लेख

जगदिश सुदा के 75वें जन्मदिन पर विशेष

मेरे पापा जगदिश सुदा आज 75 वर्ष के हो गये. उनका जन्म मध्यप्रदेश के छिंदवाडा जिले की सौसर तहसील अंतर्गत ग्राम बेरडी में हुआ. उन्होंने जबलपुर में बीएससी की पढाई पूरी की. उन्हें उस समय सरकारी नौकरी के बहुत सारे ऑफर आये लेकिन उनकी इच्छा व्यवसाय करने की थी. उस समय एक कहावत थी कि उत्तम धंधा किसानी, मध्यम धंधा व्यापार, कनिष्ठ चाकरी इसलिए उन्होंने अपनी जिंदगी में व्यवसाय को चुना. 1970 में उन्होंने राजापेठ रेल्वे गेट के पास सुदा बंधु के नाम से किराणा व्यवसाय शुरु किया. उस समय उन्हं अच्छे-अच्छे ग्राहक मिले. बैंक कर्मचारी, एलआईसी कर्मचारी, शिक्षक वर्ग तथा सरकारी कर्मचारी उनके ग्राहक थे. उन्हें समूचा शहर सुदा बंधु के नाम से ही पहचानता था. लेकिन किसी कारणवश 25 साल बाद उन्हें अपना व्यवसाय बंद करना पडा. उनके जिंदगी में कई चढाव-उतार आये फिर उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में समाज कार्य शुरु किये. जिससे उन्हें समाज सेवक भारी प्रतिसाद मिला. इसी माध्यम से उन्होंने उज्जैन से प्रकाशित माहेश्वरी टाईम्स पत्रिका में भी काम किया. जिसमें उन्हें बेहद सफलता मिली. उन्होंने जिंदगी में बहुत धूपछाप देखी उनकी 65 वर्ष की आयु में मेरा बडा भाई उम्र की 35 साल में श्रीजी शरण हुआ. यह घाव इतना जबर्दस्त था कि उसे भूल पाना कठिण था लेकिन शहर के लोगों ने उन्हें हिम्मत देकर सहयोग दिया. समाज कार्य समझकर जो माहेश्वरी मैरेज ब्यूरो का काम शुरु किया वह अभी भी निरंतर जारी है. इस उम्र में भी मेरे पापा पूर्ण निरोगी है. वे विगत 30 साल से प्रो. सोहोनी के माध्यम से सुबह एक घंटा योगा करते है और जनता को योगा के लिए प्रोत्साहित करते है. समाज में अभी भी पूरी तरह सक्रिय रहते है. वे गणेशदास राठी छात्रालय के साथ श्री माहेश्वरी सिनियर सिटीजन तथा भारतीय योग अभ्यासी मंडल के सक्रिय सदस्य है. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत सुख-दुख देखे है. जिनका सामना करते हुए वे अपनी जिंदगी का मुकाबला कर रहे है. उन्हें भगवान पर पूरा विश्वास है. वे हर महिने शेगांव को संत गजानन महाराज के दर्शन करने जाते है, उनके सभी कार्यों में मेरी मम्मी पूरी सहायता करती है. ऐसे मेरे पापा को भगवान 100 साल निरोगी रखें.
– आशिष सुदा (पुत्र)

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