लेख

स्व. डॉ. देवीसिंह शेखावत को प्रथम पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि

शेखावत परिवार का मूल निवास राजस्थान में जिला सीकर का एक देहात छोटी लोसल है. शेखावत परिवार यहां से स्थानांतरित ग्राम खल्लार,चंद्रपुर-दर्यापुर तहसील जिला अमरावती में बस गए थे. श्री देवीसिंह जी का जन्म 19 अप्रैल 1932 को हुआ. प्राथमिक शिक्षा दर्यापुर में प्राप्त कर इन्होंने एमएससी केमिस्टी में किया. इसके उपरांत वे श्री शिवाजी साइंस कॉलेज अमरावती में केमिस्ट्री के लेक्चरर रहे. देवीसिंह का विवाह 7 जुलाई 1965 को श्रीमती प्रतिभाताई पाटील (सोलंकी) से हुआ. उस समय से ताई साहब राजनीति में सक्रिय रही है तथा विधायक भी थी. श्री देवीसिंह को वर्ष 1972 में मुंबई विद्यापीठ ने कैंसर रिसर्च के लिए डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री प्रदान की. राजनीति में प्रवेश उपरांत श्री देवीसिंह जी अमरावती महानगरपालिका के प्रथम महापौर 1991 में में चुने गए थे. अमरावती की राजपूत क्षत्रिय सभा जिसकी स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्री हीरा सिंह जी चौहान ने की थी. इस सभा के वे 1976 तक कार्यकारी सदस्य भी रहे हैं। हमारे अध्यक्षीय कार्यकाल में महाराणा प्रतापसिंह सार्वजनिक सेवा समिति, अमरावती की मासिक सभा में वे आते रहे तथा सक्रिय मार्गदर्शन करते रहे थे. डॉ.देवीसिंह अमरावती के विधायक के रुप में 1985-90 में सक्रिय रहे. आदरणीय ताईजी राजस्थान की राज्यपाल बनाई गई, उस समय डॉ. देवीसिंह जी फर्स्ट जेंटलमैन ऑफ राजस्थान 2007 से 2012 तक रहे. शिक्षा के महत्व को समझते हुए डॉ. देवीसिंह जी ने विद्या भारती महाविद्यालय की स्थापना कर युवा युवतियों के लिए अनेक प्रकार के कोर्सेस शुरू किए हैं और अभी विद्या भारती महाविद्यालय जिले का अग्रणी विद्यालय है. श्रीमती प्रतिभा ताई जी के राष्ट्रपति चुनाव में डाक्टर साहब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. राष्ट्रपति पद का ताई साहब का कार्यकाल समाप्त होने पर यह परिवार पाषाण, पुणे में स्थाई हुस. वृद्धावस्था के चलते उनके बंगले में ही 12 फरवरी 2023 को उन्हें हार्ट अटैक हुआ किंतु उपचार के बावजूद भी वे 24 फरवरी 2023 को इह लोक छोड़ चले गए. उन्हें एक पुत्र राजेंद्रसिंह जी (राव साहेब) और एक पुत्री ज्योति है. फिलहाल ताई साहब पुणे में है. डॉ. देवीसिंह जी का समाज के प्रति योगदान तथा मार्गदर्शन को हमने अत्यंत करीब से देखा है. वे आडम्बर दिखावा नहीं करते थे, किंतु बड़े बड़े कार्य करते थे. अमरावती में करोड़ों रुपए का कैंसर रिसर्च सेंटरशासन से खिंच कर लाना डॉ. देवीसिंह जी की ही देन है. वे अत्यंत सरल प्रदुभाषी, अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे. ऐसे सशक्त व्यक्तित्व को शत् शत् नमन.
-विजयसिंह सिसोदिया, पूर्व अध्यक्ष,
महाराणा प्रतापसिंह सार्वजनिक सेवा समिति
अमरावती

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