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राजनीति के महासागर का दीपस्तंभ हैं पवार साहब

जन्मदिन पर विशेष

महाराष्ट्र ही नहीं,बल्कि विश्वस्तर पर सोचा जाए तो आदरणीय पवार साहब सामाजिक, राजनीतिक, कृषि, सांस्कृतिक, क्रिडा व सहकार क्षेत्र के इतिहास के एक अपरिहार्य प्रगल्भ नेतृत्व हैं. विगत आधे शतक से महाराष्ट्र सहित देश की राजनीति व समाज जीवन में सक्रिय रहने वाले उत्तुंग ऊंचाई के प्रगल्भ व्यक्तित्व वाले पवार साहब इतने बड़े स्तर के नेता रहते हुए भी उनके आसपास अहंकार बिल्कुल नहीं फटकता.
कर्मवीर भाऊराव पाटिल की रयत शिक्षण संस्थान सातारा के एक समारोह में पूर्व राष्ट्रपति स्व. ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने अपने भाषण की शुरुआत में शरद पवार को माझे बॉस कर की, तब समारोह में उपस्थित लोगों को आश्चर्य हुआ और एक दूसरे को देखने लगे और तालियों की गडगडाहट हुई. लोगों को बाद में समझ में आया कि तब शरद पवार भारत के सरंक्षण मंत्री थे. उनके कार्यकाल में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के पास संरक्षण विभाग के केंद्रीय सचिव की जवाबदारी थी.
डॉ. कलाम उसके पश्चात देश के राष्ट्रपती बने. शरद पवार ने केंद्रीय कृषिमंत्री पद पर रहते हुए कृषि क्षेत्र में अनेको क्रांतिकारी निर्णय लिए. कृषि माल का निर्यात कभी बंद न हो इसके लिए अनेको योजनाएं बनायी. कृषि उपज को योग्य दाम दिलवाया. जब ईडी व्दारा अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया गया. उस समय पवार साहब ने शुब्द होकर कहा कि देशमुख की गिरफ्तारी के हर एक घंटे की किमत वसूली जाएगी. जिस समय 2006 में उनकी बेटी सुप्रिया सुले राजनीति मैदान में चुनाव लडने के लिए उतरी तब शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार न खडा कर सुप्रिया सुले का साथ दिया. इतना ही नहीं बालासाहब ठाकरे ने स्वंय फोन पर शरद पवार को कहा कि सुप्रिया सुले मेरी बेटी जैसी है और वह चुनाव लड रही है यह सब शरद पवार के कार्यो का ही नतीजा है. हाल ही में उध्दव ठाकरे को सहायता कर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया. शरद पवार हिमालय के समान महान है और उनके कार्य भी महान है उनके जन्मदिन पर शत शत नमन.
– गणेश रॉय, पूर्व नगर अध्यक्ष चांदूर रेल्वे नगर पालिका

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