सुप्रसिध्द पत्रकार, साहित्यिक,कवि, निसर्ग प्रेमी व मित्रों को अपरंपार प्रेम करने वाले श्याम देशपांडे का कल 21 मार्च को जन्मदिन है. जन्मदिन पर पुराने दिन फ्लैश बॅक की तरह आंखों के सामने आते हैं. श्याम देशपांडे मूल रुप से शिक्षक. उस समय शिक्षक पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर थे.अखबार क्षेत्र को शिक्षकों की आवश्यकता थी. उन्होेंने नागपुर के नागपुर टाईम्स में अपनी सेवा दी. मराठी में दीर्घ, लघु, मात्रा के महत्व को देखते हुए उतनी ही बारीकी से वे अंग्रेजी में न्यूज लिखते थे. किसी का भी अपमान न हो, इसका खयाल रख वे लिखते. उस समय दै. हिंदुस्थान में देर रात तक वे मेरे बड़े भाई अरुण मराठे के साथ गपशप करते थे. पूर्व विधायक बी.टी. देशमुख, शरदचंद्र सिन्हा, मधुकर केचे, माणिक कानेड के अतिरिक्त मा.ल. व्यवहारे, धैर्यशील वाघ, सुरेश भट के साथ बातें करने महफिल जमती थी. पत्र महर्षि स्वतंत्रता सेनानी बालासाहब मराठे के साथ राजनीति, जिले की विविध विकास योजना, शिक्षा, मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट, अमरावती शहर की जलापूर्ति, अमरावती बायपास आदि बाबत चर्चा तो सूर्यकांत जोग व्दारा शुरु किये गये संस्कार शिविर में वे युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन करते थे.
हैंड कंपोज की गई न्यूज के प्रुफ रिडींग से लेकर वे डॉक्टर यानि अरुण मराठे को सहकार्य करते थे. दै. हिंदुस्थान का दिवाली अंक प्रकाशित करने में वे मदद करते,अपने विचार स्पष्ट रुप से बताने वाले अरुण मराठे के वे सही और विश्वासु मित्र हैं. श्याम दादा सामान्य क्रौंच पक्षी का निरीक्षण कर उन पर अभ्यास करते हैं. निरीक्षण और भाषा के मेल के कारण सामान्य क्रौंच पक्षी का सुंदर चित्र श्याम देशपांडे वाचकों के सामने प्रस्तुत करते हैं.
श्याम देशपांडे पक्षियों की तरह वृक्षों पर भी प्रेम करते हैं. एक बार मैं, डीएफओ राजेन्द्र कदम व श्याम देशपांडे पोहरा, चिरोडी जंगल में घुमने के लिये गये. कुछ समय चांदुर रेल्वे के वन विभाग के विश्राम गृह में रुके. काफी घुमने के बाद थक गये, लेकिन श्याम देशपांडे परिसर में लगाये गये वृक्षों का निरीक्षण करते घुम रहे थे. उन्होंने एक वृक्ष को तार लपेटे देख अथक प्रयासों के बाद पेड़ को तार से मुक्त किया. ऐसे अनेक उदाहरण दिये जा सकते हैं. मार्डी मार्ग का रास्ता चौड़ाईकरण में पलस वृक्ष तोड़ने की जानकारी मिलते ही वन अधिकारी स्व. भोसले साहब को लेकर आंदोलन करने वाले श्याम दादा ने छत्री तालाब में लगे कुंपन से वन्यजीवों को होने वाली बाधा के बारे में संबंधितों को अवगत कराया.
मेलघाट व पोहरा जंगल सहित जिले के आरक्षित, सुरक्षित आदि जंगलों की संपूर्ण जानकारी उन्हें है. उनकी पत्नी शीला देशपांडे की स्मृति पर वे पौधारोपण करते हैं. वहीं उनका बेटा अभिषेक उनका साथ देता है. अरुणदादा मराठे की तरह पत्रकार, साहित्यकार वामन तेलंग भी उनके प्रिय मित्र. उनके सुख-दुख का साथी, अनेक साहित्यकार, कवि, पत्रकार, निसर्ग प्रेमी के साथ मैत्री करने वाले इस निसर्ग मित्र का 21 मार्च को 77 वां जन्मदिन है. उनके जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाएं.
– उल्हास मराठे (9403408581)