बीजेपी से राज्यस्तर पर हो सकती है युति

महापालिका चुनाव पर बोले पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंदराव अडसूल

* दूसरे दौर की वार्ता शीघ्र, अमरावती में शिवसेना ने चाही है 25 सीटें
* हर विषय में जगदीश गुप्ता को पूछना जरूरी नहीं
अमरावती/ दि. 19-शिवसेना शिंदे गट के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंदराव अडसूल ने दोहराया कि महापालिका चुनाव के वास्ते बीजेपी और शिवसेना का गठजोड राज्यस्तर पर होगा. गठबंधन के लिए बीेजेपी से पहले प्रस्ताव आने का दावा कर पूर्व सांसद अडसूल ने कहा कि प्राथमिक ्रस्तर की बातचीत नागपुर शीतसत्र के तुरंत पश्चात हो चुकी है. वार्ता का अगला दौर शीघ्र 21-22 दिसंबर को हो सकता है. 23 दिसंबर से मनपा चुनाव का नामांकन शुरू होना है. 21 दिसंबर को ही पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव के परिणाम घोषित होने हैं. आनंदराव अडसूल गुरूवार शाम उनके विष्णु नगर स्थित बंगले पर अमरावती मंडल से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने विविध विषयों के साथ ही खास तौर से अमरावती महापालिका चुनाव हेतु शिवसेना शिंदे गट की रणनीति और संबंधित बातों पर चर्चा की. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जगदीश गुप्ता के साथ हर विषय पर चर्चा उन्हें आवश्यक नहीं लगती. तथापि गुप्ता पार्टी के महत्वपूर्ण नेता है. पश्चिम विदर्भ सहसंपर्क प्रमुख है. जहां उनकी आवश्यकता होगी. पार्टी उन्हें अवश्य साथ लेगी.
संजय कुटे लेकर आए सीएम का प्रस्ताव
आनंदराव अडसूल ने बताया कि बीजेपी विधायक और अमरावती महापालिका चुनाव प्रभारी डॉ. संजय कुटे मनपा चुनाव के लिए गठजोड का प्रस्ताव मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के निर्देश पर लाए. जिसके कारण नागपुर मेें ही प्राथमिक चर्चा हुई. शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने स्पष्ट कर दिया कि भाजपा के साथ पार्टी का समन्वय राज्यव्यापी होगा. बेशक इसमें मुंबई महापालिका का समावेश होगा. उन्होंने बताया कि अभी कुछ तय नहीं है.
25 सीटों पर धनुष्य बाण
शिवसेना वरिष्ठ नेता ने बताया कि अमरावती महापालिका में बीजेपी से तालमेल के लिए उनकी पार्टी ने कम से कम 25 सीटों पर धनुष्य बाण के उम्मीदवार उतारने की तैयारी दर्शाई है. साथ ही पांच बार के सांसद ने यह भी संकेत दिया कि शिवसेना के सभी निवर्तमान सात नगरसेवकों को पुन: मैदान में उतारा जायेगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि गठजोड नहीं होता है तो शिवसेना सभी 87 सीटों पर उम्मीदवार खडे करेगी. अमरावती शिवसेना का बालेकिला रहा है. यहां पार्टी के पास तगडे, जीताउ उम्मीदवार हैं. महिला कार्यकर्ताओं की भी शिवसेना के पास फौज है. पढी- लिखी, सक्षम उम्मीदवार शिवसेना के पास रहने का दावा लोकसभा में दो बार अमरावती तथा तीन बार बुलढाणा का प्रभावी प्रतिनिधित्व कर चुके आनंदराव अडसूल ने किया. वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी थे.
जगदीश गुप्ता को हर बात बताना जरूरी है क्या ?
शिवसेना में पश्चिम विदर्भ उप संपर्क प्रमुख बनाए गये जगदीश गुप्ता के साथ संबंधों और गुप्ता की कथित नाराजी के बारे में पूछते ही आनंदराव अडसूल ने स्पष्ट किया कि पार्टी की मनपा चुनाव की रणनीति से गुप्ता को दूर नहीं रखा गया है. गुप्ता का ही रवैया कुछ अलग है. हर चीज में उन्हें विश्वास में लिया जा रहा है. किंतु प्रश्न यह भी है कि क्या हुआ, क्या नहीं. हर बात की जानकारी उन्हें देना जरूरी है क्या ?
पालिका चुनाव में बुलाकर ले गये
आनंदराव अडसूल ने बताया कि नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव दौरान प्रत्येक गतिविधि में जगदीश गुप्ता को शामिल किया गया था. वे स्वयं गुप्ता को बुलाकर अपने साथ ले गये थे. कभी कभी किसी मीटिंग में नहीं रहे होंगे. उनका रवैया ऐसा है कि मुझे बोलकर ही कुछ करना चाहिए. आनंदराव अडसूल ने बताया कि गुरूवार को उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अंजनगांव प्रचार दौरे के समय फोन कर उन्हें (जगदीश गुप्ता) को आने कहा गया. जब शिंदे मुंबई लौट रहे थे तो अमरावती विमानतल पर मिले थोडे समय में समय निकालकर जगदीश गुप्ता की खुद उन्होंने शिंदे से भेंट करवार्ई. गलत फहमी दूर करने का प्रयास किया गया. गुप्ता ने भी मान लिया है कि इकट्ठा मिलकर काम करना है. अडसूल ने बताया कि जगदीश गुप्ता शिवसेना की कमेटी में रहेंगे. जो चुनाव संबंधी सभी निर्णय करेगी.
शिवसेना मजबूत
उन्होंने अमरावती में शिवसेना के सुदृढ होने का दावा कर उप नेता ज्ञानेश्वर धाने पाटिल, उपनेता प्रीति संजय बंड, संपर्क प्रमुख श्याम देशमुख सहित सभी जिला प्रमुख और पदाधिकारियों के कारण पार्टी नगर परिषद तथा नगर पंचायत के बाद अब महापालिका और इसके बाद जिला परिषद, पंचायत समिति ने भी जोरदार प्रदर्शन के लिए तैयार हैं. शिवसेना की महापालिका और मिनी मंत्रालय में चुनाव बाद भी महत्वपूर्ण भूमिका रहनेवाली है, ऐसा दावा अडसूल ने किया.
केवल इलेक्शन के लिए अमरावती आते ?
आनंदराव अडसूल से पूछा गया कि वे और उनके पुत्र कैप्टन अभिजीत अडसूल मात्र चुनाव मौसम में ही अमरावती आते हैं ? इस पर आनंदराव ने तपाक से कहा कि अमरावती की जनता ने ही उन्हें चुनाव में पराजित किया. अन्यथा उनके जितना लोकसभा सदस्य के रूप में विकास कार्य बीते अनेक दशकों में किसी सांसद ने नहीं किया हैं. उन्होंने अपने अनेक कार्य गिनवा दिए. साथ ही यह भी कहा कि अभी वे अमरावती में अधिक समय तक रहेंगे.
दो वर्षो में शुरू करवाई नरखेड लाइन
सांसद रहे अडसूल ने वर्तमान और इसके पूर्व के संसद सदस्यों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए अपने काम और प्रोजेक्ट गिनवाए. उन्होंने दावा किया कि बरसों से प्रलंबित नरखेड रेल लाइन उन्होंने दो वर्षो मेें शुरू करवाई. वैगन मरम्मत कारखाना बडनेरा में स्थापित किया. फिनले मिल शुरू करवाई. आकाशवाणी और एयर पोर्ट के काम भी उन्होंने ही प्रशस्त किए. शकुंतला रेलवे ब्रॉडगेज का प्रस्ताव उन्होंने कर दिया था.
काम करना और नाटकबाजी करना अलग- अलग
पूर्व केंद्रीय मंत्री अडसूल ने वर्तमान और पूर्व सांसदों के नाम लिए बगैर ताना मारा कि काम करना तथा काम करने का नाटक करना अलग बात हैं. उन्होंने जमीन पर कार्य साकार किए हैं. यही अंतर हैं. अडसूल ने अपने दौर को स्मरण कराते हुए विकास की राजनीति करने का दावा कर तत्कालीन कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर, बच्चू कडू को साथ लेकर कई परियोजनाओं को साकार करने का दावा किया. चित्रा चौक- पठान चौक उडानपुल का भूमिपूजन जिले के सभी प्रमुख नेताओं के साथ मिलकर करने का उल्लेख किया. यह भी बताया कि केवल रवि राणा दूर रहे थे. अडसूल ने आज भी उडानपुल आधा अधूरा रहने के लिए कालांतर के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी को दोषी ठहराया. रवि राणा के साथ पैचअप की चर्चा को उन्होंने अभी रोक दिया.
शहर विकास के अनेक कार्य
उन्होंने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास होने से अमरावती के विकास के अनेक कार्य और प्रोजेक्ट साकार किए जा सकते हैं. अमरावती की जनता का साथ शिवसेना को मिलना चाहिए. अडसूल ने बताया कि बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं, नागरी सुविधाएं , हॉकर्स झोन, अपडेट स्मशान भूमि, बाग बगीचे, प्लेग्राउंड और सभी को शुध्द पेयजल उपलब्ध करवाने पर शिवसेना काम करेगी. शिंदे सेना की कार्यपध्दति ऐसी है कि मुद्दा उठाए तो उसे पूर्ण अवश्य किया जाता है. उन्होंने अमरावती शहर की भूमिगत गटर योजना के प्रलंबित रहने के पीछे भी भ्रष्टाचार का आरोप किया.
उन्होंने अमरावती के केमिकल झोन के प्रलंबित रहने के पीछे भी नाम लिए बगैर तत्कालीन विधायक के विरोध का उल्लेख किया. अडसूल ने दावा किया कि अमरावती का प्रस्तावित केमिकल झोन अब ठाणे जिले में साकार हो गया है. यहां इच्छा शक्ति के अभाव में अच्छे और बडे औद्योगिक प्रकल्प भी नहीं आ रहे हैं.

Back to top button