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अब जिम्मेदारी नागरिको की

कोरोना के संक्रमण के चलते अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह से जारी लॉकडाउन को अब १ जून से अनलॉक करने का कार्य आरंभ हो गया है. करीब दो माह तक लॉकडाउन के कारण रोजगार से वंचित अनेक दुकानदारों, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को इस अनलॉक प्रक्रिया से राहत की सांस मिली है. हालाकि सोमवार की दोपहर तक लोगों में यह भय कायम था कि १ जून से लॉकडाउन के विषय में सरकार की ओर से कौन सी गाइड लाइन जारी की जाती है. ३१ मई की शाम तक यह बात स्पष्ट हो गई कि १ जून से जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानों के साथ अन्य प्रतिष्ठान भी आरंभ किए जायेंगे. हालांकि इनका समय अभी सीमित है सुबह ७ से दोपहर २ बजे तक दुकानें खुली रखने की अनुमति दी गई है. कृषि उपकरण संबंधी साहित्य की बिक्री के लिए यह समय एक घंटा अधिक दिया गया है. निश्चित रूप से सरकार द्वारा विगत दो माह से लॉकडाउन के कारण अनेक समस्याओं से जूझ रहे परिवारों को अब राहत मिली है. अपनी दुकाने खुली रख वे अब कुछ तो राशि हासिल कर सकेंगे. इस दृष्टि से यह अनलॉक प्रक्रिया शहरवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बन सकती है.
गत वर्ष भी जून माह से अनलॉक प्रक्रिया आरंभ हुई थी. कुछ ही माह में लगभग समूचा बाजार खुल गया था. लगातार बंद रहने के कारण लोगों ने बाजार खोलते ही भीड आरंभ कर दी थी. जिसके चलते कोरोना की दूसरी लहर ने अपना असर दिखाया. फरवरी माह तक बाजार की व्यवस्था सुचारू रही. लेकिन फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में फिर से कोरोना संक्रमित मिलने लगे. संक्रमितों की संख्या भी बढने लगी. इसके चलते सरकार को फिर से लॉकडाउन जारी करना पडा. निश्चित रूप से यह बात लोगों के लिए कठिनाई भरी साबित हो रही थी. लेकिन इस तरह का कोई कार्य होना जरूरी था बहरहाल कोरोना का संक्रमण जारी है. अनेक स्थानों पर संक्रमित पाए जा रहे है. धीरे धीरे यह आंकडा रोजाना हजार से अधिक संक्रमित पाए जाने लगे. जिसके चलते सरकार के सामने कार्यालयों में उपस्थितियां सीमित हो गई. जाहीर है लगातार प्रयास के कारण फिर से संक्रमितों की संख्या कम हुई व प्रशासन की ओर से शिथिलता दी गई है. इस शिथिलता का मतलब यह नहीं कि लोग यह मानने लगे थे कि कोरोना का संक्रमण अब समाप्त होने की ओर है. यही कारण है कि कोरोना से बचाव के उपायों के बारे में लोग सोचने लगे है. यह एक अच्छा संकेत है. क्योंकि लोगों में यदि जागरूकता रही तो आनेवाले दिनों में इस बीमारी से निपटा जा सकता है. इसलिए लोगों को चाहिए कि वे कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करें.
१ जून से अनलॉक प्रक्रिया आरंभ होने के बाद से शहर में अनेक बाजारों में लोगों की भीड़ देखी गई. भीड होना स्वाभाविक भी है. लेकिन इस भीड को नियंत्रित करना प्रशासन से ज्यादा नागरिको को जरूरी है. यदि सीमित संख्या में संक्रमित दिखाई देते है. यदि योग्य रूप से दिशा निर्देशों का पालन नही किया गया तो फिर से संक्रमण का दौर आरंभ हो जायेगा. मजबूरन प्रशासन को फिर से कडक निर्बंध लागू करना पड सकता है. फिलहाल नागरिको को चाहिए कि वे कोरोना संक्रमण से बचे. हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान दे. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जो उपाय योजना सरकार की ओर से जारी की गई है. उसका पालन करे. कोरोना को रोकने का सबसे बडा आधार वैक्सीनेशन भी है. इसलिए सभी नागरिको को चाहिए वे स्वयं स्फूर्त होकर टीकाकरण अभियान में शामिल हो. इससे संक्रमण रोकने में भारी मदद मिलेगी. जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि मरीजों का संक्रमण कम रहा तो अनलॉक प्रक्रिया जारी रहेगी. लेकिन लोगों ने अपनी मनमानी के कारण संक्रमण के विषय में लापरवाही बरती व संक्रमितों की संख्या बढने लगी तो फिर से लॉकडाउन का दंश हर किसी को झेलना पडेगा. जरूरी है कि नागरिक स्वयं जिम्मेदार बने और स्वयं के स्वास्थ्य का ध्यान रखे. यदि अपने घर से ही हम यह जिम्मेदारी निभाए तो हमारे घर के अन्य सदस्य भी सुरक्षित रह सकते है. अन्य लोगों को भी स्वस्थ रहने के लिए कार्य करना चाहिए.
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण भले ही अभी प्रभावी नहीं है वह पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ है. इसलिए यह हर किसी का दायित्व है कि वे सावधानी बरते. अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखे. यहां तक की परिसर भी साफ रखने का प्रयास करे. आनेवाले दिनों में मानसून सक्रिय हो जायेगा. जिससे जलजन्य बीमारियां भी अपना प्रभाव दिखाना आरंभ कर सकती है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग को भी चाहिए कि वह जन स्वास्थ्य कायम रखने के लिए अपने प्रयासों को गति दे व स्वास्थ्य सुविधा की पर्याप्त व्यवस्था रखें. जितनी जिम्मेदारी प्रशासन की स्वास्थ्य सुविधा को लेकर है उतनी ही जिम्मेदारी आम नागरिक की भी है. इसलिए नागरिको को अपनी जिम्मेदारी का अहसास करना होगा.

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