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अग्निकांड का झुलसता सवाल

भंडारा के जिला सामान्य अस्पताल में दो दिनों पूर्व देर रात लगी आग में 10 नवजात बालकों की मृत्यु हो गई तथा 7 बालकों को आग से बचा तो लिया गया लेकिन जखमी अवस्था में उन पर उपचार जारी है. इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री से लेकर सामान्य व्यक्ति तक हर किसी का मन भर आया व हर किसी ने दिवंगत बालकों के प्रति संवेदना व्यक्त की. स्पष्ट है घटना ही इतनी भयंकर थी कि हर कोई इसे सुनकर स्तब्ध रह गया. मुख्यमंत्री एवं मंत्री मंडलीय सदस्यों ने अस्पताल के वार्ड का निरीक्षण किया. इस समय मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य की जनता सरकारी अस्पतालों में विश्वास के साथ आती है. उनके विश्वास को आंच ना आये इस बात का हर किसी को ध्यान रखना चाहिए. आग की यह घटना किसके लापरवाही से हुई इस बारे में जांच की जा रही है. लेकिन यह स्पष्ट है कि कुछ न कुछ लापरवाही बरती गई है. जांच में ही इस बात का पता लग पाएंगा कि, आग कैसे लगी. लेकिन आग का लगना अपने आप में बडी बात है.
भंडारा के अस्पताल में आग लगने की घटना कोई पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व भी अनेक जगह आग लगने की घटनाएं हो चुकी है. दो वर्ष पूर्व किसी कोचिंग क्लास में आग लग गई थी. तब भी अनेक ठोस कदम उठाये जाने की बात कही गई थी. हर कोचिंग क्लास में अग्निशामन वस्तुएं रखने का निर्देश दिया गया था. आग यह अपने आप में दुर्घटना है. जबभी आग लगती है. उसके बाद निंदा, संवेदना, सहायता आदि कार्य आरंभ हो जाता है. लेकिन आग पर स्थायी तौर पर काबु पाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किये जाते. हर बार कहीं ना कहीं आग लगती है जिसके कारण लोगों को भी जान से हाथ धोना पडता है. ऐसी हालत में अतिआवश्यक है कि, हर सार्वजनिक स्थल पर आग से बचाव के उपकरण लगाये जाने चाहिए. जिससे आग लगने की स्थिति में उस पर तुरंत काबू पाया जाये. सरकार ने सभी उपक्रमों में यह सावधानी अनिवार्य कर देनी चाहिए. क्योंकि देश में अनेक कार्यक्रमों में किसी ना किसी लापरवाही के कारण आग लगने की घटनाएं होती रही है. कभी किसी मेले में तो कभी किसी देवी के धाम में आग लगने की वारदाते हरदम सामने आती रही है. यहा तक कि, अमरावती की श्मशानभूमि में कुछ वर्षां पूर्व आग लग गई थी. अभिप्राय यह आये दिन कही ना कही आग लगती है. इसके बाद निंदा एवं संवेदनाओं का दौर आरंभ हो जाता है. लेकिन आग पर स्थायी इलाज क्या हो सकता है. इस बारे में किसी ने कदम नहीं उठाये है. भंडारा में नवजातों की मृत्यु के बाद जो पीडा लोगों ने महसूस की है. उससे जानने समझने के बाद अब अत्यंत आवश्यक है कि, इस तरह की घटना ना हो, इसलिए पूरी सावधानी बरती जाये.
हालांकि मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों में सुरक्षा रक्षक, विद्युत निरीक्षक, लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी सहित अन्य लोगों की नियुक्तियां का निर्णय लिया है वे घटनास्थल पर जाकर स्थितिका निरीक्षण करेंगे. भविष्य में इस तरह की घटना ना हो, इसलिए व्यापक प्रबंध किये जाएगे.
आम तौर पे इस तरह की घटनाओं में जिम्मेदार घटक कौन है इसे कोई भी नहीं जानता. जांच में इन बातों का पता लगाया जाएगा. लेकिन आग की घटनाएं न हो, इसके लिए क्या स्थायी इलाज हो सकते है. इस बारे में हर किसी को ध्यान देना चाहिए. साथ ही आग लगने के बाद जिस तरह जांच आदि की जाती है उसे हरदम कायम रखा जाना चाहिए. क्योंकि भविष्य में इस तरह की घटना ना हो इसलिए अत्यंत सावधानी बरतना जरुरी है. बहरहाल मुख्यमंत्री ने आग की घटना की जांच के निर्देश दिये गये है. निश्चित रुप से जांच प्रश्चात दोषियों के नाम सामने आएंगे. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि, भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हो, इसलिए ठोस एवं सार्थक प्रयास जरुरी है.

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