अमरावती– मेरे मित्र नितीन भाऊ दत्तात्रय कोल्हटकर का 61वां जन्मदिन बुधवार 29 को नागेश्वर मंदिर में आयोजित हो रहा है. जिस निमित्त उनका यह परिचय-
नितीन कोल्हटकर के पिता दत्तात्रय पंत कोल्हटकर का 47 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. उस समय नितीन भाऊ की उम्र सिर्फ 23 वर्ष थी. भारतीय महाविद्यालय में बी कॉम प्रथव वर्ष में उन्हें अपनी पढाई छोडनी पडी. एसटी मंडल से उनकी पीढी जुडी रहने से उन्होनें बलवंत ट्रांसपोर्ट कंपनी व बलवंत रेग्युलर कंपनी इन दोनों ही कंपनियों की बागडोर संभाली. उनकी दो बहने है. एक बडी बहन मुंबई में व छोटी बहन अमरावती के विद्याभारती में शिक्षिका है. अपने व्यवसाय को संभालते हुए उन्होनें 1926 में दशहरा मैदान के पास कोल्हटकर कंपनी व्दारा भव्य नागेश्वर मंदिर स्थापना की. मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व महाशिवरात्री निमित्त अनेक कार्यक्रम होते है. भागवत, महाशिवपुराण, हरिणंद पुराण, कीर्तन, महोत्सव, होम हवन ÷इत्यादी. उनकी मांताश्री सुनंदाताई कोल्हटकर की 61ष्टी निमित्त रक्तदान शिविर, दिव्यांगों को साहित्य वितरण व कार्यक्रम को वसुधाताई देशमुख, डॉ. सुनील देशमुख, महापौर दिपालीताई गवली आदि मान्यवर उपस्थित थे. पिता के निधन के बाद हमेशा ही पुण्यतिथी अवसर पर संत अच्युत महाराज का कीर्तन प्रवचन तपोवन वलगांव वृध्दाश्रम, मातोश्री वृध्दाश्रम में स्नेहभोजन का आयोजन होता रहता है. 2004 में नितीन भाऊ को कलाल समाज का अध्यक्ष बनाया गया. इस समय दो दिनों तक समाज अधिवेशन व तीन वर्ष सामूहिक विभाग कार्यक्रम लिया गया. संत अच्युत महाराज नितीन भाऊ के निवास स्थान पर आए थे. संत अच्युत महाराज हार्ड अस्पताल के लिए मां के हाथों निर्माणकार्य के लिए निधी दान दी. हार्ट अस्पताल व दत्त मंदिर बडनेरा में ट्रस्टी रहे और है. उनके संपूर्ण कार्य में उनकी पत्नी का भरपूर साथ उन्हें मिला. यश व कीर्ती यह दो मान उन्हें मिला है. अपनी जिंदगी में संत अच्युत महाराज की उपस्थिती सतत पांच वर्ष मातोश्री मनकर्णाबाई कोल्हटकर की स्मृति प्रित्यर्थ 75 वृध्दों का सन्मान व जहागीरपुर में हनुमान जयंती कार्यक्रम पांच वर्ष शरबत वितरण यह बात उन्हें विशेष लगती है.
विगत 25 वर्ष नितीन भाऊ पद्मश्री प्रभाकरराव के श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के ट्रैक पर सुबह आते. यहां मेरी उनकी मुलाकात होती है. हमारे मित्रमंडल के कार्यक्रम में उनका सहकार्य व मार्गदर्शन रह ता है. विविध विषय पर हमारी चर्चा होती है. भविष्य में आगे क्या योजना यह मेरे प्रश्न पर बहुत ही समाधानी रहने वाले गृहस्थ है. यही कार्य शुरू रखने के लिए वे भगवान से प्रार्थना रहने की बात करते है.
अपने जन्मदिन पर अपनी 61ष्टी केवल अपनों के साथ न मनाते हुए वह समाज को कुछ देने के उद्देश्य से अनेक जरुरतमंद बंधुओं को 82 वर्षीय मातोश्री सुनंदाताई दत्तात्रय कोल्हटकर व 75 वर्षीय मातोश्री कमलाताई पुरुषोत्तम राव कोल्हटकर व शिवसेनना जिला प्रमुख सुनील खराटे अमरावती कलाल समाज अध्यक्ष गजानन कोल्हटकर की उपस्थिती में विविध कार्यक्रम होना बहुत ही क्रियाशील कर्तृत्ववान व संवेदनशील ऐसे मेरे मित्र, छोटे भाई को भावी जीवन की अनंत शुभेच्छा!
डॉ. गोविंद कासट
एकनाथपुरम अमरावती