लेख

सर्वसमावेशक नेतृत्व किशोरभाऊ बोरकर

सफलता और असफलता की परिभाषा इच्छाशक्ति और कर्तव्य के आधार पर टिक सकती है और इसलिए अनेक बार मन से, पूरी इच्छाशक्ति और मेहनत से मिली असफलता भी सफलता के समान संतुष्टि देनेवाली होती है. सफलता और असफलता यह कर्तव्य के दो पहलू है. इस प्रकार के मनुष्य समाज की तुलना में अधिक हैेअनेक बार सुदृंढ, सशक्त और सभी परिस्थिति अनुकूल होने पर भी ,सफल और प्रगति पर होने पर भी उनमें निराशा दिखाई देती है. वहीं प्रतिकुल परिस्थिति होने पर भी उसी स्थिति में अपनी इच्छाशक्ति के जोर पर काम के संबंध में अथवा ध्येय के संबंध में सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी अनेक उपेक्षित लोग दिखाई देते है. अमरावती शहर यह सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक आंदोलन का शहर रहा है.राज्य में अनेक सामाजिक परिवर्तन यहां पर हुए है.
इसी प्रकार सामाजिक परिवर्तन के लिए सुदृुंढ और सुनिश्चित रहनेवाले अमरावती में किशोर बोरकर है.वे हमेशा काल्पनिक दृष्टि से समाज बदलने के प्रयास में रहते है. वे प्रतिकुलता को अनुकूलता में बदलने के प्रयास में रहते है. यही भावना उन्होने दूसरे मनुष्य में भी निर्माण की.विनम्र स्वभाव, सहयोग की और समानता की भावना,प्रत्येक काम में पूरी तरह से ध्यान देना , अच्छी बातों के संकलन के लिए और अच्छी बाते उनमें कुट-कुट कर भरी है. मुस्कुराते हुए सभी स्तर पर सभी वर्ग के लोगों को एक साथ लेकर काम करनेवाले बोरकर के कार्यक्रम का आयोजन यानी अफलातून ही रहता हैे. कार्यक्रम में आनेवाले प्रत्येक के कार्यक्रम देखने के बाद उसमें सुंदरता, अप्रतिम दिखाई देना ऐसा उद्गार निकालते हैे,ऐसा बोरकर का आयोजन रहता है.संगठन के रूप में बोरकर को १०० नंबर पूरे देना पड़ेगा.राजनीतिक व्यक्ति से लेकर अधिकारी वर्ग तक और वहां से सभी मनुष्य तक एक जैसा संपर्क व व्यवहार रखनेवाले तथा विकलांगों के विकास कार्य में उन्हें रमते हुए देखा है. विकलांगों के विकास कार्य में,प्रकल्प में अपने कर्तव्य के रूप में वे इस काम की ओर, इस क्षेत्र में व्यवहार करने में तथा सहयोग करने के प्रोत्साहन के लिए हाथ आगे बढ़ाकर प्रयास करते है.
वैश्विक अपंगदिन निमित्त किशोर बोरकर ने अपनी संस्था में ऐसी ही एक इंसानियत को बढ़ावा देने का कार्यक्रम आयोजित किया था. उस कार्यक्रम में किशोर बोरकर ने जन्म से अथवा नैसर्गिक आए हुए अपंगत्व में लज्जा अनुभव करनेवाले उसमें उदासीन जैसे लगते , ऐसी दृढृ इच्छाशक्ति के जोर पर अपंगत्व पर विजय प्राप्त कर समाज के सामने प्रेरणा और आदर्श निर्माण करनेवाले कुछ अपंग-युवक-युवती का सम्मान तत्कालीन जिलाधिकारी गीते के हाथों करवाया. अपंगत्व आया इसलिए सहानुभूति की अपेक्षा अवसर मांगनेवाले मिले हुए अवसर का सोने करनेवाले ही नहीं अपने कर्तव्य से शहर के हीरो और हीरो कहलाने वाले बच्चों को देखने पर अपंगत्व रहेगा क्या? ऐसा प्रश्न उन्होंने उपस्थित किया. सुदृढ़ व्यक्ति को भी लज्जा हो इस प्रकार के उन युवक-युवतियों के कार्यो को देखकर खड़े रहकर उन्हें स्टॅँडिंग ओवेशन देने के लिए उत्साहपूर्वक कार्य करनेवाले अपंग बंधुओं का गौरव समारोह बड़े स्वाभिमान से किशोर बोरकर ने आयोजित किया था.
किशोर बोरकर सहृदयी, संवेदनशील, राजनीति,सामाािजक कार्यकर्ता समाज के लिए भूषण है. अपने विकास के साथ दूसरों के विकास और इसलिए मैं के आगे जाकर अपने अथवा हम की भावना को बरकरार रखनेवाले किशोर बोरकर एक उत्तम संंगठक, आयोजक और नेतृत्व के गुण रहने वाले संवेदनशील नेतृत्व है.
अमरावती शहर के इर्विन चौक में डॉ.बाबासाहब आंबेडकर के पुतले का सौदर्यीकरण करने के लिए किशोर बोरकर का प्रयास महत्वपूर्ण हैे . बाबासाहब आंबेडकर का हर साल होनेवाले अभिवादन समारोह का आयोजन यह सभी धर्म समभाव व सहिष्णुता का दर्शन देनेवाले है. वहां पर बोरकर के प्रयासों से सभी जातिधर्म के सभी पार्टी के मान्यवरों को एक मंच पर लाकर उत्तम आयोजन वे ही करते है. अभिवादन के लिए आनेवाली उत्तम प्रकार की व्यवस्था उनकी देखरेख में की जाती है. यही पर किशोर बोरकर रूके नहीं उन्होंने अभिवादन के दूसरे दिन सुबह अपने सहयोगियों के साथ इर्विन चौक में हुआ कचरे की सफाई करवाने में भी उन्होंने पहल की. मुस्लिम बंधुओं के ईद और ईफ्तार पार्टी व दिवाली, ईद मिलन कार्यक्रम, डॉ. पंजाबराव देशमुख जयंती के कांग्रेस कमेटी में आयोजन तथा शिव टेकडी पर शिवजयंती का आयोजन बड़े उत्साह से करते है.
वे स्वयं अपंग होकर भी अपंगत्व की वेदना सहन कर उन्होनें अपने अपंगत्व की कभी मार्केटिंग नहीं की. बल्कि उलट अनेक अपंगों को शासकीय व निमशासकीय योजना का लाभ दिलवाने के लिए विगत २५ वर्षो से वे निरंतर कार्य कर रहे है.
किशोरभाऊ के नवाथे नगर में संत गाडगेबाबा शाला इमारत का उद्घाटन बॅ.रामरावआदि व पूर्वराज्यपाल दादासाहब गवई के हाथों किया गया था. इस समय कांग्रेस पार्टी के सर्वच ज्येष्ठ मंडली उपस्थित थी. किशोर भाऊ ने पूर्व मंत्री एॅड. यशवंतराव शेरेकर, सुरेन्द्रराव भुयार,डॉ.देविदास शेखावत, वसुधाताई देशमुख, डॉ. कृष्णकुमार तिखिले, पुष्पाताई बोंडे,सुनील देशमुख, विधाायक मुज्जफर हुसेन, रावसाहब शेखावत, एड. दिलीप एडतकर, एॅड.पी.एस.खडसे, विलास महल्ले, इन सभी के साथ उन्होंने राजनीतिक तथा सामाािजक क्षेत्र में काम किया है. ऐसे यह सर्वसमावेशक नेतृत्व वाले किशोरभाऊ बोरकर को जन्मदिवस निमित्त भविष्य के लिए शुभकामना है.
प्राचार्य डॉ. सुभाष गवई

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