लेख

सादगी,सरलता के प्रतिक: किशोर पुरवार

पुरूषो में उत्तम : पुरूषोत्तम कासट

हसमुख, मिलनसार,सहयोगी व्यक्तिमत्व के धनी श्री किशोर पुरवार आज हमारे बीच नहीं है. किंतु उनकी सादगी, सरलता एवं उच्च विचार वाला जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगा किशोर पुरवार जिन्हे हम स्नेहवश ‘दादा’ के नाम से संबोधित करते थे. रक्तदान समिति अमरावती के संस्थापक सदस्यों में से वे एक थे. उन्होंने रक्तदान के क्षेत्र में निरंतर ४० वर्षो तक अपनी सेवाएं प्रदान की. वे समिति के सचिव पद पर कार्यरत थे. हिन्दी भाषा पर उनका प्रभावशाली अधिकार था. मैं रक्तदान समिति का सदस्य बनने पर लगभग २८ वर्ष पूर्व दादा के संपर्क में आया था. मैने उनके व्यवहार में हमेशा एक प्रेम, आत्मीयता, अपनत्व की भावना महसूस की. हर एक व्यक्ति के हदय में उनकी सहजता एवं विनम्रता अपनी अमिट छाप छोड़ देती थी. उनका प्रिंटिंग का व्यवसाय होने की वजह से मुझे कई बार उनसे अपनी लॅब संबंधी स्टेशनरी एवं ब्लड ग्रुप के कार्ड छपवाने की आवश्यकता पड़ती थी. कईबार उन्होंने अर्जट में ब्लड ग्रुप के कार्ड छापकर दिए थे. प्रिटिंग का व्यवसाय वे बड़े ही किफायत दामों में बड़े ही तत्परता के साथ करते थे. हिन्दी भाषा पर अधिकार होने से उनके द्वारा की गई छपाई अचूक एवं आकर्षक होती थी. साथ ही उनकी लिखावट बेहद सुंदर थी. रक्तदान शिविरों में रक्तदाताओं को दिए जानेवाले सर्टीफिकेट पर उनकी लिखावट सदैव अविस्मरणीय रहेगी.
राजनीति में उनकी रूचि थी. वे समय समय पर होनेवाले घटनाक्रमों पर अपनी बेबाक राय प्रकट करते थे. दूसरो के सुख-दु:ख में बराबर शामिल होने के उनके स्वभाव की वजह से वे मोहल्ले एवं समाज के सभी के आदरणीय थे. बर्तन बाजार युवक मंडल में उनका विशिष्ट स्थान था. विभिन्न सामाजिक, धार्मिक कार्यो में वे अग्रसर थे. उनकी दो पुत्रियों मे बड़ी पुत्री शिल्पी मेरी छात्रा रही है. दोनों पुत्रियां बड़ी ही होशियार, होनहार एवं प्रतिभा संपन्न है. परिवार का मुखिया होने के नाते उन्हे विरासत में मिली पारिवारिक जबाबदारी का उन्होने आजीवन निर्वाह किया. लगभग २१ वर्षो से पूर्व उन्हें हदय संबंधी विकार का सामना करना पड़ा. तब से बेहद संतुलित, सादगी भरा जीवन जी रहे थे. मुश्किल की घडिय़ों में दादा ने मेरा बड़े भाई की तरह मार्गदर्शन भी किया हैे. जिसे मैं कभी विस्मृत नहीं कर सकता.
रक्तदान समिति अमरावती के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री पुरूषोत्तम कासट के आकस्मिक निधन से समिति को दूसरी अपुरणीय क्षति हुई है. हसमुख, मिलनसार, सदैव प्रसन्नचित रहनेवाले पुरूषोत्तम कासट ने अमरावती एवं मोर्शी से रक्तदान के क्षेत्र में अपना अमूल्य सहयोग दिया है. वे रामजी के परम उपासक होने के साथ धार्मिक एवं सामाजिक कार्यो में अग्रणी थे.
रक्तदान समिति ने अपने इन दोनों आधारस्तंभो को आदरांजली देने हेतु रविवार, ६ सितंबर की सुबह ८ से दोपहर ३ बजे तक स्मृति प्रित्यर्थ विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन दीपार्चन, राजापेठ, अमरावती में किया है. रक्तदाताओं की नगरी अमरावती के सभी रक्तदाताओं से रक्तदान करके इन विभुतियों को आदरांजली देने की विनती आयोजक रक्तदान समिति, पुरवार परिवार, कासट परिवार ने की है.
आईए झुककर सलाम करे उन्हें जिनके हिस्से में मुकाम आता है,
खुशनसीब होता है वो शख्स जो जमाने के काम आता है।
डॉ. घनश्याम बाहेती

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