लेख

कमीट टू क्वीट

बीते डेढ वर्षो से पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है. इस महामारी ने हर एक के जीवन में नया बदलाव लाया है. बावजूद इसके अनेक व्यसनो का भी हम सामना कर रहे है. डब्लूएचओ संगठन की ओर से प्रतिवर्ष तंबाकू विरोध दिन के रुप में मनाया जाता है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य है कि हानिकार तंबाकू के दुष्परिणाम व व्यस छोडने की योग्य जानकारी जनता को मिल सके. कमीट टू क्वीट यानी नशा छोडने का संकल्प करे. देश में तंबाकू व ध्रुमपान का प्रमाण अधिक है. तंबाकू में कैंसर को बढावा देने वाले रासायन होते है. निकोटिन यह सबसे हानिकारक रसायन होता है. इसके बराबर मक्यूरी, लेड, क्रोमियम जैसे हानिकारक रसायन भी होते है. ध्रुमपान की वजह से स्वयं के साथ ही अनेकों का नुकसान भी होता है. तंबाकु का ज्यादा सेवन करने से शरीर के अनेक अवयवयों में कैंसर का खतरा निर्माण होता है. जैसे मुुंह, गला, अन्न नलिका, पेट, लंग्स, किडनी आदि. निकोटिन यह मस्तिष्क व हृदय का रक्तस्त्राव कम करता है. जिससे पैरालिसिस व हार्टटैक का भी खतरा बढता है. कॉर्निक ऑबस्ट्कटीव पल्मोनरी डिसीज के कारण लंग्स की ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है (कोरोना संक्रमित मरीजों में इसका प्रमाण पता चलता है). तंबाकू व ध्रुमपान का मुख्य कारण तनाव व संगत होती है. तंबाकू से सिर में हल्कापन महसूस होता है व कुछ देर के लिए तनाव कम होने का एहसास मिलता है. जिसके चलते यह व्यसन बढता है. तंबाकू का व्यसन छोडने के लिए प्रबल इच्छाशक्ति व दवाईयों का सहारा लेना पडता है. अनेक व्यसनमुक्ति केंद्र व स्पेशलिस्ट डॉक्टर व्यसनमुक्ति के लिए मदद करते है. व्यसन छोडने के लिए विशेषज्ञों डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए. इसलिए अब कमिट टू क्वीट की घोषणा कर व्यसन मुक्त होने व सभी को व्यसन मुक्त करने का संकल्प लेने का आहवान किया गया है.
-डॉ. शर्मिष्ठा बेले,
कान, नाक,तज्ञ अमरावती
सचिव कान,नाक, गला संघटना अमरावती
9422918123

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