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हजारों को अन्नदान करने वाली नानक रोटी ट्रस्ट

अमरावती की नानक रोटी ट्रस्ट संस्था का सोमेश्वर पुसतकर लोक गौरव पुरस्कार के लिए चयन किया गया है. आगामी सोमवार 2 अगस्त को हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के ऑडीटोरियम में ज्येष्ठ नेता बी.टी. देशमुख की अध्यक्षता में पालकमंत्री यशोमती ठाकूर, राज्यमंत्री बच्चू कडू, गिरीश गांधी व पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य की प्रमुख उपस्थिति में नानक रोटी ट्रस्ट को एक लाख रुपए, सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह देकर गौरवान्वित किया जाएगा. इस निमित्त हजारों गरीब व निराधारों को निःशुल्क अन्नदान करने वाली संस्था के कार्यों की समीक्षा….
कोरोना संकट के समय ही नहीं, तो अब भी नानक रोटी ट्रस्ट इस संस्था का नाम अमरावतीवासियों के ओठों पर हमेशा है. जिनके पेट में भूख हो, ऐसे एक गांव से दूसरे गांव के लिये जाने वाले बस स्थानक अथवा रेल्वे स्टेशन के अपरिचित यात्री हो, दशहरा मैदान से बडनेरा रोड पर लकड़ी की बॅट तैयार करने वाले कामगार हो, कुंडी, मिट्टी के बर्तन बेचने वाले व्यवसायी हो या नवसारी मार्ग पर गड्ढों का काम करने वाले मजदूर वर्ग हो अथवा सामान्य अस्पताल के बाहर इंतजार करते मरीजों के रिश्तेदार… इन सभी की भूख मिटाने का पवित्र काम गत दो वर्षों से अविरत व दिल से करने वाली संस्था यानि- नानक रोटी ट्रस्ट.
किस तरह हुई इस संस्था की शुरुआत? ऐसा सवाल इस ट्रस्ट के पदाधिकारियों से किये जाने पर सब प्रभु का करम है, हम तो सिर्फ सेवादार है, ऐसा नम्र उत्तर मिलता है. सेवा का गर्व नहीं,उद्दात्तीकरण नहीं, प्रतिष्ठा व प्रसिध्दी का मोह भी नहीं. एक निरपेक्ष भाव से गरीबों को अन्नदान करने का काम संस्था के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं व्दारा लगातार किया जा रहा है.
सिख समुदाय के आद्य धर्मगुरु गुरुनानक की शिक्षा को शिरोधार्य समझकर अमतवेला इस ट्रस्ट के आद्य संस्थापक भाई गुरुप्रित सिंह उर्फ रिन्कू वीरजी के मार्गदर्शन में नानक रोटी ट्रस्ट के सेवाकार्य को अमरावती में तीन वर्ष पूर्व शुरुआत हुई. गरीब का मुख, गुरु की गोलक इस ब्रीद वाक्य को ध्यान में रखते हुए अमरावती में शंकरजी टवानी की अध्यक्षता में इस संस्था का बीजारोपण हुआ. नाम जपो, धर्म किर्त आणि वंद चखो यानि प्रभु का नाम स्मरण नित्य नियम से करे, ईमानदारी व मेहनत से कमाई करें और अनाज का कण-कण बांटकर खाये, यह धर्म के तीन आदर्श तत्वों का पालन संस्था की ओर से किया जाता है.
नानक रोटी ट्रस्ट की ओर से हर रोज करीबन 2000 जरुरतमंदों को अत्यंत मनोभाव से भोजनदान किया जाता है.स्वादिष्ट, गर्म और आकर्षक खाद्यान्न संस्था के सेवादारों के हाथों गरीब व निराधारों को दिया जाता है. शहर के प्रमुख चौक व सरकारी अस्पताल के सामने संस्था की गाड़ी हर रोज अन्नदान करती है. अत्यंत शिस्तबध्द तरीके से यह उपक्रम अविरत जारी रहता है. संस्था के कर्तव्यदक्ष सचिव राजकुमार दुर्गाई, आर्थिक व्यवहार पारदर्शी रुप से संभालने वाले कोषाध्यक्ष मनोज पुरसवाणी, संस्था का कार्य जनमानस तक पहुंचाने का कार्य करने वाले संदीप हसनानी, निकेश प्रथानी, गरीबों को समय पर भोजन मिले इस ओर ध्यान देने वाले गणेश थावराणी, भोजन कक्ष व्यवस्थापक इंद्रकुमार लुल्ला, अजय पिंजानी, श्यामलाल पिंजानी, अमर कुकरेजा, किशनचंद पिंजानी, किमतराम धनकानी, तुषार नागदेव आदि इस उपक्रम के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. अपने-अपने व्यवसाय को संभालते हुए अधिकाधिक समय इस उपक्रम को देते हैं.
जे का रंजले गांजले त्यासि म्हणे जो आपुला, तोचि साधू ओळखावा देव तेथेचि जाणावा इस उक्तिनुसार मनुष्य में भगवान का रुप आज इन कार्यकर्ताओं का परिचय देता है. धन गुरु नानक… ऐसा जयघोष करते हुए हर रोज करीबन 2000 लोगों के भोजन की व्यवस्था हेतु कार्यारंभ करना, वह भी किसी प्रकार की प्रसिध्दी व प्रतिष्ठा न मिलते हुए करना यह बात ही निराली है. आज के आधुनिक युग में चौकोनी परिवार रहते हुए भी समय पर यदि कोई मेहमान आये तो उनके भोजन की व्यवस्था करते समय हमारी कसरत हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में गर्मी, बारिश, ठंड किसी भी मौसम में हर रोज दो हजार लोगों को समय पर भोजन उपलब्ध करवाने का काम नानक रोटी ट्रस्ट की ओर से किया जाता है.
संस्था व्दारा दानदाताओं व्दारा दी गई मदद से दो टाटा एस वाहन आकर्षक व ध्यानाकर्षित करने वाली पध्दति से सुशोभित किये हैं. उन वाहनों में अनाज गर्म रहने के लिये हॉट पॉट की व्यवस्था, स्वच्छ बर्तन, भोजन वितरण के लिए प्लास्टीक ग्लोव्हज आदि सभी सुविधा के चलते भोजन वितरण करने वाले कार्यकर्ताओं को देखने पर वह निर्गुण, निराकार समाज में आज भी है इसकी अनुभूति हुए बगैर नहीं रहती. अब तो भोजन के वाहन के साथ थर्मोडायनॅमिक्स का इस्तेमाल बाह्य भागों में कर लाभार्थियों को ठंडा व शुध्द पेयजल वितरित करने के लिये अगल वाहन तैयार किये जाने के साथ ही शीघ्र ही अमरावती वासियों के लिए सेवा में उपलब्ध होने वाला है.
नानक रोटी ट्रस्ट की ओर से जरुरतमंदों को कपड़े, ब्लैंकेट का वितरण किया जाता है. ट्रस्ट के कार्यकर्ता रात के समय शहर में घुमकर खुले में, सार्वजनिक स्थान पर सोने वाले बेघरों के शरीर पर ब्लैंकेट डालकर चुपचाप निकल जाते हैं.
पुरस्कार प्राप्त सदस्यों से संवाद साधते समय वे कहते हैं- अब भी हम शहर के संपूर्ण जरुरतमंदों तक नहीं पहुंच पाये हैं. प्रत्येक व्यक्ति ने अपनी आय की थोड़ी रकम सहायता के रुप में हमारी सरीखी संस्था को दान दिये जाने पर शहर का एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा. बड़ी संख्या में अमरावतीवासी उनके घर के विवाह समारोह, जन्मदिन ऐसे मंगल अवसर पर अन्नदान करने के लिए दान देते हैं, यह बात संस्था के पदाधिकारियों ने बताई. तो चले, हम भी नानक रोटी ट्रस्ट के इस उपक्रम में साथ दें.
– डॉ. अविनाश असनारे
अविनाश दुधे, सेक्रेेटरी, लोक फाउंडेशन, अमरावती

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