यादों में सदैव बने रहेंगे डॉ. भरत शाह
आदरणीय डॉ. भरत शाह सर,
‘क्षणभंगूर’ शब्द का अर्थ क्या होता है, इसका एहसास आपके यूं अचानक चले जाने से हुआ है. जब भी आपकी याद आयी, तो हमेशा प्रसन्न, हंसमुख और कुछ मिश्किल भाव रहने के साथ ही आश्वस्त करनेवाला चेहरा ही आंखों के सामने आता रहा. ऐसे चेहरे द्वारा हमेशा के लिए अपनी आंखे बंद कर लेना, हम सभी के लिए बेहद धक्कादायक है. कैसे यकिन कर लें कि, जीवन के प्रत्येक क्षण को पूरी समरसता के साथ जीनेवाला व्यक्ति बिना किसी से कुछ कहे यूं अचानक शांतिपूर्ण तरीके से दुनिया को छोडकर चला गया है.
आपने और मैडम ने प्रसूति के समय मेरा काफी ख्याल रखा. इसके बाद मैं जब एक हादसे का शिकार हुई, तब भी एक डॉक्टर के तौर पर इलाज करने के साथ-साथ जो आश्वासकता दर्शाई, उसे मैं कदापि नहीं भूल सकती. मेरे नवजात बच्चे को मेरे पास लेकर आनेवाले आप पहले व्यक्ति है. अत: मैं आपको कभी नहीं भूल सकती. आपके स्वभाव में रहनेवाले निश्छल प्रेम व विनोदशिलता के साथ ही व्यवसाय के प्रति निष्ठा और अपने काम में रहनेवाले कौशल्य व निपुणता के चलते आप कई लोगों के स्मरण में हमेशा बने रहेंगे. अपने व्यवसायिक कौशल्य और हाथों के हुन्नर से आपने ने कई लोगों के शारीरिक व्यंग को दूर किया. जिससे उनके चेहरों पर मुस्कुराहट लौटी.
अगर यह सच है कि, हर इन्सान अंत में केवल यादों में ही जीवित रहता है, तो आप अपने जीवनकाल के दौरान आपसे मिलनेवाले प्रत्येक व्यक्ति के स्मृतियों में आनंद व चैतन्य को जगानेवाले जिंदा दिल इन्सान के रूप में सदैव जीवित रहेंगे. इतना तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है.
– डॉ. नयना बच्चु कडू