डफरीन के ‘उस’ शिशु मामले में आखिर जांच समिति गठित
दो जीवित नवजातों को मृत बताए जाने को लेकर मचा था हंगामा

अमरावती/दि.20– स्थानीय जिला स्त्री अस्पताल में एक महिला का नैसर्गिक गर्भपात होने के बाद उसके दो अर्भक जीवित रहने के बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा उन अर्भको को मृत बताए जाने का आरोप गर्भवती महिला के रिश्तेदारों ने लगाया था. साथ ही यह मामला सामने आने पर अच्छा-खासा हंगामा भी मचा था. जिसके बाद आखिरकार अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक की अध्यक्षता के तहत जांच समिति गठित की. जिसके चलते अब शिकायत में कोई तथ्य पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसा अस्पताल प्रशासन का कहना है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय लालखडी परिसर में रहनेवाली 25 वर्षीय विवाहिता 20 सप्ताह की गर्भवती थी. जिसका बुधवार की सुबह 7.30 बजे नैसर्गिक गर्भपात हुआ. इस समय पहला अर्भक गर्भ से बाहर आया, वहीं कुछ घंटे के अंतराल पश्चात और दो अर्भक भी गर्भ से बाहर निकल आए. इन तीनों अर्भकों को मृत बताते हुए उन्हें उनके परिजनों के स्वाधिन कर दिया गया. परंतु दफनविधि के दौरान इसमें से दो अर्भकों के जीवित रहने की बात रिश्तेदारों के ध्यान में आते ही उन्होंने दोनों अर्भकों को दुबारा अस्पताल लाया और उन्हें एसएनसीयू में रखा गया. परंतु कुछ समय बाद उन्हें दुबारा मृत बताते हुए एक बार फिर उनके रिश्तेदारों के हवाले किया गया. लेकिन रिश्तेदारों ने पहली बार दोनों अर्भकों के जीवित रहने के बावजूद उन्हें अस्पताल के मेडीकल स्टॉफ द्वारा मृत बताए जाने का आरोप लगाते हुए संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठाई थी. जिसके चलते अब अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच करने हेतु अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक की अध्यक्षता की तहत समिति गठित की है.
* संबंधित महिला के परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के मद्देनजर एसीएस की अध्यक्षता के तहत जांच समिति गठित की गई है. जांच में कोई भी तथ्य पाए जाने पर योग्य व आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
– डॉ. विनोद पवार
वैद्यकीय अधीक्षक, जिला स्त्री अस्पताल.





