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परमहंस विश्व प्रभू महान तपस्वी संत गुणवंत बाबा

परमहंस संत गुणवंत बाबा महाराज (लाखनवाडी) का प्रकट दिन 28 मार्च को मनाया जाता है. सभी श्रद्धालु भाविक बडे उत्साह के साथ प्रकट दिन मनाते है. इस साल रवि वार को प्रकट दिन मनाया जाएगा. अमरावती शहर से 60 किमी की दूरी पर स्थित श्रीक्षेत्र लाखनवाडी संत गुणवंत बाबा महाराज की कर्मभूमि है. यहां पर विदर्भ ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश से भी भाविक बडी संख्या में दर्शन के लिए आते है और यहां पर बाबा की समाधी पर अपना माथा टेककर मन्नत मांगते है. आज तक एक भी भक्त उनकी समाधी से खाली हाथ नहीं लौटा. संत गुणवंत महाराज की महिमा परंपरा है.
संत गुणवंत महाराज के दर्शन मात्र करने से सुख और समाधान प्राप्त होता है. संत गुणवंत बाबा ईश्वर का अंश है इसमें कोई शक नहीं. गुणवंत बाबा ने अनेको चमत्कार किए है जिसके प्रत्यक्षदर्शी आज भी मौजूद है. इस महान तपस्वी, योगी ने सिंधी सोमठाणा के दादाजी को को सपने में दृष्टांत दिया और कहा कि मैं तुम्हारे घर में अवतार लेकर आऊंगा ऐसा पिता संपतराव व माता सुलई को दादाजी ने बताया और उसके पश्चात 1933 में गुणवंत बाबा का अतवार हुआ और लाखनवाडी गांव में उनका आगमन हुआ. तब से यह गांव तीर्थक्षेत्र के ुरुप में प्रसिद्ध हो गया.
लाखनवाडी में गुणवंत बाबा के द्बारा किए गए चमत्कारों की खबर दूर-दूर तक पहुंचने लगी और लोग उनके दर्शन के लिए यहां आने लगे. उन्होंने भटके हुओ को सही राह दिखाई, रोते हुए भाविक के सर पर हाथ रखकर उसे हसाया, लाखनवाडी में अनेकों चमत्कार बाबा ने किए और उन्होंने प्यासे को पानी, भूखे को भोजन, प्राणी मात्र पर दया आदि संदेश दिए.लाखनवाडी में धीरे-धीरे निराश भाविकों की संख्या बढती चली गई और यहां पर हजारो की संख्या में लोग बाबा के दर्शन के लिए आने लगे और बाबा ने भी उन पर कृपा दृष्टि बनाए रखे.
श्री क्षेत्र लाखनवाडी में बाबा की समाधी है. यहां आज भी भाविकों को बाबा साक्षात दर्शन देते है. शहर के बख्तार परिवार को बाबा का खास अनुभव है. बख्तार परिवार तन-मन से बाबा के प्रचार-प्रसार में जुटा हुआ है. बख्तार परिवार के गुरुकृपा हैंडलूप जयस्तंभ चौक यहां पर बाबा का आगमन हो चुका है. इस स्थान पर बख्तार परिवार द्बारा गुणवंत धाम का निर्माण किया गया. यहां हर रोज गरीबों को भोजन दिया जाता है और प्यासों के लिए पानी की व्यवस्था की गई है. इस स्थान पर हर रोज सुबह-शाम गुणवंत बाबा की आरती होती है. जिसमें बडे प्रमाण में भाविक शामिल होते है. ऐसे महान तपस्वी, कर्मयोगी संत के कल प्रकट दिन पर शत-शत नमन.

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