अमरावती/दि.6-शीतकाल की हल्की व गुलाबी ठंड सभी को सुखदायी लगती है. लेकिन दो दिनों से कंपकपाने वाली ठंड पड़ने से अनेक स्वास्थ्य समस्या निर्माण हो रही है. हमेशा दर्द रहने वाले शरीर का कोई दर्द ठंड में असहनीय होता है. ठंड के कारण विशेषतः जोड़ों के दर्द की समस्या अधिक मात्रा में होती है. ऐसे मरीजों को ठंड के दिनों में विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए. जोड़ों को ठंडी हवा न लगे, इसके लिए पैरों व हाथों में मोजे का इस्तेमाल करना चाहिए. ठंडे पानी में काम नहीं करना चाहिए, बासा व ठंडे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, मांसाहार का सेवन न करें, जोड़ों में तेल से मालिश करें. दमे की तकलीफ वालों को ठंड के दिनों में ठंडा पानी, आइस्क्रीम, शीतपेय का सेवन नहीं करना चाहिए.
त्वचा का फटना, सूखा पड़ना
– ठंड के दिनों में अनेक लोग काम के लिए दुपहिया से घुमते हैं. लेकिन ठंड से त्वचा सूखी पड़ती है होठ फटते हैं.
– हाथ-पांव की उंगलियां फट जाती है. आंखों से पानी झरता है, जोड़ों का दर्द, दमे की तकलीफ बढ़ती है.
– तलवे फटने लगते हैं. इस कारण सोते समय ऑईली पदार्थ लगाये.
* गुनगुने पानी से बार-बार चेहरा साफ करें
1. ठंड में चेहरा शुष्क होता है. इस कारण गुनगुने पानी से बार बार चेहरा धोने पर त्वचा मुलायम रहती है. दमें के मरीजों को गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए.
2. रात को सोते समय या सुबह स्नान से पूर्व तिल्ली के तेल का सेंक लेने से छाती का कफ कम होता है.
3. दो-तीन कप पानी में तुलसी अडुलसा के तीन पत्ते डालकर गर्म कर सेवन करना चाहिए.
4. गोभी को पानी में डालकर उबाले व उसकी भांप लेने पर कफ कम होने में मदद मिलती है. सांस की तकलीफ कम होती है.
त्वचा रोग तज्ञों का कहना है कि दमे के मरीज को ठंड के दिनों में विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए. सर्दी होने पर वह बढ़े नहीं इस ओर ध्यान दें, गला खराब हो तो गर्म पानी पीना चाहिए. ठंड से बचने के लिए उबदार कपड़े पहने. वहीं ठंड के दिनों में देर रात बाहर नहीं जाना चाहिए. यदि अधिक महत्वपूर्ण हो तो उबदार कपड़े परिधान करना चाहिए. इसके साथ ही रात को सोते समय वैसलीन, तेलीय पदार्थ लगाये व जोड़ों को हवा न लगें, इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए.