मुर्तिजापुर के पूर्व नगराध्यक्ष नानकराम नेभनानी एक राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ सही अर्थों में समाजसेवक भी है और उन्होंने जाति व धर्म के भेद से दूर रहते हुए हमेशा राजनीति और समाजसेवा की है. वर्ष 1978 के दौरान राजनीतिक क्षेत्र में अपना पहला कदम रखनेवाले नानकराम नेभनानी ने शरद पवार को अपना आदर्श माना और पवार साहब का साथ देते हुए वे भी वर्ष 1999 में स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में आये. राकांपा का गठन होने के बाद कांग्रेस छोडकर राकांपा में आनेवाले पहले 50 लोगों में नानकराम नेभनानी का भी समावेश था. इससे उनकी शरद पवार के प्रति निष्ठा को जाना जा सकता है. इससे पहले दस वर्ष तक वे मुर्तिजापूर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे और बाद में दस साल तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुर्तिजापूर तहसील अध्यक्ष भी रहे. इसके अलावा 25 साल तक मुर्तिजापूर नगर पालिका का सदस्य रहने के साथ ही पांच साल तक निर्विरोध मुर्तिजापूर नगराध्यक्ष भी रहे. एक सफल राजनीतिक पारी खेलते समय उन्होंने अपने भाषा व संवाद कौशल्य तथा सबको साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति के जरिये राजनीति में एक अलग मुकाम बनाया. साथ ही अब वे एक बेहतरीन समाजसेवी के तौर पर अपना जीवन व्यतित कर रहे है.
राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व ग्रामीण विकास मंत्री स्व. आर. आर. उर्फ आबा पाटील उनके सबसे करीबी दोस्तों में से एक रहे और आज भी पाटील परिवार के साथ उनके बेहद घनिष्ठ संबंध है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि आर. आर. पाटील हमेशा नानकराम नेभनानी को अपना बडा भाई मानते थे. यह नानकराम नेभनानी के जबर्दस्त जनसंपर्क का ही कमाल है कि, मुर्तिजापूर शहर व अकोला जिले सहित अमरावती, वाशिम, बुलडाणा व यवतमाल जिले में भी उनका मित्र परिवार है और 40 साल के अपने राजनीतिक जीवन में उनके विभिन्न कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, पार्टी आलाकमान व फिल्म इंडस्ट्री के कई बडे नामों के साथ भी बेहद नजदीकी संबंध रहे.
मुर्तिजापूर स्थित गाडगेबाबा महाविद्यालय से बी. कॉम. करने के बाद समाजसेवा व राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय होनेवाले नानकराम नेभनानी यदि चाहते, तो पार्टी में और भी कोई बडा राजनीतिक पद या स्थान हासिल कर सकते थे. किंतु उन्होंने राजनीति को समाजसेवा का जरिया माना और चूंकि उन्हें समाज में ही अपना परिवार नजर आता है, तो वे एक सामाजिक व्यक्ति के तौर पर आम लोगों के साथ ही रहना पसंद करते रहे. जिसकी वजह से उन्होंने कभी किसी बडे पद का लालच नहीं किया. हालांकि इसके बावजूद उन्होंने राजनीति में अपना सबसे अलग स्थान और रसूख हासिल किया है.
आज 1 जुलाई को नानकरामजी नेभनानी का जन्मदिवस है. इस उपलक्ष्य में हमारी मंगल कामना है कि, वे स्वस्थ व दीर्घायू हो. साथ ही उनकी सेवाओं से समाज हमेशा ही लाभान्वित होता रहे और उनके यश, कीर्ति व वैभव में दीन दुनी-रात चौगुनी वृध्दी हो.
– राहुल काले
अमरावती