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कोरोना ’ जनजागृति : राम भरोसे काम है, मेरा भारत महान है
कोरोना यह महाकाल के रुप में आया है. इसका प्रभाव भारत से ज्यादा विदेशी देशों में है, क्योंकि भारत संतों की भूमि है. इसलिए ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी प्रभु से प्रार्थना करते है.
हे प्रभु मानव तन दीजे। भरत खंड के माहि।’
यहां बड़े-बड़े एकनामी संत हो गये तो परमात्मा का ध्यान करते थे और कर रहे हैं. क्योंकि काल सिर्फ परमेश्वर को ही डरता है. बह्मा, विष्णु, महेश शक्ति आदि अवतार और 33 कोटि देवता भी इस काल से डरते हैं. इसलिए संत कहते हैं-
जिस मुख में हरी (राम) नाम, कर्म को जोर न लागे।
भूत, प्रेत, छल, छिद्र, यम (कोरोना काल) दूरा सू भागे॥
यह सतस्वरुप राम विधियुक्त रामस्मरण करने से प्राप्त कर सकते हैं. सतस्वरुप राम यानि क्या? जिसका नाम नारदजी ने राम-राम मंत्र देकर वाल्या का वाल्मिकी बनाया. मीराबाई ने पायोजी मैंने राम रतन धन पायो कहकर राम नाम का रटन किया, वहीं परमात्मा याने सतस्वरुपी राम हैं. यह सतस्वरुपी राम परमपद के मालिक चौथे राम हैं. कबीरजी कहते हैं,
एक राम घट घट में बोले। (आत्मा, आत्माराम, पहिला राम)
एक राम दशरथ घर बोले। (प्रभु रामचंद्रजी अयोध्यावासी, दूसरा नाम)
एक राम का सकल पसारा। (ओम, ईश्वर, पारब्रह्म, तीसरा राम)
एक राम सबसे न्यारा। (सतस्वरुप राम, परमेश्वर, चौथा राम)’
कालरुपी कोरोना को हराने के लिए तथा दूर रखने के लिए कोई भी दवाई का इलाज नहीं है. पूरे विश्व के लिए यह बहुत बड़े संकट तथा चुनौती का समय है. इसलिए घर बैठकर, सोशल डिस्टन्सिंग रखकर तथा सतस्वरुप राम का विधीयुक्त आते-जाते श्वास में स्मरण कीजिए एवं डॉक्टर्स तथा सरकार ने जो गाइडलाइन दी है, उसका तंतोतंत पालन कर के जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाना है.
अपने भारत देश पर परमात्मा की कृपा बहुत ज्यादा है. इसलिए कहते हैं राम भरोसे काम है, मेरा भारत महान है. आज तक अपने देश में जितने भी प्रधानमंत्री हुए है मा. पंडित जवाहरलालजी नेहरु से लेकर मा. नरेन्द्रजी मोदी के नाम में राम का र अक्षर है. साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मा. उध्दवराव ठाकरे जी के नाम में भी र है. इसलिए उनको 135 करोड़ आबादी वाले सभी जाति,धर्म,भाषा वाले देश को चलाने की परमात्मा से शक्ति मिली है. देशवासियों को उनका साथ देना बहुत जरुरी है. मैं मेडिकल प्रोफेशन का होने का बावजूद इलाज से ज्यादा दुआ तथा सरकार की गाईडलाइन का सख्ती से पालन करने की सलाह देना चाहूंगा. आखिर मैं कहना चाहूंगा कि आज की व्यस्ततम जिंदगी में 2 घड़ी बैठकर रामस्मरण करने का वक्त हमें नहीं मिल पाता. अभी कोरोना की वजह से हमें छुट्टी मिल पाई इस अवसर का लाभ हमने लेना चाहिए.
संत कहते हैं-
जिंदगी जब तक रहेगी, फुरसत न होगी काम से।
ऐसा कुछ समय निकालो, प्रेम कर लो राम से॥
अंत में मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि आप सबको यह 7 म स’ पालन करने की सतबुध्दि देवे-
1. सॅनीटेशन (स्वच्छता रखे) : दोनों बार सबेरे तथा शाम को सोने से पहले स्नान करें. मुख्यतः चेहरे पर 20 सेकंड तक साबून का फेस रहना चाहिए. अपने शरीर पर की घड़ी, मंगलसूत्र, अंगूठी, पट्टा, चश्मा आदि सबेसे व शाम सॅनीटाइज करना चाहिए.
2. सोशल डिस्टन्सिंग (दो गज की दूरी बनाये रखे)
3. सुदृढ़ और सशक्त बने (इम्युनिटी बढ़ाये) : सबेरे व रात में सोने से पहले पानी की भांप तथा गर्म पानी में बीटाडीन अथवा नमक के गरारे करे. रोज एक ग्लास गर्म पानी में आधा निंबू डालकर प्राशन तथा रात में सोते वक्त एक चम्मच हल्दी डालकर गर्म दूध लेवे.
4. संकल्प करिये (घर से बिना काम के बाहर नहीं निकलने का) : यदि जाना ही पड़े तो दस मिनिट के ऊपर किसी के संपर्क में ना रहे.
5. संयम बरते (घबराये नहीं) व रात में 7-8 घंटों तक बिना चिंता की नींद लेवे.
6.सपोर्ट (सरकार एवं डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करें) : सभी लोगों ने वैक्सीन लगवाए क्योंकि वैक्सीन की वजह से कोरोना से काफी हद तक बचाव हो सकता है. सभी ने दो मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए.
7.साधना करिये (राम नाम ही आती जाती सांस में आता है, इसलिए राम नाम की आती जाती लंबी सांस मेंं मुख्यतः छाती के बल पर स्मरण करने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है जो कि कोरोना से बचाव के लिये जरुरी है. साथ ही ऐसी भक्ति कर ने से आत्मकल्याण भी होता है.)
सार्वजनिक लॉकडाऊन लगाने के बदले हर व्यक्ति ने खुद की जिम्मेदारी समझकर यह 7 सूत्री कार्यक्रम का पालन करके खुद को लॉकडाऊन लगाना चाहिए ताकि अगले 15 दिनों में सकारात्मक परिणाम के साथ हम सब मिलकर कोरोना को मात दे सके, यही परमात्मा से प्रार्थना है।
Prevention is better than cure
॥ राम राम सा॥
डॉ.एन.टी.चांडक
एम.बी.बी.एस.,एम.डी.मेडिसीन
श्रीराम हॉस्पीटल, बुटी प्लॉट
मो.नं.9420518317