उत्तराखंड में फंसे अकोला के भाविकों हेतु उत्तरकाशी के आश्रम में व्यवस्था

वागेश्वर संस्थान का उत्तरकाशी में है आश्रम

अकोला /दि.6- इस समय उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ के पट बंद होने के दौरान गंगा घाटी में ठहरने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है, क्योंकि उत्तराखंड में ऋषिकेश और गंगोत्री के बीच हिमालयी क्षेत्र में बादल फटने से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है, जिसमें कई लोगों की जान गई है और बहुत से लोग घायल हुए हैं. ऐसे में इस वक्त उत्तराखंड में मौजूद अकोला जिले के भाविक श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए तेल्हारा तहसील स्थित वागेश्वर संस्थान के मठाधिपति महामंडलेश्वर कमलेशानंद सरस्वती ने उत्तरकाशी में अपने आश्रम में भक्तों के लिए सुविधा उपलब्ध कराई हैं.
खास बात यह है कि, इस वक्त वागेश्वर संस्थान के मठाधिपति महामंडलेश्वर कमलेशानंद सरस्वती खुद उत्तरकाशी स्थित अपने आश्रम में मौजूद हैं और भक्तों की सेवा में जुटे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक चार धाम यात्रा के दौरान भक्तों की सेवा करनेवाले महामंडलेश्वर कमलेशानंद सरस्वती हिमालयीन क्षेत्र के पहाड़ पर तपस्या और भक्ति करते हुए भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने बताया कि सांसद अनुप धोत्रे और भाजपा के लोकप्रतिनिधियों ने उनके साथ इस संदर्भ में चर्चा की है और राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर राहत कार्य शुरू किए हैं. महाराज ने बताया कि, उत्तरकाशी के 13 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में यह घटना घटी है, और सभी लोग सुरक्षित हैं. यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है. प्रशासन और सेना के जवान बड़े पैमाने पर सेवा कार्य में जुटे हुए हैं और कई सामाजिक संगठन भी मदद के लिए आगे आए हैं. इसके अलावा अकोला और शेगाव के कई भक्तों ने महाराज कमलेशानंद से संपर्क किया है और सेवा प्रकल्प में मदद करने की तैयारी दिखाई है. कई सामाजिक संगठन औषधियों और तन-मन-धन से कार्य में जुटे हुए हैं. महाराज कमलेशानंद सरस्वती ने बताया कि संकट के समय में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के साथ सनातन प्रेमी खड़े हैं.

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