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महंगाई का कहर

बीते तीन माह में जीवनावश्यक वस्तुओं की दरों में तेजी का माहौल देखा जा रहा है. पेट्रोल व डीजल की दरों में रोजाना वृध्दि हो रही है. इसके चलते पेट्रोल की दर प्रति लीटर १०० रूपये पार कर चुकी है. निश्चित रूप से इसका भी असर वस्तुओं की माल ढुलाई पर भी हो रहा है. जिससे दरों में और भी बढोतरी होने की आशंका बनी हुई है. पेट्रोल डीजल की दरों के साथ साथ अब उपयोग में लाए जानेवाले साबुन , तेल, शेम्पू की दरों मेें भी बढोतरी हो रही है. बीते तीन माह में सभी वस्तुओं की दरों में ३ से लेकर ४० फीसदी तक बढोतरी हुई है. कोटक इन्स्टीटयूशनल सिक्यूरिटीज में जून माह के आखरी में किए गये सर्वेक्षण में यह जानकारी हासिल की है.
कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो वर्र्षाे से लॉकडाउन के कारण सारे कारोबार ठप्प है. जिससे सामान्य व्यक्ति के लिए कोई भी चीज खरीदना संभव नहीं है. यदि ट्रांसपोर्ट की दरें और अधिक हो जाती है तो अन्य वस्तुओं के दाम भी तेजी से बढ़ेगे. ऐसे में सामान्य व्यक्ति का जीना कठिन हो जायेगा. वर्तमान में जो महंगाई है उसे किसी तरह सामान्य व्यक्ति मात देने की कोशिश कर रहा है. लेकिन सरकार की ओर से हर बार किसी न किसी कारण से कडे निर्बंध जारी किए जाते है. इससे व्यापार क्षेत्र पर भारी प्रभाव पड़ता है. बीच में कोरोना संक्रमण के कारण अनेक मामले सामने आ रहे है. दूध यह रोजमर्रा की इस्तेमाल की वस्तु है. लेकिन इसकी भी दरों में बढोतरी हो रही है. कोरोना संक्रमण के कारण सामान्य व्यक्ति का जीवन अत्यंत जटिल हो गया है. उस पर महंगाई सामान्य व्यक्ति को और भी परेशान कर सकती है. अमरावती जैसे महानगरों में वैसे भी रोजगार का अभाव है. जिसके कारण रोजगार का संकट पूरे जिले मेंं कायम है. पेट्रोल-डीजल की दरों में होती बढोत्तरी से सारी अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है. जरूरी है कि सबसे पहले महंगाई पर नियंत्रण किया जाए. यदि महंगाई बे लगाम रही तो कई लोगों को परेशानी बढ सकती है. जरूरी है कि सरकार सर्वप्रथम महंगाई रोकने की दिशा मेंं कार्य करे. खासकर बीपीएल श्रेणी के लोगों को जो आरंभ में अनाज दिया जा रहा था वह जारी रखा जाना चाहिए.
महंगाई क्रम हर बार कायम रहा है. लेकिन इस बार महंगाई तीव्रता से अपना असर दिखा रही है. जिससे सामान्य व्यक्ति की चिंता बढ गई है. इस महंगाई पर किस तरह नियंत्रण रखा जा सकता है. इस ओर सरकार को ध्यान देना अति आवश्यक है. कोरोना संक्रमण के दौर में लोगों के पास रोजगार का अभाव है. ऐसे में महंगाई भी उनके लिए जटिल स्थितियां उत्पन्न कर रही है. सरकार को चाहिए कि वह महंगाई कम करने की दिशा में कदम उठाए. कुल मिलाकर महंगाई का कहर जारी है. ऐसे में सामान्य व्यक्ति का हौसला कितना कायम रहता है. इस पर सबकुछ निर्भर है. बहरहाल सरकार को महंगाई को नियंत्रित करने की दिशा में कार्य करना चाहिए.
राजनीतिक रैलियां
हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा है कि महाराष्ट्र में लागू कोविड-१९ प्रोटोकाल का उल्लंघन करनेवाली राजनीतिक रैलियों को रोकना चाहिए. बेशक हाईकोर्ट ने इस बारे में प्रश्न किया है. लेकिन यह स्वयं प्रशासन को जानना चाहिए था कि इस तरह की रैलियों को अनुमति न दी जाए. यदि रैलिया बिना अनुमति निकलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. राज्य में कोरोना संक्रमण तीव्रता से जारी है. सोशल डिस्टेसिंग के नाम पर अनेक दुकानदारों के खिलाफ प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है. जब दुकानदारों के खिलाफ संंबंधित प्रशासन द्वारा कडी नियमावली लागू है तो राजनीतिक दलों के खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जाए. यदि किसी भी कारण से लोग कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन करते है तो उससे सीख लेकर विभिन्न क्षेत्रों में भी यह स्थिति निर्माण हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि यदि संक्रमण बीमारियों को रोकने के लिए सभी की दृष्टि से ठोस नियमावली जारी की जाए. जब तक कोरोना संक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं होता सभी को नियमावली का पालन करना चाहिए. फिर वे राजनीतिक दल हो या निजी प्रतिष्ठान.
कुल मिलाकर नियमावली सबसे लिए समान है. ऐसे में यदि कोई राजनीतिक दल नियमावली का उल्लंघन करते है तो उनके खिलाफ भी कडी कार्रवाई होनी चाहिए. जब बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना जरूरी है तब रैलियां व मोर्चे पर प्रतिबंध रहना चाहिए. अन्यथा एक पक्ष नियमों का पालन करे व दूसरा पक्ष अवहेलना करे तो बीमारी पर काबू नहीं पाया जा सकता. जरूरी है कि हर कोई कोरोना प्रोटोकाल का पालन करे.

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