विगत दिनों पांढरकवडा तहसील के दातपाडी की दिल को झकझोर देने वाला समाचार अखबार में पढ़ने मिला. समाचार के अनुसार, बेटी हुई, इसलिए मां के शरीर पर ननंद ने डिजल डालकर उसे जला दिया. एक महिला दूसरी महिला से ऐसा बर्ताव कर सकती है? इस पर विश्वास नहीं होता, लेकिन यह वास्तविकता है. सही मायने में बेटी होना भाग्य का लक्षण है. फिर भी बेटी के बारे में ऐसी भावना रखना यह पिछड़ापन या विकृत मानसिकता का लक्षण है. एक बेटी क्या कर सकती है, इसकी कल्पना न रहने वालों को क्या बताया? वैसे भी सरकार बेटा-बेटी में फर्क नहीं करती. फिर भी बेटियों की दिन-ब-दिन कम होने वाली संख्या चिंता बढ़ाने वाली है और इसीलिए शासन ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरु किया. इतना ही नहीं,लड़कियों की संख्या बढ़ाने के लिये भ्रूण हत्या व गर्भपात के खिलाफ कानून बनाया. फिर भी कुछ पालक बेटी होने पर उसे अशुभ मानते हैं. उसे नहीं केे बराबर मानते है. लेकिन आज भी समाज में अनेक बेटियां है, जिन्होंने अपने कर्तृत्व से परिवार व समाज का नाम रोशन किया है. इसके अनेक उदाहरण है, इनमें से एक उदाहरण है अमरावती की क्षमता ठाकूर का. 11 वर्षीय क्षमता ने अपनी क्षमता से अधिक सामाजिक कार्यों में सहभागी होकर समाज जागृति का काम किया है. उसके व्दारा किये गये सामाजिक कार्यों को देखते हुए बड़े-बड़े मान्यवरों ने उसे शाबासी दी है. जिनमें महामहिम पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटील, योग गुरु रामदेवबाबा, राष्ट्रसंत भैय्युजी महाराज, जगतगुरु संत रामराजेश्वर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आयपीएस अधिकारी किरण बेदी, भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रणेता अण्णा हजारे,ज्येष्ठ समाजसेविका सिंधुताई सपकाल,भाकप महासचिव ए.बी.बर्धन,पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल, सांसद नवनीत राणा, पालकमंत्री यशोमती ठाकूर, अकोला जिले के पालकमंत्री बच्च कडू, विधायक रवि राणा व अनेक शासकीय, सामाजिक संस्था व उनके पदाधिकारियों का समावेश है. कुछ पालक बेटियों को अपने घर की लक्ष्मी मानते है,उसे घर का आभूषण मानते है. ऐसे ही बेटी को घर का भूषण मामने वाले एक पालक ने अपने घर से ही बेटी को सामाजिक कार्य का पाठ पढ़ाया. बच्चे अनुकरण प्रिय होते हैं वे बड़ों का अनुकरण करते हैं. संतोष ठाकूर को सामाजिक कार्य करने की इच्छा. इस इच्छा का जतन करते हुए उन्होंने क्षमता को भी सामाजिक कार्यों के लिये प्रोत्साहित किया. जिसे ध्यान में रखते हुए उसने अब तक शुरु है. संतोष ठाकूर ने क्षमता का पहला जन्मदिन तपोवन के वृध्दाश्रम में मनाया और वहीं से उसके सामाजिक कार्यों की शुरुआत हुई. सबसे पहले उसने अण्णा हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन में सहभाग लिया. 20 अगस्त 2011 को संपूर्ण देश अण्णा हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन करते समय पिता के मार्गदर्शन में एक दिन का लाक्षणिक अनशन किया. पश्चात उसने 28 दिसंबर 2011 को कुमकुवर सरकारी लोकपाल की होली, 12 जनवरी 2012 को स्वामी विवेकानंद के विचारों का फलक विविध स्थानों पर लगाये. वृक्षारोपण किया. इस वर्ष वह अपना 11 वें जन्मदिन निमित्त 2 अगस्त को गो.सी.टोम्पे महाविद्यालय में 11 पौधे लगाकर मना रही है. 2013 में उसने स्त्री भ्रूणहत्या व भ्रष्टाचार इस देशव्यापी सामाजिक संस्था ने उसके हाथों झंडावंदन कर उसे सम्मानित किया. इसी तरह अनेक सामाजिक काम करते हुए गणेशोत्सव मेंं जनचंदे से 50 निराधार विद्यार्थियों को शैक्षणिक साहित्य का वितरण किया. 2 नवंबर 2013 को उसने ध्वनि व वायु प्रदूषण को रोकने दीवाली पटाखा प्रथा बंद करवाने का प्रयास कर उन पैसों से अनाथ व निराधार बच्चों को मिठाई बांटी. पश्चात प्लास्टिक बंदी अभियान में सहभागी हुई. 31 मार्च 2014 को गुडी पाडवा के मुहूर्त पर क्षमता के हाथों संत गजानन महाराज मंदिर का भूमिपूजन किया गया. वहीं 11 जून 2014 में अध्यात्मिक गुरु भैय्युजी महाराज के हाथों सत्कार किया गया. पश्चात गाडगेबाबा पुण्यतिथि निमित्त आयोजित स्वच्छता अभियान में बाल स्वच्छता दूत के रुप में कार्य किया. वहीं उसने 2015 में अकोला में आयोजित वॉकथॉन स्पर्धा में मिल्खासिंगके साथ भाग लिया. उनके इन कार्यों की दखल लेते हुए 17 दिसंबर 2011 में योगगुरु रामदेव बाबा ने अकोला में ेबाल संस्कार व योगा शिविर में उसका ऐतिहासिक बेटी के रुप में गौरव किया. इस कार्यक्रम का आस्था व संस्कार चैनल व्दारा करीबन 132 देशों में इसका प्रसारण किया गया. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटील ने भी 12 दिसंबर 2011 में उससे विविध सामाजिक कार्यों पर चर्चा कर उसके कार्यों का गौरव किया. क्षमता ने 9 वर्ष की उम्र में 15 सितंबर 2019 में आकाशवाणी से पर्यावरण रक्षा पर आधारित कार्य निमित्त पहली मुलाकात ली गई व वह प्रसारित की गई. इसके साथ ही कोविड-19 वायरस ने देश में हाहाकार मचाया था तब क्षमता ने लॉकडाउन के समय जरुरतमंद, यात्री मजदूरों को मास्क, भोजन व जीवनावश्यक वस्तुओं का वितरण किया. उसके इन कार्यों का विडीओ व उसके व्दारा इस निमित्त दिये गया संदेश संपूर्ण राज्यभर में प्रसारित होने के कारण उसे सबसे छोटा कोरोना वारियर्स के रुप में सम्मानित किया गया. सामाजिक कार्य करते हुए क्षमता ने 19 जनवरी 2021 में धार्मिक काम में भी आगे होते हुए श्रीराम जन्मभूमि पर बनाये गये भव्य दिव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य में स्वयं के गुल्लक में जमा किये गये 9320 रुपए समर्पण निधि में देकर अपने धार्मिक दायित्व का परिचय दिया. इसी तरह क्षमता ने अपने माता-पिता व्दारा दिये गये संस्कारव मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए सामाजिक कार्यों में सहभागी होकर स्वयं का व माता-पिता का नाम रोशन किया.आज क्षमता के जन्मदिन निमित्त उसे ढेरों शुभकामनाएं. ऐसे सामाजिक कार्य उसके हाथों से लगातार होते रहे,यहीं उसे दिले से आशीर्वाद.
– प्रा. डॉ. रविकांत कोल्हे, गो.सी. टोम्पे महाविद्यालय, चांदूर बाजार.
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