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दुष्कर्म की घटनाएं

पुणे में फुटपाथ पर परिवार के साथ सो रही एक 6 वर्षीय बालिका का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किये जाने की घटना हुई है. इससे पूर्व बिहार से आई एक 14 वर्षीय किशोरी का मदद के नाम पर अपहरण कर उससे सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. स्पष्ट है कि, दुष्कर्म की बढती वारदातों से सामान्य नागरिक असुरक्षा की भावना से गुजर रहा है. इस बारे में कही ना कही कानून व्यवस्था की लापरवाही भी जिम्मेदार है. वर्तमान में राज्य सरकार की पुलिस यंत्रणा निर्बंधों का पालन हो रहा है या नहीं, इस बात की खोज में उलझी हुई है. परिणाम स्वरुप असामाजिक तत्वों को अपनी हरकतों को अंजाम देने का अवसर मिल रहा है. बेशक निर्बंधों का पालन करवाने में पुलिस व्यवस्था कामयाब रही है. कोई प्रतिष्ठान निर्धारित समय से अधिक खुला हुआ दिखाई देता है, तो उस पर तत्काल कार्रवाई करने का क्रम पुलिस विभाग की ओर से जारी है. लेकिन असामाजिक तत्व द्बारा चोरी, डकैती, दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोक पाने में पुलिस व्यवस्था नाकाम साबित हो रही है.
हालांकि पुलिस विभाग की भी अपनी मजबूरी है. सरकार की ओर से केवल एकसूत्री कार्यक्रम जारी है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सारी पुलिस यंत्रणा व प्रशासकीय यंत्रणा को इस कार्य में लगाया गया है कि, किन स्थानों पर कडे निर्बंधों का पालन हो रहा है या नहीं. सरकार की ओर से इस तरह के निर्देश रहने के बाद वे अपनी सारी उर्जा निर्बंधों का पालन सुचारु रुप से हो, इस ओर ध्यान केंद्रीत किये गये है. निश्चित ुरुप से जब ध्यान बंटा हुआ रहेगा, तो कानून व्यवस्था का प्रश्न निर्माण होगा ही. सरकार की ओर से लोगों को स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए अनेक निर्बंध लगाये जा रहे है. इन निर्बंधों का पालन करवाना पुलिस का पहला प्रयास है. यही कारण है कि, अन्य क्षेत्रों में पुलिस की पकड छूटने लगी है. जरुरी है कि, योग्य संतुलन रख निर्बंधों का पालन भी करवाया जाए तथा असामाजिक तत्वों पर अंकुश रखा जाए.
महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील क्षेत्र में दुष्कर्म जैसी घटनाओं का होना अपने आप में शर्मनाक है. इसके लिए सरकार को भी चिंतन करना चाहिए. खास कर जो लोग इस तरह के अपराध करते है उनके खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जानी चाहिए. विगत दिनों सडकों पर अतिक्रमण कर हाथ ठेले लगाने वालों द्बारा एक महिला अधिकारी की उंगलिया कांट दी गई थी. स्पष्ट है कि, इन दिनों लोगों के मन से कानून व्यवस्था का भय कमजोर हुआ है. परिणाम स्वरुप इस तरह की घटनाएं हो रही है. ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को चाहिए कि, वह हर सप्ताह पुलिस कार्यों की समिक्षा करें. यदि अपराधों की संख्या बढ रही है, तो संबंधित पुलिस थानों में अपराध की समिक्षा की जाये, तो कानून व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है. जरुरी है कि, पुलिस प्रशासन को अपराध क्षेत्र पर भी नियंत्रण करने के लिए मुक्त रखा जाए.
कोरोना संक्रमण के प्रति हर कोई सजग है. करीब देढ वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन जैसी अनेक प्रक्रियाओं से आम नागरिक गुजर रहा है. इसके चलते बीमारी के प्रति वह सजग हो गया है. अत: जरुरी है कि, नागरिकों को भी प्रतिबंधों की गाईड लाईन पर चलने के निर्देश दिये जाये ताकि, वे स्वयं बीमारी से अपना बचाव कर सके तथा लोगों में भी जागरुकता निर्माण कर सके. बहरहाल दुष्कर्म की घटनाएं अपने आप में चिंतनीय है. इन घटनाओं की व्यापक जांच कर दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाना आवश्यक है. इसके लिए पुलिस विभाग को व्यापक जांच करनी चाहिए. दोषियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत एकत्र कर यथाशीघ्र दोषारोप पत्र पेश किया जाए.
कुलमिलाकर इन दिनों बढती अपराधिक घटनाओं को देखते हुए अब जरुरी हो गया है कि, प्रशासन इस बात की गंभीरता को समझे तथा ऐसी घटना की पुनर्रावृत्ति न हो इस बारे में कदम उठाए. राज्य के लगभग सभी शहरों में इस तरह की घटनाएं आये दिन सुर्खियों में रहती है. जिससे जरुरी हो गया है कि, पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों की गहरी छानबीन करें, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें.

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