाए किसी पारसमनी खरेल के खाते में जमा हुई थी. जिसके चलते शुरुआत में डॉ. पलवेकर को थोडा संदेह भी हुआ. हालांकि खाते से रकम की कटौती हो जाने के चलते उन्होंने सीए रतन शर्मा को अपने काम की अगली प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा. लेकिन उन्हें आश्चर्य का झटका लगा, जब सीए रतन शर्मा ने उन्हें बताया कि, उनके खाते में तो कोई रकम ही जमा नहीं हुई है. जिसके चलते डॉ. पलवेकर को अपने साथ कोई फ्रॉड होने की बात समझ में आई. सीए शर्मा के पास चेक डिपॉजिट हेतु दिए जाने की काऊंटर स्लिप थी. लेकिन सेंट्रल बैंक के अधिकारियों ने अपने पास उस धनादेश से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं रहने की बात कही. आखिरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारियों द्वारा मुंबई के क्लिअरिंग सेक्शन को इस बारे में सूचित किए जाने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.
* सेंट्रल बैंक में ही ‘लुपहोल’ रहने का संदेह
धनादेश पर कांटछाट रहने की बात सेंट्रल बैंक के मैनेजर के ध्यान में आई. जिसके चलते जिस खाते में वह रकम जमा हुई थी, उसे होल्ड पर रखा गया. डॉ. पलवेकर के साथ बातचीत होने के उपरांत बैंक के मैनेजर ने उस चेक का फोटो महाराष्ट्र बैंक के मैनेजर के मोबाइल पर भेजा. चेक पर कांटछाट बडी सफाई के साथ की गई थी और ऐसा कोई शातिर दिमाग पेशेवार अपराधी ही कर सकता है. जिसके चलते उस संदेहित खाते व खाताधारक की सघन जांच किए जाने की जरुरत है. क्योंकि इसके जरिए फ्रॉड करनेवाले किसी रैकेट का खुलासा हो सकता है.
* नागपुर की युनियन बैंक के व्यवस्थापक बोरीकर की सतर्कता से मेरे 1 लाख 31 हजार 410 रुपए सुरक्षित बच गए अन्यथा मुझे यह रकम नाहक गवानी पडती. धनादेश चोरी होने को लेकर बैंक के पास शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसकी सघन जांच कराए जाने की जरुरत है.
– डॉ. अशोक पलवेकर





