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अभिनय के एक युग का अंत

हिन्दी सिनेमा जगत के प्रसिध्द अभिनेता दिलीप कुमार का बुधवार को सुबह ७ बजे निधन हो गया. अपने मौलिक अभिनय के माध्यम से हिन्दी सिनेमा जगत में उन्होंने महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया था. जिसके चलते उनके निधन पर न केवल सिनेमा जगत व अन्य क्षेत्र के लोगों में भी शोक का माहौल है. करीब ४ दशक से फिल्म जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखनेवाले अभिनेता दिलीप कुमार ने अनेक जटिल से जटिल भूमिकाओं को साकार किया. इसके कारण उन्हें ट्रेजरी किंग के नाम से भी जाना जाता है. फिल्म जगत में अनेक सुपर स्टॉर रहे है. किंतु सर्वप्रथम सुपर स्टॉर का दर्जा दिलीप कुमार ने ही प्राप्त किया था. दिलीप कुमार को भारतीय फिल्मों में यादगार अभिनय के लिए फिल्मों का सर्वोच्च सम्मान दादासाहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. इसके अलावा पद्म भूषण, पद्म विभूषण व पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान ऐ-इम्तियाज से भी सम्मानित किया गया है. सन् २००० में राज्यसभा के सदस्य भी है. दिलीप कुमार के विषय में उनके जाननेवाले यह कहते पाए गये है कि वे न केवल एक अच्छे अभिनेता थे. बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. विगत तीन माह से उनकी तबियत खराब चल रही थी. जिसके कारण कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. लोगों की दुआओं का यह असर रहा है कि वे मृत्यु पर मात कर कई बार अपने घर वापस आए. हालाकि प्रकृति का यह सिध्दांत है कि जो दुनिया में आया है उन्हें जाना ही पडेगा. इस क्रम में आज काल ने उन्हें अपना ग्रास बना लिया. ट्रेजडी रूप में विख्यात दिलीप कुमार का जन्म ११ दिसंबर १९२२ को वर्तमान पाकिस्तान के पेशावर शहर में हुआ था. उनका आरंभिक जीवन अनेक संकटों से भरा रहा.
देश विभाजन के दौरान उनका परिवार मुंबई में आकर बस गया. यहां उनके पिता द्वारा व्यवसाय किया गया. जिसमें उन्हें नुकसान हुआ. जिसके कारण दिलीप कुमार को अनेक संघर्ष का सामना करना पड़ा. ज्वारभाटा फिल्म से उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत की. मौलिक अभिनय क्षमता के कारण वे शीघ्र ही लोकप्रिय हो गये. उनकी फिल्में यानी सफलता की गारंटी मानी जाती थी. यही कारण है कि उन्होंने अनेक फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता से लोगों को मोहित कर दिया. ४ दशक तक अनेक फिल्मों में उन्होंने भूमिका निभाई है. जिसमें अनेक फिल्में श्रेष्ठतम फिल्मों की श्रेणी में गिनी जाती है. नया दौर, मुगले आजम जैसी फिल्मों में उनका अभिनय एक एतिहासिक स्थान प्राप्त कर चुका है.
पूरे देश में अपनी लोकप्रियता रही है. यही कारण है कि आज उनके निधन पर सभी स्तर के लोगों द्वारा संवेदना व्यक्त की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. इसी तरह राजनीति क्षेत्र में अनेक दिग्गजों ने संवेदनाएं व्यक्त की है. अनेक लोगों ने अपने शोक संदेश में दिलीपकुमार के जाने पर एक युग का अंत होने की बात कही हैे यह सच भी हैं. उन्होंने जो अपनी अभिनय क्षमता प्रस्तुत की वह लोगों के लिए हृदयस्पर्शी रही है. यही कारण है कि फिल्म जगत में आज उनके निधन पर शोक का माहौल है. ऐसे प्रभावी अभिनय सम्राट दिलीप कुमार के निधन निश्चित रूप से अभिनय क्षेत्र की एक अपूरर्णीय क्षति है. जो उनके पहले ही कायम थी वह भविष्य में पुन: कायम रहेगी.

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