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बाधितों की घटती संख्या सुखद संकेत

भारत में विगत कुछ दिनों से कोरोना के नये संक्रमितों की संख्या में कमी आने से अब लगने लगा है कि कोरोना की दूसरी लहर अब समाप्त होने की ओर है. मृतकों की संख्या में भी कमी आना अपने आप में सुखद संकेत है. १८ राज्यों में बाधितों की संख्या में कमी आयी है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा यह जानकारी मंगलवार को दी गई. जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड राज्यों में कोरोना के नये बाधितों की संख्या में गिरावट आयी है. मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने यह जानकारी दी. हालाकि देश के गोवा, पंजाब, आसाम, उड़ीसा, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तामिलनाडू, हिमाचलप्रदेश, जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड व अरूणाचल प्रदेश में बाधितों की संख्या बढ़ रही है. २६ राज्यों में कोरोना बाधितों की संख्या २६ प्रतिशत से अधिक है. जबकि देश के कई राज्यों में कोरोना बाधितों की संख्या १ लाख पर है. ६ राज्यों में ५० हजार से १ लाख व १७ राज्यों में ५० हजार से कम संक्रमित पाए जा रहे है. निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण का प्रभाव कुछ कम हुआ है. लेकिन यहां इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि अभी से कोरोना से बचाव के सभी मापदंडों को अपनाया जाए. क्योंकि तीसरी लहर का खतरा अभी कायम है. इसके लिए जरूरी है कि जन सामान्य स्वयं अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे. कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग साथ में हाथ धोना, पानी न रहे तो सैनिटायजर का उपयोग करना आदि बातों का भी ध्यान रखना सभी के लिए जरूरी है. गत वर्ष २०२० में इन बातों का ध्यान रख कोरोना संक्रमण को काबू में कर लिया गया था. लेकिन लोगों ने यह मान लिया कि कोरोना समाप्त हो गया है. जिसके कारण वे लापरवाह हो गये है. इसका खामियाजा दूसरी लहर के रूप में फरवरी माह से सारा देश भुगत रहा है.
कोरोना संक्रमण में मरीज का आत्मविश्वास होना भी अपने आप में जरूरी है. बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए आकड़े तथा श्मशानों में मृत संक्रमितों की कतार व उनके दाहसंस्कार की प्रतीक्षा में बैठे परिजनों के चित्रों को अनेक स्थानों पर दिखाया गया. जिससे लोगों का मनोबल टूटने लगा है. यही कारण है कि बीमारी के साथ साथ मन में समाया भय भी संक्रमितों के लिए खतरनाक साबित हुआ. जिसके चलते मृतको की संख्या दिनोंदिन बढने लगी. जबकि मरीज से यदि कोविड सेंटर के कर्मचारियों, चिकित्सकों की ओर से आशावादी बाते की जाए. तो मरीज का हौसला बना रहता है. वैसे भी चिकित्सा विज्ञान मेें इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि मरीज का मनोबल कमजोर न हो. यही कारण है कि अनेक चिकित्सक अंतिम समय तक मरीज का हौसला बनाए रखते है. हाल ही में अमरावती जिले के चालू रेल्वे परिसर में एक ७३ वर्षीय महिला कोरोना से संक्रमित हो गई. लेकिन महिला का मनोबल इतना प्रबल था कि बीमारी भी उसके आगे घुटने टेककर चली गई. यह महिला अस्पताल के वैद्यकीय अधिकारी, स्वास्थ्य सेवको तथा आरोग्य सेवको के आशावादी व्यवहार व वक्तव्य, परिजनों द्वारा हौसला बनाए रखने के चलते ८ दिन बाद कोरोना के संक्रमण से मुक्त होकर अपने घर लौटी. स्पष्ट है कि बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण को एक काल के रूप में दर्शाया गया. संक्रमितों की बढती संख्या का प्रखरता से उल्लेख हुआ. लेकिन मरीज कितने प्रमाण में अच्छे हो रहे है. इसका विवरण नहीं दिया जा रहा था. सोशल मीडिया पर अनेक लोगों ने रोजाना मरीजों के अच्छे होने की संख्या की जानकारी लोगों को देनी आरंभ की. जिसके कारण अनेक भयग्रस्तों के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ तथा अनेक लोग जो कोरोना का नाम सुनकर ही भयभीत हो जाते थे. उनके लिए यह बात प्रेरणास्पद है.
कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है. भविष्य में भी इस बीमारी को किस तरह नियंत्रित किया जाए. इस दृष्टि से अनेक प्रयास होना जरूरी है. बीमारी से बचाव के लिए कौन सी सावधानियां बरती जाए . इस बारे में जानकारी देना आवश्यक है. प्रशासन को तय है कि चाहिए कि वह लोगों को बचाव के आवश्यक सुझाव दे. इस कार्य में चाहे तो सामाजिक संस्थाओं की भी सहायता ली जा सकती है. यदि ऐसा किया जाता है तो बीमारी का संक्रमण कमजोर होने में भारी मदद मिलेगी. कुल मिलाकर बीमारी का संक्रमण जारी है. इस संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन व नागरिक प्रयत्नशील है. कई नागरिक अपने आप का बचाव कर रहे है. कोरोना से बचाव के मापदंडों को अपनाकर वे अपने स्वास्थ्य को संभाले हुए है. इसके लिए हर किसी को अब सावधान होना होगा. प्रशासन की ओर से अनेक प्रयास जारी है. लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि हर नागरिक कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने आपको सुरक्षित रखने की दृष्टि से विशेष ध्यान दे. लोगों ने ध्यान देना भी आरंभ किया है. जिसके कारण संक्रमितों की संख्या कम हो गई है. निश्चित रूप से भविष्य में इसके सार्थक परिणाम मिलेंगे.

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