बडी ही कठीन नगर की डगर है…इसी गीत को गुनगुनाते हुए मुसाफिर अपनी सायकिल से चला जा रहा है… चला जा रहा है. सप्ताह भर की खबरों का गुलदस्ता आपको भेंट देने के लिए. नागपुरी गेट चौराहे से होकर मुसाफिर जमील कॉलोनी की ओर निकल पडा जहां इस सप्ताह की शुरूआत ही बुरी खबर से मिली कॉग्रेस के बडे पुराने पदाधिकारी, कार्यकर्ता व वरिष्ठ पत्रकार मुजफ्फर अहेमद मामू का इंतेकाल हो गया. उनकी अंतिम यात्रा में पुलिस आयुक्त सहित शहर भर के कई पार्टी के नेताओं ने भेंंट देकर उनके परिवार को सांत्वना दी. बताया जाता है कि 1971 में मामू को अमरावती जिला कॉग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. जिसके बाद आज तक कोई भी अल्पसंख्यक नेता या कार्यकर्ता इस पद तक नहीं पहुंच पाया. अब यह कह सकते है कि या तो ऐसे काबिल नेता कॉग्रेस पार्टी को नहीं मिले या पार्टी कार्यकर्ताओं में ऐसी काबिलियत नहीं थी. पता नहीं खैर आगे बढते है. शहर में मुसाफिर आगे बढा तो देखा 1 अक्टुबर से ही गांधी जयंती की धुम मची हुई है. जो लोग कभी पान-गुटखे की पिचकारी कही भी मारते फिरते थे. आज हाथों में झाडु लिए सफाई अभियान चलाने की दुहाईयां दे थे. आगे बढते हुए मुसाफिर जयस्तंभ चौक तक पहुंचा वहां भी 2 अक्टुबर गांधी जंयती मनाने व बापु को अभिवादन करने वालों की होड मची हुई थी. सोमवार की शाम सत्यमेव वाले पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का व्याख्यान दशहरा मैदान में आयोजित किया गया. व्याख्यान सुनने शहर व जिले के कई नामी गिरामी व्यक्ति पहुंचे थे. पुरा मैदान व परिसर भीड से खचाखच भरा पडा था. मुसाफिर भी इस भीड का हिस्सा बन व्याख्यान को गौर से सुनने में लग गया. इसी सप्ताह शहर में राष्ट्रवादी कॉग्रेस की नेता सांसद सुप्रिया सुले का भी नगरागमन हुआ. सांसद सुले ने अपने भाषण दौरान केंद्र व राज्य सरकार को खुब कोसा.
मुसाफिर चलता हुआ जिलाधिकारी कार्यालय की ओर बढा जहां अनेक संगठनों व्दारा राज्य सरकार के कंत्राटी नौकर भर्ती का विरोध जारी था. इसी तरह इर्विन चौक पर पहुंचने पर मुसाफिर को रिपार्ई का 66वां वर्धापन दिवस मनाते उत्साही कार्यकर्ता नजर रिपार्ई व्दारा निकाली जाने वाली संविधान रथ व बाईक रैली को सांसद सुले ने झंडी दिखाकर रवाना किया. बुधवार के दिन विदर्भ के राजा को 1001 किलों का मोतीचुर लड्डु का आकर्षक नजारा भी मुसाफिर ने अन्य भक्तों के साथ मिलकर देखा. गुरुवार को पुरे शहर में उत्साह का माहौल नजर आया क्योंकि इस रोज विदर्भ के राजा की शानदार विदाई शुरू थी. दोपहर 12 बजे से शुरु रैली रात 10 बजे तक चलती रही. कई चौक पर आकर्षक आतिशबाजी, महाआरती सहित विसर्जन रैली में ढोल पथक की व जयकारों के साथ ही गगन गुंजयमान हो रहा था. युवाओं सहित बच्चों-बुढों में उत्साह भरपुर उमंग देखी गयी. विदर्भ के राजा की विदाई के बाद उनका पंडाल पुरी तरह खाली व सुनसान हो गया. 10 दिनों तक शहर में उत्साह भरा माहौल थोडा थम गया. इर्विन चौक में फैली रौनक भी अब कम हो गयी. वही विदर्भ के राजा व न्यु आजाद मंडल के संस्थापक दिनेश बुब के कार्यो को हर कोई भुरी-भुरा प्रशंसा करते नहीं थकता है. दस दिनों तक मंडल में भक्तों के लिए व्यवस्था, विसर्जन रैली का नियोजन यह सब दिनेश बुब व उनके साथियों की मेहनत का ही नतीजा है कि अब जिले व विदर्भ ही नहीं बल्कि विदेशों से भी दर्शनार्थी विदर्भ के राजा की रैली देखने आ रहे है. शुक्रवार को मुसाफिर अपनी वही जुनी-पुरानी सायकिल से बडनेरा रोड की ओर चल पडा जहां इसी मार्ग पर महेश भवन में ज्ञान यज्ञ संगीतमय श्रीमद भागवत सप्ताह में डॉ. संतोष महाराज ने अपने मधुर मुखरविंद से ज्ञान की बाते परोसते हुए बताया कि अगर सच्चे मन से भक्त बुलाये तो भगवान जरुर आ जाते है. यहां से निकल कर मुसाफिर साइंसकोर मैदान की ओर चल पडा जहां दो मंजिला इमारत में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है.
इस इमारत को बनाने में खगोल शास्त्रज्ञ प्रविण विधले संकल्पना व मेहनत बतायी जा रही है. इस तारामंडल भवन से शहर व जिले के विद्यार्थियों को आंतरिक्ष के बारे में बहुत जानकारी मिलेगी, इस बात को नकारा न हीं जा सकता है. आगे बढते हुए मुसाफिर पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर बढा जहां पुलिस आयुक्त नविनचंद्र रेड्डी व्दारा शहर में युवाओं व्दारा बनाये जा रहे नये गैंग पर नजर रख कर उनके कान ऐठने की तैयारी नजर आयी. इस बात से बहुत ही खुशी मिली की चलों युवा अब अपराध जगत से दुर हो सकते है. शनिवार को शहर में पुलिस के लिए उपलब्धी भरा साबित हुआ जहां शहर में पुलिस ने बडी मात्रा में गांजा और आरोपियों को पकडा. पुलिस आयुक्त रेड्डी के निर्देश पर शहर में हर रोज कई बडी कार्रवाई होकर अपराधियों की कमर तोडने का प्रयास जारी है. जो कि काबिले तारीफ है. शनिवार का दिन रोज की तरह मुसाफिर के लिए वही रोज जैसा ही रुटीन है. मुसाफिर रविवार को होने वाली मैराथॉन की तैयारी में जुट गया है. तो मुसाफिर भी मैराथॉन में भागने के लिए कमर कस तैयार हो चुका है. मुसाफिर की बातों से कही आप बोर तो नही हो जाते है. हमें जरुर बताए. इसके लिए आपकों दैनिक अमरावती मंडल खापर्डे बगीचा के पते पर मुसाफिर के नाम से पत्र लिखना पडेगा. चलों फिर चलते है. अगले सप्ताह की तैयारी करने. तब तक के लिए मुसाफिर को दिजीए इजाजत. अगले सप्ताह फिर मिलते है.
क्योंकि- आते जाते खुबसुरत आवारा रस्तों पे, कभी कभी इत्तेफाक से.. कितने अनजान लोग मिल जाते है,
इनमें से कुछ लोग भुल जाते है. कुछ याद रह जाते है.