‘लाडली बहन’ का लाभ लेने एक ओर नियम लागू
अब पति व पिता की ई-केवाईसी कराना होगा अनिवार्य

मुंबई /दि.1- विधानसभा चुनाव में महायुति को जमकर वोट दिलानेवाली लाडली बहन योजना में शामिल बोगस लाभार्थियों को खोजकर निकालने हेतु विगत कुछ दिनों से राज्य में युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है. क्योंकि लाडली बहन योजना की वजह से राज्य सरकार की तिजोरी पर जबरदस्त आर्थिक बोझ पड रहा है. विधानसभा चुनाव के समय वोटों की लाचारी के चलते राज्य सरकार ने इस योजना के मानकों के पालन की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया था. लेकिन अब आर्थिक बोझ अधिक हो जाने के चलते राज्य की महायुति सरकार द्वारा प्रत्येक नियम व शर्त पर बेहद कडाई के साथ अमल करते हुए बोगस लाभार्थियों को योजना से बाहर किया जा रहा है. जिसके तहत राज्य सरकार ने लाडली बहन योजना के लिए अब एक और महत्वपूर्ण नियम लागू किया है. जिसके मुताबिक इस योजना में शामिल महिला लाभार्थियों के साथ ही उनके पति या पिता की भी ई-केवाईसी करना अनिवार्य किया गया है. इस नियम के लागू होते ही लाडली बहन योजना में महिला लाभार्थियों की संख्या और भी अधिक घट सकती है.
पता चला है कि, लाडली बहन योजना में शामिल महिला लाभार्थी के साथ ही उसके पति अथवा पिता की वार्षिक आय कितनी है, अब इसकी पडताल राज्य सरकार द्वारा की जाएगी. लाभार्थी महिला की आय सहित यदि उसके पिता अथवा पति की आय को मिलाकर सालाना ढाई लाख रुपए से अधिक आय पाई जाती है, तो ऐसी महिलाओं को लाडली बहन योजना हेतु अपात्र ठहराया जाएगा. ज्ञात रहे कि, लाडली बहन योजना में परिवार की सालाना आय ढाई लाख रुपए से अधिक नहीं रहने की मुख्य शर्त का उल्लेख है. परंतु इससे अधिक आय रहनेवाले कई परिवारों की महिलाओं द्वारा इस योजना का लाभ उठाया जा रहा है. यद्यपि योजना हेतु पात्र रहनेवाली महिलाओं की व्यक्तिगत आय इससे कम दर्शायी गई है, परंतु अब लाभार्थी महिला के अविवाहित रहने पर उसके पिता और विवाहित रहने पर उसके पति की आय के बारे में भी पडताल की जा रही है. जिसके लिए राज्य सरकार ने परिवार की कुल आय खोजने हेतु लाभार्थी महिलाओं के पति अथवा पिता की ई-केवाईसी करना अनिवार्य कर दिया है.





