लेख

अलविदा किशोर दा

अमरावती रक्तदान समिति के संस्थापकों में से एक और स्थापना से अबतक यानी करीब ४० साल से सचिव का पदभार सफलतापूर्वक निर्वहन करनेवाले हमारे मित्र किशोर दा (उनके लिए मेरा संबोधन हमेशा यही होता था) का शुक्रवार ०७ अगस्त को संध्याकाल के समय हृदयाघात से निधन हो गया. मैं हमेशा उनसे कहता भी था कि अपनी रक्तदान समिति में सचिव का पद पर किशोर पुरवार के नाम आजीवन रहेगा. रक्तदान समिति के ४० साल का लेखाजोखा और हजारों शिविर के रक्त संचय का बहीखाता उनकी कलम से ही लिखा गया है. उनके शर्ट की जेब में कलम ना हो, ऐसे किशोर दा को मैंने तभी देखा, जब वह प्रिंटिंग का काम करते समय अपने निवास पर बनियान में होते थे. कलम उनकी जान थी और शर्ट की जेब में दो से ज्यादा और अलग-अलग स्याहीवाली कलम उनकी विशेष  पहचान. यह चित्र भी आज उनकी इस विशेषता की गवाही दे रहा है. हर बात को सलीके से लिखना और शब्दों के अर्थ को समझना उनकी कमजोरी थी. कई बार उनका फोन इसी के लिए ही आता था और हमारी चर्चा का विषय भी हिंदी और भाषा ही होता था. मेरा लिखा कुछ पढा हो, तो उसे अखबार की कटिंग देरी से ही सही लेकिन मुझे देते जरूर थे.

मिलनसार व्यक्तित्व के धनी और कई वर्ष से हृदयरोग का मुस्कुराते हुए सामना कर रहे किशोर दा आज अपनी जीवन यात्रा को बीच पडाव में छोडकर अनंत यात्रा पर चले गए. मानव सेवा के लिए महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ विभाग के अमरावती महानगर की रक्तदान समिति ने अपने प्रयत्नों और अथक प्रयास से अमरावती को रक्तदान और रक्तदाताओं की नगरी के रूप में देशभर में जो पहचान दिलवाई, ख्याति अर्जित की, अपनी विशेष पहचान बनाई, इस नगरी का नाम रौशन किया. जिसके कारण अमरावती रक्तदान समिति को राज्य शासन की ओर से ‘दलित मित्र‘ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ. उसमें किशोर दा का अपना भी विशेष योगदान रहा है. रक्तदान समिति के कई सदस्यों की तरह किशोर दा को भी महाराष्ट्र राज्य शासन की ओर से पुरस्कृत किया जा चुका है. हमने यानी समिति के सदस्यों ने भले ही अपने काम में कोताही बरती हो, लेकिन रक्तदान समिति की हर सभा में पूरी जानकारी के साथ उनकी उपस्थिति उनकी कार्य के प्रति सच्ची निष्ठा और ईमानदारी का प्रमाण है.

आज हजारों रक्तदाताओं के पास उनकी कलम से लिखे प्रमाणपत्र हैं, जो उनकी स्मृति को अमिट रखेंगे. ४० बरसों का साथ और सैकडो यादें पंक्तिबद्ध करना संभव नहीं और न इस समय यह मेरी मानसिकता है. जो मन में आया, वह सेलफोन के परदे पर उभरता चला गया, क्योंकि किशोर दा का अचानक जाना भी रक्तदान समिति के हम सदस्य परिवारों और मित्रों के लिए भी किसी आघात से कम नहीं है. परमपिता परमेश्वर किशोर दा की आत्मा को शांति प्रदान करे. ॐ शांति.

पवन नयन जायसवाल                                                                                  जनसंपर्क अधिकारी रक्तदान समिति,                                                       अमरावती

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