अमरावतीलेख

मुझ में राम,राममय मैं…..

मुसाफिर है हम तो चले जा रहे है,

बडी ही कठीन नगर की डगर है…जी एक बार फिर आप की सेवा में मुसाफिर हाजिर-उपस्थित है. जी हां सोमवार से शनिवार की बाते आपको बताने के लिए. यह सप्ताह मुसाफिर के लिए काफी भक्तीभावमय बिता. सोमवार को सुबह से ही शहर की आबोहवा में राममय भक्तीभाव की लहर दौड रही थी. मुसाफिर अपनी वही पुरानी सायकिल से निकल पडा चित्रा से राजकमल और शहर के अन्य ठिकानों पर अपनी नजर दौडाकर आप को खबरी की तरह खबर पहुंचाने के लिए, तो चलिए बात करते है सप्ताह भर की सोमवार को सुबह मुसाफिर ने जब शहर की सडकों पर अपनी सायकिल दौडाई, तो चारों ओर भगवामय वातावरण के बीच विभिन्न चौक चौराहों पर रामजी के आगमन पर रामभक्तों में उत्साह नजर आ रहा था. जगह जगह बडे बडे टीवी लगाकर अयोध्या नगरी से प्रधानमंत्री व्दारा लाईव टेलीकास्ट का आनंद नगरवासी ले रहे थे. मुसाफिर ने थोडा दुर जाने की सोचा तो विधायक व सांसद राणा दम्पती व्दारा भानखेडा रोड पर बनाए गए हनुमान गढी की ओर निकल पडा. हरी भरी पहाडी वादियों के बीच हनुमान गढी में एक सुंदर कार्यक्रम व हनुमान चालिसा पठन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा था. इतनी व्यस्तता के बीच भी हजारों की भीड यहां जमा हुई थी. शाम ढलते ढलते राज्य के उपमुख्यमंत्री भी यहां पहुंचे थे. उन्होनें मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान देने वाले कारसेवकों का सत्कार किया. वही 1 लाख लड्डुओं से बना भव्य लड्डु व प्रसाद का उद्घाटन भी उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किया. दिन भर भक्तीभाव वाले कार्यक्रम के बाद मुसाफिर मंगलवार को भी निकला रास्ते पर जहां राजकमल चौक स्थित नवजागरण मनीषी व क्रांतिकारी स्मरण समिती व्दारा बढे हुए घर टैक्स के विरोध में रैली निकाली गयी थी. मोेर्चे में शामिल होने के बाद मुसाफिर आगे बढने पर पता चला की शहर में मौसम की जानकारी देने वाला विभाग ही बंद हो रहा है, मुसाफिर को को अफसोस हुआ कि नगर के नागिरकों को मौसम की जानकारी देने वाला विभाग अगर बंद पड गया तो फिर मौसम की जानकारी देगा कौन..? मुसाफिर यही सोच कर आगे बढा. बुधवार का दिन जिला कलेक्टर व्दारा मनपा के सहयोग से शहर में व जिले में मराठा समाज के सर्वेक्षण शुरू करने के आदेश दिए गए. जिसके बाद ऐसा लगता है कि चुनाव पूर्व जिले व शहर में रहने वाले मराठाओं का सर्वेक्षण भी जल्द पुरा हो जाएगा. दोपहर को मुसाफिर पहुंचा विभागीय आयुक्त कार्यालय पर जहां शहर के प्रॉपर्टी ब्रोकर्स व बिल्डर्स व्दारा भूमी अभिलेख अधिकारी फुलझेले के निलंबन की मांग को लेकर हडताल कर रहे थे. बुधवार को शुरू हुई यह हडताल गुरुवार की शाम तक फुलझेले के निंलंबन के पत्र आने के बाद खत्म हो गई. एकता प्रॉपर्टी ब्रोकर्स संगठन के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह नजर आया. मांग पुरी होने की खुशी में फटाखे फोडे, मिठाई बांटी, मुसाफिर यहां से चल पडा अगले दिन की तैयारी करने. गुरुवार का दिन भी शहर के लिए बडा ही भक्तीमय रहा. सुबह इर्विन चौक के सेंट जेवियर चर्च के नये फादर सिक्केरा का भव्य गुरु दीक्षाा व पदग्रहण कार्यक्रम हो रहा था. जिसके साक्षी बनने के लिए शहर की कई गणमान्य हस्तीयां मौजुद थी. सभी क्रिस्त बंधुओं में उत्साह का वातावरण दिखाई पडा. भक्तीभरे कार्यक्रम में शामिल होकर मुसाफिर आगे बढा. शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने से गुजरते हुए मुसाफिर को शहर के गुंडो बदमाशों की लिस्ट बनाए जाने की खबर लगी. मुसाफिर प्रसन्न मुद्रा में मुस्कुरा रहा था. कि चलों सीपी नविनचंद्र रेड्डी व्दारा शहर के गुंडो बदमाशों की लिस्ट से कम से कम उन गुंडो पर नकेल तो कसेगी. मुसाफिर आगे बढते हए विद्यापीठ पहुंचा जहां नये कुलगुरु डॉ. बारहाते ने अपना पदभार संभालते हुए विद्यापीठ के विकास के लिए प्रयास करने की बात कही. मुसाफिर ने नये कुलगुरु को बधाई का गुलदस्ता थमा कर कृषी उपज मंडी की ओर बढा जहां शिवसेना व्दारा हिंदू हृदय सम्राट की जयंती निमित्त भव्य स्वास्थ शिविर का आयोजन किया जा रहा था. हजारों ने इसमें सहभाग लिया. गुरुवार को मुसाफिर अगले दिन यानी 26 जनवरी गणतंत्र दिन की तैयारी में लग गया. दुसरे दिन शुक्रवार को 26 जनवरी यानी भारत देश की 75वीं गणतंत्र के अवसर पर पुरा शहर राष्ट्रभक्ती से ओतप्रोत पाया गया. विभिन्न स्थानों पर तिरंगा फहराया गया. सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. स्कूली बच्चें सुबह से ही तैयार हो कर अपनी स्कूलों की तरफ दौड लगाते नजर आए. पुरा दिन देशभक्ती में मुसाफिर ने गुजारा. शनिवार को भी मुसाफिर को कुछ फुरसत नहीं रही. सुबह से ही विभिन्न कार्यक्रमों के साथ ही शाम ढलते-ढलते न्यू हाईस्कूल के 100 वर्ष पुरे होने पर स्वर्ण जयंती महोत्सव के साथ ही पुलिस परेड ग्राऊंड में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर संगीतमय कार्यक्रम में जाना है. जब तक आप मुसाफिर से मुखातिब होगे, मुसाफिर कार्यक्रमों में मशगुल रहेगा. वैसे शायद इस बार आप को मुसाफिर ने ज्यादा बोर नहीं किया होगा. तो मुसाफिर को इजाजत दिजीए. वैसे भी आप के आने वाले पत्र से मुसाफिर में नयी उर्जा आ चुकी है. आपके ही हौसलों से मुसाफिर को आगे भी लिखने का मनोबल बढ रहा है. फिर भी आपकों मुसाफिर की बातें कैसी लगी. यह जरुर बताए अपनी प्रतिक्रिया के पत्र संपादक दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय खापर्डे बगीचा अमरावती में भेज कर फिर मिलते है. अगले सप्ताह शनिवार को. जब तक के लिए मुसाफिर को दिजीए इजाजत यह गीत गुनगुनाते हुए- जहां डाल-डाल पर सोने की चिडिया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा…

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