लेख

धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिणिक क्षेत्र के दानदाता

महामानव ‘भाऊसाब’ श्रीनिवासजी लढ्ढा

भातकुली तहसील के समीप स्थित पेढी नदी के किनारे बसे गांव दाढी के समृध्द कृषि व्यवसायी लढ्ढा परिवार के सेठ नारायणदासजी लढ्ढा छह भाईयों के परिवार में जेष्ठ थे और भाऊसाब नाम से परिचित थे. आपके अनुज सुखदेवजी, स्व.हरविलासजी, पुुरुषोत्तमजी, ठाकुरदासजी, किरणचंद्रजी, दाढी वाले लढ्ढा के नाम से प्रख्यात परिवार किसी समय अमरावती के माहेश्वरी समाज का सबसे बडा संयुक्त परिवार हुआ करता था. परिवार में शिक्षा को सदा महत्व दिया गया. श्रीनिवासजी ने बीएससी एग्रीकल्चर पदवी प्राप्त की थ, उनके सभी बंधु एवं पुत्र ओमप्रकाशजी, जयप्रकाशजी, श्रीप्रकाशजी एवं पुत्री कल्पना सभी विद्याविभूषित हैं. परिवार की तीसरी पीढी भी व्यवसाय एवं अन्य क्षेत्रों में परिवार की परिपाठी को आगे बढाते हुए नाम रोशन कर रही है.
माहेश्वरी समाज : माहेश्वरी समाज की गतिविधियों में आपका सदैव योगदान रहा है. सन 1974 में सामूहिक सेवा समिति की स्थापना करके माहेश्वरी समाज में आपने सामाजिक बदलाव लाया. आपके नेतृत्व में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. राजस्थानी हितकारक संस्था के अध्यक्ष रह चुके भाऊसाब आगे विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी समाज के भी अध्यक्ष रहे. समाज को सर्वोच्च संस्था माहेश्वरी महासभा में आपने काफी वर्षो तक प्रतिनिधित्व किया. समाज के प्रति पिछडे जरुरतमंद विद्यार्थियों के लिए कोष स्थापित कर सहयोग दिया.
सामाजिक संस्थाएं : विविध सामाजिक संस्थाओं में आपका अमूल्य योगदान रहा है. आप 1957 में स्थापित लायंस क्लब के संस्थापक सदस्य थे और आगे अध्यक्ष भी बने. लायंस में रहते हुए आपने जापान की यात्रा भी की . लायंस में आपकी निकटता अमरावती के सुप्रसिध्द नेत्रतज्ञ डॉ. मदन गोपाल से हुई. दोनों अच्छे मित्र थे. जब डॉ. मदनगोपाल साहब ने भाऊसाहब के पास नेत्रदान की संकल्पना रखी तो उस संस्था को आकार देकर अस्पताल खडा करने का काम आपने किया. अमरावती नेत्रदान संस्था के अध्यक्ष रहते हुए आपने नेत्रदान की जनजागृति कर जनमानस को प्रेरित करने के काम में अहम योगदान दिया.
अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री- अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आप संस्थापक उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष रह चुकेे है. अमरावती के व्यापार उद्योग जगत की अडचने एवं जरूरतों को समझते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण सक्षम संस्था के माध्यम से हो सकता है, इस सोच से सन 1979 में आपकी अगुवाई अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना की गई. चेंबर को विकसित करने में आपकी प्रमुख भूमिका रही है. अमरावती चेंबर को आपने कई सरकारी विभाग की सलाहकार समितियों में प्रतिनिधित्व दिलवाया और संस्था के माध्यम से व्यापार एवं उद्योग हित में कार्य किया.
शैक्षणिक संस्थाएं- अमरावती शहर की सुपरिचित प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था गणेशदास राठी छात्रालय समिति एवं ब्रिजलाल बियाणी शिक्षा समिति के भी आप अध्यक्ष रह चुके है. इन दोनों संस्थाओं को स्थापित करने में आपके पिताजी स्व. नारायणदासजी का बहुत बडा योगदान रहा. बियाणी शिक्षा संस्था के नारायणदासजी साहब संस्थापक अध्यक्ष थे. शिक्षा क्षेत्र के विकास की पिता द्वारा मिली विरासत को आगे बढाते हुए लढ्ढा परिवार ने नारायणदास लढ्ढा हाईस्कूल की स्थापना की. आपके पारिवारिक निजी ट्रस्ट से भी जरूरतमंद विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है.
धार्मिक आयोजन- शहर में आयोजित होनेवाले धार्मिक अनुष्ठानों में तन मन धन से लढ्ढा परिवार को सहयोग रहा है. आपके आवास साकेत को कथाकार डोंगरे महाराज, मुरारी बापू, रमेशभाई ओझा, किशोर जी व्यास जैसी महाविभूतियों के चरणों के पावन किया है. सन 1992 में विश्वहिंदू परिषद के अमरावती जिले के आप अध्यक्ष भी रह चुके है.
संयुक्त परिवार के जेष्ठ होने से पारिवारिक जिम्मेदारियां भी बड़ी रहती है. पारिवारिक रिश्तेदारियेां का निर्वाह करते हुए सामाजिक उत्थान के कार्यो में सदा अग्रसर रहना, यह आपके व्यक्तित्व की विशेषता रही है. गणेशदास राठी छात्रालय समिति एवं ब्रिजलाल बियाणी शिक्षा समिति जैसी अग्रणी दोनों शिक्षण संस्थाओं में अध्यक्ष पद सुशोभित करने का सम्मान अभी तक सिर्फ भाऊसाहब को ही मिल पाया है. आपके अतुलनीय कार्य सकारात्मक सोच एवं कुशल नेतृत्व क्षमता को नमन करते हुए भावपूर्ण श्रध्दांजलि .
– विनोद कलंत्री, अध्यक्ष
अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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