तूफान से तबाही
अरब समुद्र में हवा का दबाव कम होने के कारण आए तूफान से भारी तबाही हुई है. इस तूफान के कारण तौत्के नामक इस तूफान के कारण 5 राज्यों में 30 लोगों की मृत्यु हुई है. जबकि महाराष्ट्र में सर्वाधिक 11 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई. तूफान से तबाही का आकलन किया जा रहा है. प्राथमिक दृष्टि में इस तूफान का 6 हजार 349 गांवों को नुकसान हुआ है. मंगलवार को तूफान गुजरात में रहा. जिसमें तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर है. इस तूफान के कारण मुंबई में भारी जलजमाव हो गया था. वैसे भी मुंबई में लगातार बरसात रही तो जलजमाव हो ही जाता है. लेकिन इस बार इसका प्रमाण सर्वाधिक था. भले ही इस तूफान में सीमित जनहानि हुई है. लेकिन अनेक लोगों के घरों को भारी नुकसान हुआ है. इसके लिए लोग मुंबई महानगरपालिका के नियोजन को गलत मान रहे है. यदि सही ढंग से नियोजन किया जाता तो इस तरह जल जमाव की नौबत नहीं आती. तूफान से ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया को भी नुकसान पहुंचा है. तटरक्षक के रूप में इंडिया गेट के आसपास की पत्थर की दीवारें टूट गई. इसी तरह अनेक घरों की छते उड गई. रत्नागिरी जिले में अनेक लोगों के पास इतना भी समय नहीं था कि वे अपना सामान लेकर घर से बाहर निकले. लोग केवल एक वस्त्र पर ही तूफान से अपने को बचाते हुए बाहर आए थे.
महाराष्ट्र में मानसून के लिए अब केवल 15 दिनों का समय शेष रह गया है. लेकिन अनेक शहरों में बरसात पूर्व प्रबंध के कार्य आरंभ नहीं किए गये है. इसका खामियाजा आनेवाले समय में सभी को भुगतना पड सकता है. हालाकि जिस समय लॉकडाउन के लिए मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा की जा रही थी तब उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि लॉकडाउन में भी बरसात पूर्व प्रबंधन के कार्य जारी रहेंगे लेकिन पाया गया कि इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया है. अनेक कार्य अभी भी प्रलंबित है. हर वर्ष मई माह के आरंभ से ही बरसात पूर्व प्रबंधन के कार्य आरंभ हो जाते है. उसके अंतर्गत नालों को गहरा करना, पानी निकासी की व्यवस्था करना, बेसमेंट में स्थापित दुकानों में बरसात का पानी न घुसे इस दृष्टि से भी कार्य किया जाना जरूरी रहता है. लेकिन पाया जा रहा है कि अभी इस कार्य को कई स्थानों पर आरंभ तो कर दिया गया है. लेकिन कार्य अभी पूरे नहीं हुए है. जिसके कारण हर स्थल पर जलजमाव की स्थिति निर्माण हो सकती है. अधिकांश तौर पर ्रर्र्ग्रीष्मकाल में ही यह कार्य आरंभ होने से बरसात के लोगों को राहत मिल सकती है. इस हालत में जरूरी है कि अभी से ही कार्य को गति दी जाए. यदि समय रहते नियोजन नहीं किया गया तो इसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड सकता है.
वैसे भी देशभर में सुखद मानसून की प्रस्तुति हो रही है. इस वर्ष पर्याप्त मात्रा में बरसात का अनुमान दर्शाया जा रहा है. अत: प्रशासन को अभी से ही तैयारी करना आवश्यक है: इसके लिए प्रशासन को चाहिए कि वह बरसात पूर्व प्रबंधन कार्यो को गति प्रदान करें. समय रहते इस पर ध्यान देना आवश्यक है. यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो शहर व जिले में लोगों को कठिनाई का सामना करना पड सकता है. इसलिए जरूरी है कि प्रशासन तत्काल कदम उठाए.
वर्तमान में कोरोना का संक्रमण जारी रहने के चलते पूरे राज्यभर में संकट का दौर जारी है. ऐसे में अरब समुद्र में तूफान का आना और भी तकलीफदेह साबित हो रहा है. अनेक लोगों के घरों की छते उड गई है. ऐसे में उनके सामने संकट है कि वह जाए तो कहा जाए. सरकार को तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेकर पीडितो को पर्याप्त राशि दी जानी चाहिए. ताकि उनका गुजारा हो सके. बहरहाल मानसून के आगमन को अभी 15 दिनों का समय शेष है. यदि अभी भी बरसात पूर्व प्रबंधन का कार्य आरंभ किया जाए तो इसका लाभ मिल सकता है. क्योंकि शहर में लोगों को हर साल जल जमाव जैसी स्थितियों का सामना करना पडता है. इस वर्ष लोगों को यह कठिनाई न हो उस दृष्टि से पर्याप्त कार्य किया जाना चाहिए.
कुल मिलाकर अरब समुद्र में आए तूफान से काफी तबाही हुई है. इस बात का आकलन करने के लिए सरकार को तत्काल दल गठित करना चाहिए. इसी तरह बाढ की स्थिति में लोगों को कैसे बचाया जाए. इस दृष्टि से कदम उठाए जाने चाहिए. यदि ऐसा किया जाता है तो लोगों को इस बरसात में कठिनाई नहीं होगी. कोरोना के संक्रमण के बीच यह तूफान का आना लोगों की चिंता बढानेवाला है. शहर के अनेक स्थानों पर विगत तूफान में पेड नष्ट हो गये है. अत: पेडो का जतन करने की दृष्टि से भी आवश्यक कदम उठाना जरूरी है. अभिप्राय यह कि मानसून मेेंं कभी भी आपदा स्थिति निर्माण हो सकती है. इसके लिए प्रशासन को लोगों को भरोसा दिलाना होगा कि प्रशासन बरसातपूर्व प्रबंधन में परिपूर्ण है तथा लोगों को आवश्यकता पडने पर योग्य सहायता मुहैया कराई जा सकती है.