जीवनदाता कोई भी पैथी गलत नहीं
इन दिनों योग गुरू बाबा रामदेव द्वारा एलोपॅथी के खिलाफ की गई टिप्पणियो के कारण चिकित्सा क्षेत्र में विवाद गहरा गया है. जिसके कारण लोगों में भी संभ्रम बढऩे लगा है.यूं तो मानवीय सृष्टि की सुरक्षा के लिए जो उपचार प्रणालियां विकसित की गई है. उसका योग्य सम्मान होना चाहिए. वर्तमान दौर मेें कोरोना का संक्रमण तीव्र स्वरूप में ऐसे में हर नागरिक को इस बीमारी को किस तरह हटाया जा सकता है. इस बारे मेें सोचना चाहिए. इसके लिए हर व्यक्ति को अपने अपने स्तर पर सावधानी बरतनी होगी. रविवार को मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने अपने वक्तव्य में कहा था कि बीमारी का संक्रमण रोकने के लिए हमें स्वयं को जागरूक होना पडेगा. इसके लिए चाहे जो भी पैथी हो यदि वह कारगर उपचार करती है तो उसे भी योग्य मान्यता दी जानी चाहिए. ऐलोपैथी चिकित्सा निश्चित रूप से तत्काल एवं प्रभावी तरीके से मरीजों के लिए कार्य करती है. लेकिन यह पैथी महंगी होने के कारण आम व्यक्ति इसका पूरा लाभ नहीं ले सकता. एलोपॅथी में किसी भी मरीज को अपना उपचार कराने के लिए लंबी राशि अदा करनी पडती है. ऐसे मेें वह कहीं न कहीं निराश रहता है. इसलिए जरूरी है कि सरकार स्वयं
मरीजों को सस्ते में उपचार उपलब्ध हो, ऐसी व्यवस्था करे. बाबारामदेव द्वारा दी जानेवाली दवाईयोंं को लेकर आम नागरिक इसलिए परेशान नहीं रहता क्योंकि उसकी दरे इन बजट रहती है. कम खर्च में उपचार की व्यवस्था आज की मांग है. लेकिन पाया जाता है कि अनेक अस्पतालों में चिकित्सा के नाम पर अनावश्यक राशि वसूल की जाती है. इससे सामान्य नागरिक को परेशानी का सामना करना पडता है. इस चिकित्सा प्रणाली में दवाखाना पहुंचते ही संबंधित व्यक्ति को कंसलटीन फीस के नाम पर एक लंबी रकम अदा करनी पडती है. बाद में उपचार आरंभ होता है. इस हालत मेें निर्धन व्यक्ति को कठिनाई का सामना करना पडता है. ऐसे में वह कम खर्चवाली चिकित्सा प्रणाली का उपयोग करते है. आयुर्वेद में खर्च कम आता है. इसलिए लोगों में झुकाव भी ऐसी दवाईयों की ओर जाता है.
चिकित्सा क्षेत्र में जितना महत्वपूर्ण योगदान दवाईयां उपलब्ध करना है. उससे ज्यादा महत्वपूर्ण मानवीय भावनाओं को भी समझना पडता है. पाया गया है कि अनेक अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों से बडे पैमाने पर लोग बीमार हुए. लेकिन अनेक अस्पतालो में उन्हें बेड न होने के कारण मरीजों को दर-दर भटकना पडा. सरकार की ओर से कुछ अस्पतालों को कोविड सेंटर का दर्जा दिया गया. लेकिन कोविड से संक्रमित व्यक्ति को भी कभी समय पर बेड उपलब्ध न होना यह चिकित्सा क्षेत्र की दुखद घटना है.इसलिए जरूरी है सामान्य व्यक्ति के लिए कम खर्च की चिकित्सा व्यवस्था की जानी चाहिए. इससे लोगों को राहत मिल सकेगी. वर्तमान दौरा कठिन दौर चल रहा है. इस समय बीमारी, बरसात आदि की घटनाए होगी. जिससे लोगों के स्वास्थ्य के लिए सभी को मिलजुलकर कार्य करना होगा. क्योकि वर्तमान समय लोगों की जान बचाने का है. इसलिए चिकित्सा क्षेत्र की विभिन्न पैथियों को विवाद न बनाकर उनका उपयोग ले. जिससे लोगों को राहत मिल सके. जरूरी है कि चिकित्सा क्षेत्र में हर किस्म के चिकित्सक मिलजुलकर बीमारी हटाने के लिए कार्य करे. एक दूसरी की पैथी पर आरोप प्रत्यारोप लगाने या गलत साबित करने के प्रयास को रोकना चाहिए. मिलजुल कर कार्य किया जाता है तो उसका लाभ निश्चित रूप ेसे संक्रमण रोकने के लिए उपयोगी साबित होगा.