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आफत की बरसात

६ सितंबर की रात हुई मूसलाधार बरसात के कारण शहर के अनेक व्यापारिक संकुलों में पानी भर गया. जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. इसी तरह अनेक बस्तियों में भी जल जमाव के कारण लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ा. इसके लिए आम नागरिक प्रशासन की ओर से किए गये बरसात पूर्व प्रबंधन के कार्यो पर उंगलियां उठा रहे है. जाहिर है बरसात के कारण जिन लोगों का नुकसान हुआ है. इसी तरह बस्तियों में भी पानी घुसने से अनेक नागरिको के सामने जटिल स्थिति निर्माण हो गई है. प्रशासन इसके ऊपर क्या मदद करेगा यह तो आनेवाले समय में ही पता चलेगा. लेकिन इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि बरसात पूर्व योग्य प्रबंधन न किए जाने के कारण इस तरह की स्थितियां निर्माण हुई है. यदि बरसात पूर्व पानी निकासी के विशेष प्रबंध किए जाते तो जल जमाव की नौबत इतने अधिक प्रमाण में नहीं होती. इस तरह की स्थिति हर वर्ष सामने आती है. फिर भी बरसात पूर्व प्रबंधन के लिए ठोस उपाय योजना अब तक प्रशासन नहीं कर पाया है. जिसके कारण हर वर्ष जब भी मूसलाधार वृष्टि होती है शहर के व्यवसायियों को इन स्थितियों का सामना करना पडता है. जबकि प्रशासन चाहे तो इसका स्थायी इलाज कर सकता है.
६ सितंबर को हुई बरसात में शहर के अनेक व्यापारी संकुलों में जल जमा हो गया. यहां तक कि शहर में राजापेठ पर अंडरपास हाल ही में आरंभ किया गया था. इस अंडरपास में भी भारी पानी भर गया. इसके अलावा गणेशोत्सव के लिए अनेक लोगों ने अस्थायी रूप से गणेश मंडपो का निर्माण किया था. इसके अलावा गणेशजी की मूर्तियां बिकने के लिए शहर में आयी थी तथा मूर्ति निर्माताओं द्वारा बड़े पैमाने पर मूर्ति को बनाने का कार्य जारी था. लेकिन मूसलाधार बरसात के कारण अनेक गणेशमूर्तियां नष्ट हो गई तथा अनेक विके्रताओं को नुकसान का सामना करना पड रहा है.
जब हर वर्ष मूसलाधार वृष्टि के चलते शहर के अनेक स्थानों पर जल जमाव होता है तो प्रशासन का दायित्व है कि वह इस जल जमाव की समीक्षा करे तथा जल जमाव न हो इसके लिए व्यापक उपाय योजना करे. आज शहर में पाया जाता है कि जिस समय पानी की समस्या निर्माण होती है उस समय यदि पानी निकासी का पूरा प्रबंध रहे तो राहत मिल सकती है. इस वर्ष लॉकडाउन के कारण वैसे भी सारे व्यापार ठप्प रहे. इससे व्यापारियों को नुकसान का सामना करना पडा है. अब बरसात एवं प्रशासन के अव्यवस्था के कारण अनेक व्यापारिक संकुलों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल नुकसान का सर्वेक्षण कर इस बात की पुख्ता व्यवस्था करे. आनेवाले दिनों में लोगों के व्यापारिक संकुलों में इस तरह जल जमाव न हो इसका स्थायी हल निकाले.
ग्रीष्मकाल में ही बरसात पूर्व प्रबंधन का कार्य आरंभ हो जाता है. लेकिन इस वर्ष इस कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया गया. कुछ स्थानों पर नालियों की सफाई आदि के कार्य प्रभावी ढंग से नहीं हो पाया है. चूकि अब बरसात में अपना रोद्र रूप दिखा दिया है. इसके चलते भविष्य में इस तरह की परेशानी सामने न आए इसके लिए प्रशासन को इस बार युध्दस्तर पर कार्य करना होगा. राजापेठ का अंडरपास में जिस तरह जल जम गया था उससे दुर्घटना का भी खतरा हो सकता है. अत: अंडरपास में पानी जमा न हो इसके लिए आवश्यक उपाय योजना अभी से की जानी चाहिए ताकि आनेवाले दिनों में लोगों को कठिनाई न हो. कुल मिलाकर वर्तमान बरसात ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है. प्रशासन का यह दावा कि उसने बरसातपूर्व प्रबंधन के सारे कार्य किए है. इस बरसात ने उसकी हकीकत सामने ला दी. बेहतर यही होगा कि प्रशासन योग्य कार्रवाई करे. स्थितियों की समीक्षा कर भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इस बारे में कदम उठाए.

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