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खुद ही करे अपनी सुरक्षा

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की ओर से अब तक अनेक प्रयास किए गये है. ब्रेक द चेन के नाम से राज्य में अनेक कडे निर्बंध लागू किए गये है. लेकिन भीड़ पर कोई प्रभाव न होने के कारण अब जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकाने सुबह ७ से दोपहर ३ बजे तक खुली रखने के निर्देश दिए गये है. निश्चित रूप से सीमित समय मेें दुकाने खुली रहने से जहां लोगों को जीवनावश्यक वस्तुओं को पाने में कठिनाई नहीं होगी वहीं पर बाजार मेें पूरे दिन भर जो गर्दी मची रहती थी वह अब नहीं होगी. इससे अनावश्यक रूप से बढ़ते प्रदूषण में कमी आयेगी. एक स्वस्थ वातावरण लोगों को मिलेगा. जो उनके स्वास्थ्य के लिए पोषक साबित होगा. इस बात की प्रचिति सोमवार को देखने मिली. दोपहर ३ बजे के बाद शहर में पूरी तरह सन्नाटा छा गया तथा लोग अपने-अपने घरों पर पहुंच गये. निश्चित रूप से यदि जीवनावश्यक वस्तुओं की उपलब्धता तथा अधिक से अधिक समय शहर की सड़के विचरनरहित रखने का समन्वय साध्य किया जाए तो काफी हद तक संक्रमण को रोकने में सहायता मिल सकेगी. रोजमर्रा के जीवन में दुकानों का खुला रहना भी जरूरी है. क्योंकि राज्य और जिले में रोज कमाना, रोज खाने की स्थिति अनेक परिवारों में है. परिणामस्वरूप वे अपनी आवश्यक वस्तुओं को खरीद कर उसे संग्रहित नहीं कर सकते. परिणामस्वरूप यदि पूरी तरह बंद रहता है तो लोगों को भारी परेशानी हो सकती है. इसके लिए प्रशासन की ओर से सीमित समय के लिए दुकानों का खुला रहना जरूरी था. जीवनावश्यक वस्तुओं में कुछ वस्तुएं ऐसी भी है जो शीघ्र ही नष्ट हो जाती है. इसलिए ऐसी वस्तुओं को संग्रहित करके नहीं रखा जा सकता. हालांकि प्रशासन ने जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानों के लिए दिनभर का समय दिया था. लेकिन इससे लगातार भीड़ बाजारों में दिखाई दे रही थी. इसलिए प्रशासन को यह निर्णय लेना पड़ा. अमरावती में बीते एक सप्ताह से कोरोना रूग्णों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है, ऐसे में ठोस कदम उठाना अति आवश्यक हो गया था. लॉकडाउन से लोगों का अर्थचक्र प्रभावित होगा. इस भय से लॉकडाउन के मामले में निर्णय लेने में देरी हुई. जिससे संक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. अब सरकार ने कोरोना प्रतिबंध के लिए अनेक कडे नियम लागू किए है. सच तो यह है कि कोरोना की महामारी विश्वव्यापी है. इसलिए इस पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. लेकिन कुछ जरूरतमंद वस्तुओं की खरीददारी आवश्यक रहती है. यही कारण है कि इसके लिए जीवनावश्क वस्तुओं की खरीदी बिक्री को छूट दी गई है.
देश में दिनों दिन कोरोना के कारण मरनेवालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसलिए जरूरी है कि जनसामान्य स्वयं खुद की रक्षा करे. कोरोना प्रतिबंध के लिए जारी निर्देशों का पालन करे. आमतौर पर पाया जा रहा है कि सरकार कोरोना के चित्र को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने के लिए प्रयत्न कर रही है. लेकिन कुछ तत्वों के कारण सरकार के मनसूबों पर असर पड़ रहा हैे. बढ़ती बीमारी को देखते हुए हर परिवार को सजग रहना आवश्यक है. इसके लिए परिवार के सभी सदस्य आवश्यक निर्देशों का पालन करे. खासकर त्रिसूत्रीय फार्मूले का पालन आवश्यक है. मास्क यह बीमारी से सभी की सुरक्षा कर सकता है. लेकिन आज भी अनेक लोग बिना मास्क के घूम रहे है. उन पर कार्रवाई होना आवश्यक है. क्योंकि ऐसे तत्वों के कारण उन लोगों की जागरूकता भी कोई काम नहीं आ पाती जिसमें वे घर के बच्चों से लेकर सभी का ध्यान रखे. जितने ज्यादा लोगों से मेलजोल होगा उतना संक्रमण का खतरा बढ़ा रहेगा. इसलिए हर किसी को स्वयं स्फूर्त होकर अपनी जिम्मेदारी संभालना है. भले ही निर्बंधों के कारण तकलीफ होगी. लेकिन समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए जरूरी है कि इस तरह की कडे कदम उठाए जाए.
सरकार द्वारा जारी किए गये कडे निर्बंधों के कारण कुछ परिवर्तन नजर आ रहा है. शहर के अनेक स्थानों पर जो अनावश्यक भीड़ जमा होती थी उससे राहत मिल रही है. विशेषकर मनपा व पुलिस विभाग द्वारा छेड़े गये कोविड-१९ जांच के अभियान को भी लोगों द्वारा प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. हालाकि इस अभियान का उपयोग बाजारों में जो बे मतलब घूम रहे है. उनकी जांच के लिए छेड़ा जा रहा है. बावजूद इसके अभी भी अनेक लोग अपने स्वास्थ्य की जांच नहीं करवा रहे है. जबकि यह हर किसी का दायित्व है कि वह अपने स्वास्थ्य की जांच स्वयं कराए. जिससे बीमारी के संक्रमण को रोका जा सके.
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह है. लेकिन लोगों द्वारा सावधानी बरती जाती है तो इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है. इसके लिए जनसामान्य को भी जागरूक रहना जरूरी है. नागरिक यदि अपनी सुरक्षा का ध्यान स्वयं रखे तो इस बीमारी से बचा जा सकता है. लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना का संक्रमण तीव्र होता चला गया है. भविष्य में इसके और भी तीव्र होने की संभावना जताई जा रही है. इस हालत में आवश्यक है कि हर कोई अपना ध्यान रखते हुए बीमारी से बचाव के लिए प्रयत्न करे. यदि ऐसा किया जाता है तो निश्चित रूप से बीमारी से बचाव हो सकता है. सरकार की ओर से बीमारी से बचाव के लिए वैक्सिन भी आरंभ किया गया है. जिसका अनेक लोग लाभ ले रहे है. लेकिन कुछ लोग विभिन्न संभ्रम के कारण टीकाकरण के प्रति उदासीन है. उन्हें भी अपना दायित्व समझते हुए टीकाकरण करवाना चाहिए. केन्द्र सरकार ने अब १८ वर्ष से अधिक आयु के नागरिको को भी वैक्सिन दिए जाने की सुविधा आरंभ की है. निश्चित रूप से इसका असर संक्रमण पर पड़ेगा और संक्रमण रोकने में आसानी होगी.

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