जस्टिस गवई के सत्कार से अमरावती का विधि क्षेत्र गदगद

अनेक ने कहा - आसमान छू लिया किंतु पैर जमीन पर

* अधिकांश ने कहा- हम सौभाग्यवान कि सीेजेआई का कर रहे सत्कार
* और उन्नति कर बनने चाहिए राष्ट्रपति
अमरावती/ दि. 24- देश के सीजेआई और अमरावती की माटी के अपने सपूत जस्टिस भूषण गवई के कल 25 जून बुधवार की शाम होेने जा रहे भव्य नागरी अभिनंदन- रक्ततुला सत्कार को लेेकर जिला वकील संघ जहां अत्यंत प्रसन्न है, गदगद हैं. पूरे उत्साह से कल के ऐतिहासिक ा सत्कार को चिर स्मरणीय बनाने प्रयासरत है. इसी बीच अमरावती के विधि क्षेत्र से अमरावती मंडल ने बात की तो हर कोई गर्वित, प्रफुल्लित नजर आया. प्रत्येक ने इस आयोजन, इस क्षण को जीवन में एक बार आनेवाला अवसर बतलाया. अमरावती के सपूत के डाउन ट्राडन क्षेत्र से देश के बडे संवैधानिक पद पर अपनी योग्यता के आधार पर पहुंचने को गौरवपूर्ण उपलब्धि बतलाया. अधिकांश वकीलों ने कहा कि अमरावती शहर को देश में दो बार बडे संवैधानिक पद हासिल होने का बहुमान मिला है. अनेक ने कहा कि जस्टिस गवई की योग्यता देखते हुए उनकी तरक्की होनी चाहिए. वे भविष्य में राष्ट्रपति भी बनाए जाने चाहिए.

वंचित घटक को न्याय देने का मानस
जिला सरकारी अभियोक्ता एड.परीक्षित गणोरकर ने अपार आनंद और गौरव की अनुभूति होने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह बेला समस्त अमरावती, विदर्भ और महाराष्ट्र के लिए सुखद हैं. सर्वोच्च स्थान पर आज अमरावती के भूषण गवई साहब बैठेे हैं. ऐसे में आनंद अपार हो रहा है. इसीलिए वकील संघ उनके नागरी अभिनंदन हेतु जोर शोर से तैयारी में जुटा है. अमरावती को राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटिल के रूप में पहले भी सर्वोच्च संवैधानिक पद प्राप्त हो चुका हैं. जस्टिस गवई भी प्रतिभाताई पाटिल समान समाज के अंतिम व वंचित घटक तक न्याय पहुंचाने का मानस रखते हैं. उनकी प्रत्येक कृति समाज के वंचित घटक के भले के लिए रहती आयी है.

हम बडे उत्साहित
जिला वकील संघ के अध्यक्ष रह चुके एड. शोएब खान ने कहा कि आज हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है. हमारे शहर के बेहतरीन व्यक्तित्व सीजेआई बनकर पधार रहे हैं. जस्टिस भूषण गवई वह शख्सियत है जिन पर सभी को नाज है. हम उनके सत्कार समारोह को लेकर बडे एक्साइटेड हैं, उत्साहित हैं. अमरावती से राष्ट्रपति भी बने हैं. इस बात का हमें बडा गौरव हैं. शहर का नाम देश दुनिया में रोशन हो रहा हैं. गवई साहब इंसाफ परस्त व्यक्ति हैं. उनके सीजेआई बनने से सभी बडे प्रसन्न हैं. हम सभी अब कल की उस घडी का इंतजार कर रहे हैैं. जब उनका नागरी अभिनंदन उनकी अपनी मातृभूमि में होगा.

राष्ट्रपति बनने योग्य व्यक्तित्व
एड अनिल कडू ने कहा कि जस्टिस गवई अपनी योग्यता के बल पर आज इस बडे संवैधानिक पद पहुंचे हैं. इस बात का भी सभी को गर्व हैं. प्रसन्नता और गौरव इस बात का भी है कि जस्टिस गवई आसमान छूने के बावजूद जमीन पर बने हुए हैं. तनिक भी अभिमान नहीं करते. हम उनका नागरी अभिनंदन करने जा रहे हैं. हमारे अपने अमरावती का व्यक्ति प्रधान न्यायाधीश बना हैं. यह बात हम पीढियों तक बतायेेंगे. अमरावती को दूसरी बार बडे संवैधानिक पद की प्राप्ति हुई है. इसलिए हर कोई उत्साह से कल के अभिनंदन में सहभागी होने, ऐतिहासिक क्षणों का साक्षीदार होने वाले हैं. यह बात सोचकर हर कोई रोमांचित हैं. एड अनिल कडू ने कहा कि जस्टिस गवई की योग्यता राष्ट्रपति बनने की है. उनकी उन्नति की हम सभी कामना करते हैं.


हमारे बडे भ्राता के गौरव के अनुभूति
जिला वकील संघ के अध्यक्ष रह चुके और वरिष्ठ एड. प्रशांत देशपांडे ने कहा कि अमरावती के चाहते जस्टिस भूषण गवई को लडकपन से देखा है. वे आज आकाश पर जा पहुंचे हैं. किंतु उनके पांव आज भी जमीन पर हैं. हमें उनका सत्कार करते हुए निश्चित ही अपूर्व गौरव की अनुभूति हो रही है. साथ ही यह भी लगता है कि हम हमारे बडे भाई का अभिनंदन करने जा रहे हैं. एड. देशपांडे ने कहा कि जस्टिस गवई की रक्त तुला के लिए जिस हिसाब से गणमान्यों ने स्वयंस्फूर्ति से रक्तदान किया. वह दर्शाता है कि जस्टिस गवई कितने लोकप्रिय है. कल उनके आगमन की आतुरता सभी को हैं. उनका नागरी अभिनंदन और रक्त तुला का कार्यक्रम अभूतपूर्व होने जा रहा हैं.

सामान्य लोगों तक न्याय
एड. दिलीप तिवारी ने कहा कि जस्टिस गवई ने विधि क्षेत्र में निश्चित ही बडा योगदान किया है. वे आज योग्यता के बल पर प्रधान न्यायाधीश पद तक पहुंचे हैं. इस बात का सभी अमरावतीवासियों को गर्व है. एड. तिवारी ने कहा कि संविधान को अपेक्षित न्याय को सामान्य लोगों तक पहुंचाने का भरसक प्रयत्न जस्टिस गवई करते आए हैं.


अर्श से शीर्ष पर पहुंचे, तनिक भी घमंड नहीं
एड. दीप मिश्रा ने कहा कि निश्चित ही जस्टिस भूषण गवई अमरावती के भ्ाूमिपुत्र हैं. उनका सर्वोच्च पद पर पहुंचना अर्श से शीर्ष पर जाने समान हैं. अमरावती के लिए अभिमान की बात हैं. आज भी डाउन टू अर्थ व्यक्तित्व हैं. सैकडों बार सदस्यों से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं और प्रत्येक को वे नाम से पुकारते हैं. किसी व्यक्ति के सीजेआय बनने पर उनसे मिलना तक मुश्किल रहता है. किंतु हमारे जस्टिस गवई के साथ ऐसा नहीं है. जूनियर से जूनियर वकील भी उनसे बात कर सकता हैं. वे कोई भेदभाव नहीं रखते. संविधान के प्रति निष्ठा और विश्वास अटूट है. खुद कह चुके है कि न संसद सर्वोच्च है न न्यायालय. संविधान सर्वोच्च है. जस्टिस गवई की संविधान निष्ठा अनेक मान्यवरों द्बारा सराही जा चुकी है.

सबके प्रति प्रेम भाव अनूठा
प्रसिध्द फौजदारी वकील प्रशांत भेलांडे ने कहा कि अमरावती के लिए भूषणास्पद बात है कि यहां पढा और आगे बढा युवक आज देश का प्रधान न्यायाधीश है. गत वर्षो में हमने यह प्रवास देखा हैं. लॉ कॉलेज से पढकर सरकारी वकील बनना उपरांत उच्च न्यायालय में जज और उपरांत सर्वोच्च न्यायालय में जज पश्चात सीजेआई बने हैं. उनसे मिलनेवाला उनका मुरीद हो जाता है. सभी पर प्रेमभाव रखते हैं. अमरावती के लिए अपार खुशी की बात हैं. उनका कल होने जा रहा सत्कार हम सभी के लिए जीवन भर का प्रसंग बनने वाला है. अगले 50 वर्षो में ऐसा प्रसंग दोबारा होने की संभावना कम हैं.


विधि क्षेत्र के लिए आदर्श
सहकारिता क्षेत्र के निष्णांत वकील एड. सतीश गट्टानी ने कहा कि जस्टिस भूषण गवई विधि क्षेत्र के लिए आदर्श व्यक्तित्व हैं. उनका अंबा नगरी में अर्थातुन के गृह नगर में नागरी अभिनंदन होने जा रहा हैं. यह एतिहासिक बेला हैं. इसका हम सभी को साक्षीदार बनने का सौभाग्य मिल रहा है. देखा जाए तो जस्टिस गवई अनुशासित और संविधाननिष्ठ व्यक्तित्व हैं. साथ ही उतने ही सहज और सरल और डाउन टू अर्थ व्यक्ति हैं. युवा पीढी को उनका आदर्श लेना चाहिए.

प्रैक्टीकल ओरियंटेड जस्टिस
शहर के वरिष्ठ वकील अशोक जैन ने कहा कि जस्टिस गवई प्रैक्टीकल ओरियंटेड जज हैं. उन्होंने बचपन से ही अपने पिता दादासाहब गवई की उंगली पकडकर विविध क्षेत्र में काम किया और नॉलेज लिया. उसी प्रकार उनके पुस्तक पढने के चांव ने उन्हें जानकारी से अपडेट किया. वे पुस्तकें खरीदते और पढते तथा लगातार समाज की विभिन्न क्षेत्र की प्रत्येक बात पर गौर करते. पिता दादासाहब के कारण उन्होंने ग्राउंड लेवल पर पंचायत समिति से लेकर महापालिका, जिला परिषद तक होनेवाला कामकाज देखा. एड. जैन ने बताया कि जस्टिस गवई के पढने के शौक ने उन्हें बुध्दीजीवी बना दिया. वे नागपुर खंडपीठ में प्रैक्टीस करते समय उनका जस्टिस बोबडे, एड. गिल्डा, एड. गुप्ता और अन्य अनेक वरिष्ठ वकीलों का समूह बना था. जो विभिन्न कानूनों की बारीकियों को ध्यान देता. एक- एक विषय पर अध्ययन कर एक- एक व्यक्ति सभी को बतलाते. इससे जानकारी और समझ बढती गई. उनका काम करने का लेवल भी बढता गया. नागपुर में सरकारी वकील जीपी रहते उनका गृह मंत्रालय से सरोकार रहता. इससे भी जस्टिस गवई की नॉलेज बढती गई. साख बढती गई. उनका सीधा सरल स्वभाव आज भी प्रत्येक को उनकी ओर आकृष्ट करता है. उनमें न कोई घमंड है न ईर्ष्या. एड. जैन ने बताया कि जस्टिस गवई के विभिन्न जजमेंट से इस बात की ्रझलक मिलती है कि वे संविधान के प्रति कितनी निष्ठा रखते हैं. प्रत्येक फैसले में डेफ्थ नजर आती है. निश्चित ही यह उनके गहन अध्ययन का परिचायक है. वे जस्टिस ऑफ मास हैं. एड. जैन ने कहा कि हाल ही में लंदन में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए जस्टिस भूषण गवई ने आरबीट्रेशन को भारत में हजारों वर्षोे से चली आ रही पंचायत व्यवस्था समान बताया. ग्राउंड लेवल पर काफी कुछ जाननेवाले जस्टिस गवई निश्चित ही अमरावती के लिए गौरवपूर्ण शख्सियत हैं. उनका सत्कार करते हुए अमरावती वकील संघ और हम सभी गदगद हैं.

Back to top button