महंगी हुई रसोई
महंगाई के वर्तमान दौर में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर भी दौड़ में शामिल हो गया है. सरकारी तेल कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दरों में बढोतरी की है. १४ किलों के अनुदानित एलपीजी सिलेंडर के लिए अब ८३४.५० रूपये देने होंगे. इससे पहले पेट्रोलियम पदार्थो की दरो में बढोतरी हुई है जो अब तक जारी है. जाहीर है इससे घरेलू बजट प्रभावित होगा. रसोई गैस आज हर घर की आवश्यकता हो गई है. इसका महंगा होना घरेलू बजट को प्रभावित करने की प्रक्रिया मानी जा रही है. एक ओर तो सरकार लोगों की जान पर खतरा न हो तथा विश्वव्यापी महामारी कोरोना के खिलाफ अनेक प्रबंध किए है. इसके लिए विगत डेढ वर्षो से रह रहकर लॉकडाउन की प्रक्रिया जारी रखी है. ऐसे में यह माना जा सकता है कि सरकार जनहित में यह कदम उठा रही है. लेकिन लोगों के लिए सबसे बडा जो जनहित कहा जा सकता है वह महंगाई पर नियंत्रण है. इसी नियंत्रण को कर पाने में सरकार लगातार विफल होती जा रही है. अव्वल तो महामारी के इस दौर में दरवृध्दि होना अपने आप में चिंता का विषय है. क्योंकि जब आपदा का काल हो तो सरकार का दायित्व बनता है कि वह राहत पहुंचाने की दिशा में कदम उठाए. अक्सर पाया गया है कि जिस समय कृषि या अन्य किसी क्षेत्र पर संकट आता है तो सरकार की ओर से अनेक सहायता दी जाती है. ऐसे में जब महामारी का दौर जारी हो तब सरकार का दायित्व है कि महंगाई पर नियंत्रण रखे.
रसोई गैस की दरों से हुई बढोतरी से सामान्य नागरिक को कठिनाई का सामना करना पडेगा. हालाकि बीते कुछ माह में हर बार गैस सिलेंडर भी महंगा होता चला गया है. लेकिन रसोई की यह सबसे बडी आवश्यकता गैस सिलेंडर की रहती है. यदि गैस सिलेंडर कुछ घंटो के लिए जारी रखा जाए तो पूरी रसोई बनकर तैयार हो जाती है. ऐसे में गैस सिलेेंडर की दर को काबू में रखना जरूरी है. गैस सिलेंडर की बढती दरों से रसोई में भोजन भी कठिन हो जायेगा. इसके लिए जरूरी है कि सरकार रसोई गैस सिलेंडर की बढती दरों पर नियंत्रण रखे. विशेषकर वर्तमान में जो दरे बढाई गई है. उससे सामान्य व्यक्ति प्रभावित होगा. कोरोना संक्रमण का काल होने के कारण सरकार को इस बात का ध्यान देना होगा कि बीमारी के कारण पहले से ही टूट गये लोगों को महंगाई की मार न लगे. लेकिन रसोई गैस की दरों में बढोतरी होने के कारण सामान्य नागरिक अब चिंतित हो गया है. इसलिए जरूरी है कि सरकार गैस सिलेंडर की दरों को लेकर विचार विमर्श करे तथा लोगों को राहत मिले. ऐसे कदम उठाए.