श्री लक्ष्मीकांत गणेशोत्सव मंडल में साकार होगी ‘बादामी केव्ह टेम्पल’ की आकर्षक झांकी
इस वर्ष मंडल का 110 वें साल में पदार्पण

* सार्वजनिक मंडलों में सबसे प्राचीन मंडल
* नई कार्यकारिणी का गठन
* विलास इंगोले को सौंपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी
अमरावती/दि.5 – परकोटा के अंदर की सबसे प्राचीन गणेशोत्सव परंपरा, श्री लक्ष्मीकांत गणोत्सव मंडल, अंबागेट, ने हाल ही में 109 वर्ष पूरे कर लिए हैं और अपने 110वें वर्ष में पदार्पण कर लिया है. यह गणेशोत्सव, जिसे पुराने अमरावती निवासी ‘हाडपक्या गणपति’ के नाम से जानते हैं, इस वर्ष मंडल में बादामी केव्ह टेम्पल यानी बदामी गुफा मंदिर की झांकी साकार की जा रही है.
अमरावती शहर के परकोटा के अंदर के सभी गणेश मंडलों एक महान परंपरा रही है. यह मंडल शहर के सार्वजनिक मंडलों में सबसे प्राचीन है. इस मंडल का इतिहास भी उतना ही रोचक है. गणेशोत्सव की शुरुआत करने वाले लोकमान्य तिलक से प्रेरित होकर, 1916 में महान समाजसेवी पद्मश्री डॉ. शिवाजीराव पटवर्धन, वीर वामनराव जोशी, बापूसाहब कारंजकर और उनके कुछ सहयोगियों ने सामाजिक कार्यों को आगे बढाने के उद्देश्य से लक्ष्मीकांत गणेशोत्सव मंडल की स्थापना की. अमरावती शहर ही नहीं, बल्कि अमरावती जिले में भी लक्ष्मीकांत मंडल अपनी शताब्दी मनाने वाला एकमात्र मंडल है. यह मंडल स्वतंत्रता आंदोलन में भी शामिल रहा था.
* 1942 में राष्ट्रसंत ने दिया था व्याख्यान
1942 में, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ने मंडल में एक व्याख्यान दिया था. लक्ष्मीकांत मंडल सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय है. मंडल ने खेल के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है. क्लब के खिलाडियों ने कबड्डी, तैराकी, वाटर पोलो, कुश्ती आदि खेलों में स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता हासिल करके विदर्भ को प्रसिद्ध किया है.
* ऐतिहासिक है गणेशोत्सव
आजादी से पहले, भारत छोडो आंदोलन के दौरान, परकोटे में गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान लगे कर्फ्यू के कारण एक-दो महीने तक गणपति प्रतिमा का विसर्जन नहीं हो पाया था, इसलिए पुलिस सुरक्षा में हडपका में गणपति प्रतिमा का विसर्जन किया गया था. तब से, यह गणपति प्रतिमा हडपका में यानी पितृपक्ष में ही विसर्जित की जाती है.
* विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन
लक्ष्मीकांत मंडल नियमित रूप से राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर, बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता आदि का आयोजन करता है.
* हर साल एक आकर्षक झांकी
लक्ष्मीकांत मंडल हर साल एक आकर्षक झांकी साकार करता है. पिछले साल मंडल ने राम दरबार, कैंपफोर्ट मंदिर (बेंगलुरु), लोटस टेंपल, गजानन महाराज मंदिर (शेगांव), विट्ठल रुक्मिणी दर्शन और प्रसिद्ध प्राकृतिक नजारे का भव्य और आकर्षक नजारा प्रस्तुत किया था. नागरिकों ने इसे बड़े पैमाने पर सराहा और बड़ी संख्या में नागरिक इस नजारे को देखने के लिए उमड पडे थे.
इस वर्ष की कार्यकारिणी में इन गणमान्यों का समावेश
इस वर्ष की कार्यकारिणी में अध्यक्ष विलास इंगोले, कार्यकारी अध्यक्ष- राजाभाऊ याउल, उपाध्यक्ष- डॉ. अशोक लांडे, मनोज भेले, मनोज हिवसे, कोषाध्यक्ष- शेखर ताकपीरे, सह-कोषाध्यक्ष- नीलेश सोलंके, सचिव सौरभ याउल, उमेश शिष्टे, संयुक्त सचिव- चेतन बाउल, आदित्य हिवसे, आशीष लाड, गौरव गुल्हाने, अभिषेक तायवाडे, सलाहकार समिति में डॉ. सुनील स्वामी, डॉ. सौरभ लांडे, डॉ. तुषार गुल्हाने, डॉ. अजय लाड, जितेंद्र भेले, गिरीश मिसे, राजेंद्र लाड, शाम खेरडे, नितीन पांढरे, प्रा. मनोज अंबाडकर, मनिष भुतडा, हरीश शिष्टे, अरविंद शिरभाते, महेश गुप्ता, रविंद्र चावंडे, नितीन शिवरात्रिवार, राजेंद्र पुरोहित, बाल्या वानखडे, राजेश जयस्वाल, नीलेश लामकाने, मनोज पवार, विनोद वर्मा, रुपेश गुल्हाने, नितीन सोलंके, विजय पिंपर्ते, दिलीप लाड, रवि तायवाडे, अरविंद जयस्वाल, अविनाश अजमिरे, देवेंद्र सवई, अभिजीत पत्रे, राजेश चांवडे शामिल है. तथा कार्यकारिणी सदस्यों में प्रमोद वर्मा, बाल्या खेरडे, राहुल चौधरकर, शेखर आंबेकर, प्रमोदअंबाडकर, रितेश खरे, मुकुंद पवार, योगेश गुल्हाने, हिमांशु राजगुरे, प्रतिक अजमिरे, राहुल लाड, शंतनु शिरभाते, पंकज सोनोने, पंकज गनथडे, प्रविण पडोळ, शुभम पवार, पप्पु बनसोड, पंकज जयस्वाल, सतिश परिहार, अरुण मकवाने, विजय शिष्टे, निकेश लाड, अनिल सातपुते, सागर गनथडे, योगेश ताकपिरे, लोकेश पुरोहित, अमित भेले, दक्ष किल्लेकर का समावेश है.





