बडा ही सुहाना गजल का सफर है….. अपनी वही गजल पढ़ते हुए मुसाफिर शहर की सड़को पर भटकता हुआ चला जा रहा है. मगर पिछले कई सालों की तरह इस 2023 में भी पुरे साल शहर के रास्तों की हालत देख मुसाफिर के मुंह से निकल पडता है कि-
मुसाफिर है हम तो चले जा रहे है,
बडी ही कठीन शहर की डगर है… आपके सामने वही मुसाफिर अपनी वही टुटी फुटी साईकल से शहर का भ्रमण कर आपकों 2023 में आपको अपने मन की बात बताते हुए बहुत परेशान किया. आशा है आगामी 2024 में भी आप मुसाफिर की बातों को झेलने के लिए तैयार रहेगे. तो बात करते है मुसाफिर की जुबानी शहर मेंं सप्ताह भर होने वाली हलचलों की जो कि हमेशा ही मुसाफिर कराता रहता है. आज मुसाफिर को बहुत सारे गीत याद आ रहे है. मगर मुसाफिर के गाने सुनने का आपके पास समय नहीं है यह मुसाफिर को भी बखुबी पता है. तो बात करते है पिछले सोमवार की जब मुसाफिर वही अपनी टुटी……. हा यह डायलॉग शायद आप को भी याद हो गया होगा. मुसाफिर कहना चाह रहा था. कि मुसाफिर वही अपनी टुटी फुटी साईकिल से निकल पडा है शहर की सडकों पर सोमवार का दिन था और साल का आखरी सप्ताह, मुसाफिर चला जा रहा था. शहर के नेहरु मैदान में सुबह 5 बजे ही ठंडी-ठंडी हवाओं के बीच लोगों की खुशनुमा हलचल मची हुई थी. जाकर देखा तो आज भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के जंयती अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के तुषार भारतीय मित्र मंडल एवं गुरुकुल बहुउद्देशिय संस्था की ओर से राज्यस्तरीय हॉफ मैराथॉन का आयोजन किया जा रहा था. क्या बच्चे, क्या बुढे- जवान सभी में एक अलग तरह की उमंग व उत्साह नजर आ रहा था. हर कोई इस मैराथॉन में सहभागी होने के चलते उत्साह में था. अतिथी आए, हरी झंडी दिखाई और दौड शुरु हुई. हजारों धावकों ने इस दौड में हिस्सा लिया. कोई जिता, कोई हारा मगर सभी में उत्साह वैसे ही बरकरार था. मुसाफिर भी आज पैदल चलने पर मजबुर हुआ तो रेल्वे उडान पुल पर पैदल ही अपनी साईकिल को धक्का देते हुए रेल्वे स्टेशन चौक की ओर बढ गया. बाद में अपनी साईकिल चलाते हुए मुसाफिर इर्विन चौक पहुंच कर जहां सेंट फ्रांसीस जेवियर चर्च में क्रिसमस की धूम मची हुई है. ईसाई बंधू प्रभू येशू के जन्मदिन अवसर पर चर्च में प्रार्थना कर रहे है. घर, दुकान हर जगह आकर्षक सजावट व रोशनियों से सजे हुए है. वही चर्च में राष्ट्रीय एकता व आपसी भाईचारा का संदेश देते हुए जनप्रतिनिधियों सहित पुलिस प्रशासन, धर्मगुरुओं ने एक दुसरे को क्रिसमस की बधाई दी. बहुत ही खुशनुमा माहौल के बीच क्रिसमस पर्व हमेशा ही तरह इस वर्ष भी मनाया गया. मुसाफिर अन्य शहर के अन्य चर्च की ओर भी बढा. वहां अपने कुछ पुराने मित्रों ईसाई बंधुओं को बधाई देते-लेते हुए आगे बढा. मुसाफिर की साईकिल गर्ल्स हाईस्कूल चौक पर पहुंचने पर मुसाफिर ने पाया कि होटल महेफिल ईन में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे का आगमन हुआ. वे एक पारिवारिक विवाह समारोह में यहां आए हुए थे. उनके आगमन की खबर लगते ही उनके समर्थक व पार्टी कार्यकर्ताओं की होटल में भीड एकत्रित हो गई थी. वही मुसाफिर जब गर्ल्स हाईस्कूल चौक से आगे बढते हुए जिलाधिकारी कार्यालय की ओर बढा तब मुसाफिर ने पाया कि जिलाधिकारी जिले में 8 माह बाद कोरोना का मरीज निकलने पर नागरिकों को कोरोना से बचने के नियमों का पालन करने का आवाहन कर रहे थे. मंगलवार का दिन था,मुसाफिर दुबारा अपनी साईकिल पर नगर का भ्रमण करने निकला पश्चिम क्षेत्र का दौरा करते हुए वह जमील कॉलोनी स्थित मनपा उर्दू शाला में पहुंचा तो वहां पर छत्रपती शिवाजी महाराज मुस्लिम ब्रिगेड की ओर से विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन कार्यक्रम शुरु दिखा. अतिथियों व्दारा विद्यार्थियों को बडे ही बारिकी ढंग से आईएस/आईपीएस बनने के गुर सिखाए व बताए जा रहे थे. मुसाफिर इस कार्यक्रम के बाद सीधा पहुंचा गर्ल्स हाई स्कूल की तरफ वहां महात्मा फुले बैंक चुनाव की गतिविधियां शुरु थी. जिसमें 5 हजार 304 मतदाताओं में से 3077 मतदाताओं ने मतदान किया था. मतदान पश्चात शाम को मतगणना में महात्मा फुले बैंक पर सहकार पैनल का कब्जा बताया जा रहा था. बैंक को नये संचालक मंडल मिल चुके थे. वही दुसरी ओर जिजाऊ बैंक तथा शिक्षक बैंक के चुनाव की भी गतिविधियां का शोर भी शुरू दिखाई पडी. मुसाफिर ने अपने रुख पलटा और राजापेठ की ओर बढा यहां स्थानीय पत्रकार भवन में पीआर पोटे आभियंत्रिकी महाविद्यालय के उपाध्यक्ष श्रेयस पोटे स्वयं जानकारी दे रहे थे. उन्होनें बताया कि महाविद्यालय के टेकलॉन्स व उन्मेष कार्यक्रम के तहत प्रसिध्द मोटिवेशन स्पीकर जया किशोरी जी व प्रसिध्द इसरो वैज्ञानिक पंकज किल्लेदार का आगमन के साथ ही महाविद्यालय में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित होने वाले है. बुधवार यानी 27 दिसंबर को मुसाफिर ने देखा की राष्ट्रवादी कॉग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता शरदचंद्र पवार का शहर आगमन होने वाला है वह भी दो दिनों के लिए वे स्थानीय श्री शिवाजी शिक्षण संस्था व्दारा भारत के पहले कृषी मंत्री पंजाबराव उर्फ भाऊसाहेब देशमुख की 125 वीं जयंती अवसर पर कृषी रत्न पुरस्कार लेने पहुंचे थे. साथ ही केंद्रिय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजुद थे. शरद पवार ने संस्था की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार को स्वीकार तो किया ही बल्कि इस पुरस्कार को संस्था को लौटाते हुए अपनी जेब से भी कुछ धनराशि डाल कर इस पुरस्कार को महिला किसान के नाम से समर्पित करने का आवाहन भी किया.शरद पवार की दरियादिली का बखान मुसाफिर ने हमेशा ही सुनते आया है. किंतु इस बार देख भी लिया. वही शरद पवार के दो दिवसीय दौरे के दौरान कई नेता उनसे मिलने पहुंचे थे. जिसके बाद पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के कहने पर शरद पवार ने शंकरबाबा पापडकर के वझ्झर आश्रम का दौरा भी किया तथा अचलपुर के विधायक बच्चू कडु सहित मेलघाट के कई आदिवासियों के साथ मुलाकात भी की थी. खैर यह तो सब शहर के बाहर जिलें में हो रहा है. मुसाफिर को तो शहर की ही बात करना ज्यादा अच्छा लगता है. गुरुवार का दिन मुसाफिर श्रीशिवाजी शिक्षण संस्था के नागपूर रोड स्थित कृषी प्रदर्शनी के दर्शन करने निकला 70 एकड में एक से बढ कर एक फुल व फसलों की प्रदर्शनी से मन विभोर हो उठा. मुसाफिर ने यही कुछ समय बिताया. यहां से निकल कर मुसाफिर फिर शहरों की सडकों पर निकला साल बितने को है मगर कई स्थानों की सडकों का हाल वही जैसे थे. नेताओं व प्रशासकिय अधिकारियों के वादे ढाक के तीन पात को साबित कर रहे थे. उसी तरह मुसाफिर ने एक बार फिर चित्रा चौक से नागपूरी गेट की ओर बनने वाले उडान पूल पर नजर दौडाई और सोचा की शायद यह हमारे बच्चों के बच्चों के शादी ब्याह के समय तक बन सकता है. खैर कच्छप गति से चल रहे इस काम को सलाम कर मुसाफिर फिर बढ चला गुरुवार का दिन कुछ खास न होने से मुसाफिर ने अगला सफर शुक्रवार को करना ही तय किया. शुक्रवार यानी 29 दिसंबर साल खत्म होने को सिर्फ दो दिन शेष शुक्रवार को भी शहर में जिजाऊ बैंक के चुनाव को लेकर पक्ष विपक्ष व्दारा पत्रवार्ता के जरिए एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का ही काम चलता रहा. वही शाम ढलते जब मोझरी स्थित कुरुकुंज आश्रम को अ वर्ग तीर्थक्षेत्र दर्जा मिलने की खबर पढी मुसाफिर का मन हर्षित हो उठा. मुसाफिर आगे बढा देखा की केंद्र सरकार की ओर से जारी वाहन चालकों व्दारा दुर्घटना मृत्यु कानून का पुरजोर विधोर स्थानीय ट्रांसपोर्ट नगर में किया जा रहा था.जिला कचहरी पर पहुंचने पर मुसाफिर को आदिवासी समाज का आंदोलन नजर आया. यह कई दिनों से अन्य जातियों को आदिवासी समाज में शामिल होने का विरोध कर रहे है. शनिवार को मुसाफिर की साईकिल और मुसाफिर साथ साथ साल का आखरी दिन ही कह सकते है. कुछ नया और नये साल में कुछ नया पाने की आस में मुसाफिर निकला था. अमरावती शहर को वैसे भी संस्कारों की राजधानी यानी संस्कारधानी कहा जाता है. लेकिन फिर भी कुछ वर्षो से शहर में शराब अड्डे, जुआं अड्डे के साथ साथ ही बडे पब, डांस बार का आगाज धिरे धिरे शहर की संस्कारित धरती को दुषित करने के लिए लगे हुए है. जिसके लिए कुछ संगठनों ने कमर कर इसका पुरजोर विरोध कर मैदान में उतार आए है. देखना यह है कि नये वर्ष में शहर-जिले में दुषित वातावरण स्वच्छ होता है या और भी दुषित होता है. शनिवार को भी शहर में धार्मिक वातावरण नजर आया. जहां धर्मदाय कॉटन फंड में माऊली सरकार की उपस्थित पादुका दर्शन कार्यक्रम शुरू था. जिसका लाभ मुसाफिर ने भी लिया.उसी तरह भीमा कोरेगांव मानवंदना कार्यक्रम के लिए साईंसकोर मैदान में जोरदार तैयारी शुरू है. इन सब से निपट कर मुसाफिर अपने गरीबखाने की ओर लौट रहा है. जब तक आप मुसाफिर की बाते पढ रहे होगे तब तक मुसाफिर शायद गहरी निंद की आगोश में सोया हुआ होगा. वैसे भी कहावत है कि समाज सो रहा है. चाहे कोई सा भी हो. जब तक कुछ बडा नहीं होता समाज जागता नही. खैर यह तो रही मुसाफिर की बात आशा है आप मुसाफिर की बातों से परेशान व बोर नहीं हुए होगे. मुसाफिर को यह भी आशा है कि नये साल में आपके लिए कुछ अच्छा और नया प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा. बस दुआओं में याद रखे फिर भी आपकों मुसाफिर की बातें कैसी लगी. यह जरुर बताए अपनी प्रतिक्रिया के पत्र संपादक दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय खापर्डे बगीचा अमरावती में चलों फिर मिलते है. अगले साल में क्योंकि यह साल तो कल खत्म भी होने वाला है. किसी ने क्या खुब कहा है कि अब इस दिसंबर से क्या गिला शिकवा करना, वह तो खुद ही अपनी आखरी सांसे गिन रहा है. जैसा भी हो नये साल में हमारे बचपन के चॉकलेटी हिरो अनिल कपूर का यह गीत साल के आखरी दिन पर लबों पर खुब आता है- जाने वाले साल को सलाम, आने वाले साल को सलाम….
नये साल का पहला जाम आपके नाम.
हैप्पी न्यू ईयर…. हैप्पी..हैप्पी.. न्यू ईयर.