लेख

जुगलकिशोर पटेरिया के जन्मदिन पर विशेष

स्वार्थ, निष्ठावान, समर्पित सेवाभावी श्री जुगल किशोर पटेरिया विगत 70 वर्षो से लगातार ‘समाजसेवा जनसेवा से जुड़े कट्टर गांधीवादी अमरावती नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष श्री जुगलकिशोरजी पटेरिया अपने जीवन के 83 वर्ष पूर्ण कर 84 वर्ष में पर्दापण कर रहे है. वे निस्वार्थ निष्कलंक निष्ठावान पार्षद के रूप में विख्यात रहे है एवं आज भी जनसेवा से जुड़े हुए है. ईश्वर उन्हें दीघार्यू करे. ताकि शेष काल अपनी सेवा देने में सक्षम बने रहे.
सामाजिक क्षेत्र में आपने रचनात्मक कार्यो में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. आपने अपने अध्ययन काल में सामाजिक कार्य के तहत रचनात्मक कार्यो को प्रमुखता प्रदान की.आपने गणेशोत्सव के माध्यम से मनोरंजन के स्थान पर गरीब छात्र एवं छात्राओं को पोषाक वितरण का कार्य आरंभ किया. प्रोत्साहित होकर महाविद्यालयीन छात्रों को महंगी पुस्तके भी उपलब्ध करवाई. नैसर्गिक आपदाओं के समय भी एक सेवक के रूप में अपनी सक्रियता दिखाई. चीन और पाक युध्द के समय भी राष्ट्रीय रक्षा कोष में सहायता प्रदान की.

  • शिक्षकीय क्षेत्र में सक्रियता- विद्यालयीन शिक्षा पूर्ण कर शिक्षकीय व्यवसाय को पसंद किया ताकि सामाजिक व राष्ट्रीय कार्यो में अपनी सेवाए देते रहे. शिक्षक क्षेत्र में छुट्टियां की अधिकता के कारण उस समय दान देने का सुअवर बना रहता था. आपने अवकाश काल में गरीब छात्रों को शिक्षित करने में एक्स्ट्रा क्लास लेकर उन्हें शिक्षित किया. प्रधान अध्यापक इनके कार्यो से प्रभावित रहे.
  • शहर सौंदर्यीकरण की ओर से रूझान- अन्य महानगरो की तरह अपना शहर भी स्वच्छ सुंदर हराभरा हो यह सपना उन्होंने संजोये रखा था. अत: आपने रचनात्मक सुझाव तत्कालीन प्रशासन को जनप्रतिनिधियों को प्रस्तुत किए थे. ताकि शहर सुंदर और हराभरा हो. लेकिन उस समय (1967 के पूर्व)अध्यक्ष व जनप्रतिनिधियों का झुकाव मर्यादित था. रोड, नाली लाईट्स तक ही सीमित कार्य रहता था. सौंदर्यीकरण की ओर विशेष रूचि का अभाव रहा था.
  • शहर सौंदर्यीकरण की अभिलाषा के तहत शासकीय नौकरी का त्याग- आपने शहर सौंदर्यीकरण का सपना संजोकर रखा था. लेकिन इसकी पूर्णता तब ही संभव थी कि वे स्वयं निर्वाचित सदस्य होकर नगरपालिका पहुंचे तथा प्रस्तुत सुझावों को अमलीजामा पहना सके. इसके लिए शासकीय शिक्षक की नौकरी त्याग कर अपने उद्देश्य पूर्ति हेतु न.पा. का इलेक्शन लड़ना पसंद किया और सन् 1974 में प्रमुख वार्ड जवाहर गेट से विजयी रहे.
  • हौसले बुलंद रहे- चूकि आप पक्ष रहित निर्दलीय सदस्य के रूप में चुने गये. सौभाग्य से सत्तापक्ष के सहभागी बने और कार्य करने का हौसला बुलंद हुआ. न.पा. में अपनी सक्रियता से सभी का मन जीता. उन्हें सुझावित कार्यो को गति मिलती गई. आपने प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ शहर सौंदर्यीकरण की ओर ध्यान केन्द्रित किया. शहर स्वच्छ रहे इसके लिए प्रतिदिन सुबह 6 से 12 तक वार्डो में साफ सफाई का ध्यान रखा. शहर हराभरा हो वृक्षारोपण कार्यो में बढ़चढ़कर भाग लिया और वृक्ष संगोपन की जिम्मेदारी स्वीकारी. आपने शहर में घूम-घूम कर जगह का मुआयना किय तथा उपेक्षित भूमि पर स्वास्थ्य और पर्यावरण की द़ृष्टि से वहां उद्यान हो यह सुझाव न.पा. में रखा. जिसे सभी ने सराहा था.
  • जवाहर गेट के क्लॉक टॉवर को पुर्नजीवित किया- शहर का प्रमुख जवाहर गेट क्लॉक टॉवर जो शहर की सुंदर वस्तु है. उसकी घड़ी चोरी चली गई तथा बंद पड़ी थी. उस घड़ी को पुर्नजीवित किया गया.
  • एक सुंदर आकर्षक फब्बारे का निर्माण- शहर में दर्शनीय स्थलों का निर्माण हो. इस द़ृष्टि से एक अभिनव योजना उन्होंने अमल में लायी. आवश्यक फंड के अभाव में कार्य में बाधा न आए. उन्होंने नागरिक अनुदान व न.पा. के आर्थिक सहयोग से सुंदर वस्तु बने. सहयोग राशि न.पा. को उपलब्ध कराई. एक सुंदर आकर्षक फव्वारे का निर्माण हुआ.
    फव्वारा शहर एक आकर्षण हो कई आर्किटेक्टों से संपर्क कर नि:शुल्क डिजाइने बनवाई तथा योग्य डिजाईन का चयन कर उसे अमली जामा पहनाया गया.
    विशेष :-1975 में निर्मित्त फ व्वारा (सराफा) आज भी अपनी पूर्ण गरिमा क ेसाथ सभी को आकर्षित कर रहा है. जबकि शहर में फब्बारे बने और बंद हो गये.
  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रेरणा- शहर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पटेरिया जी के कार्यो से प्रभावित थे. उन्होंने उनसे आग्रह किया कि प्रेरणास्थल प्रताप चौक पर महाराणा प्रताप की अश्वरूढ प्रतिमा हो. उनके आग्रह अनुरूप श्री जुगलकिशोर ने पूर्ण नागरिको से अनुदान से महाराणा प्रताप की अश्वरूढ भव्य प्रतिमा स्थापित की. शहर के भूखंडों पर उद्यान निर्माण हेतु सक्रियता दिखाई तथा नप के पूर्ण सहयोग के साथ भूमि उद्यान में निर्मित हुई.
  • उद्यानों में महापुरूषों की प्रतिमाएं- शहर के प्रमुख उद्यानों में महापुरूर्षो की प्रतिमा प्रतिभाए स्थापित कर बाग को संवारा गया जिसमें राष्ट्रमाता कस्तुरबा, छत्रसाल आंबेडकर की प्रतिमा का समावेश कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया.
  • न.पा. की सक्रियता रंग लायी- श्री जुगलकिशोर जी ने नगरपालिका में अपनी सक्रियता दिखाई तथा जन हितैषी कार्यो में बढ़चढ़कर भाग लिया. इससे प्रभावित होकर म.पा. ने उन्हें उपाध्यक्ष पद पर अलंकृत किया.
  • आत्म निर्भरता की ओर कदम बढ़ाए- न.पा. आर्थिक द़ृष्टि से संपन्न बने. आपने शहर की प्रमुख पाठशाला की जगह जो कि जीर्णशीर्ण अवस्था में पड़ी थी.उनकी जगह व्यापारी संकुल बनाया जाए. न.पा. में दो सुझाव रखे कि आर्थिक संपन्नता तथा बच्चों को अनुकूल कमरों की सुवयवस्था होगी. इस सुझाव को सभी ने मुक्त कंठ से सराहा था. आज मनपा के व्यापारी संकुल आय के स्त्रोत है.
  • ‘कसौटी पर खरे उतरे शहर को निरोगी रखा- आपके आरोग्य सभापति के कार्यकाल में सफाई कर्मचारियों की 40 दिनों की हड़ताल चली थी. आपने वार्ड वाईज, नवयुवको की सफाई टिम बनाकर शहर में सफाई अभियान शुरू किया तथा प्रात: 6 से लेकर 12 बजे तक सफाई अभियान चलाया तथा शहर स्वच्छ व निरोगी रखा तथा कसौटी पर खरे उतरे.
  • इर्विन हॉस्पिटल में भी सेवाएं दी- शहर के प्रमुख इर्विन अस्पताल में सफाई कर्मचारियों व नर्सेस की हड़ताल के समय भी कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर सिविल सर्जन के नेतृत्व में कार्य किया तथा सेवा में तत्पर रहे तथा गरीब निर्धनों को आवश्यक औषधी की पूर्ति की थी.
  • एक नये क्लॉक टॉवर (छत्रसाल टॉवर) की प्रस्तावित योजना- जिस प्रकार जवाहर गेट क्लॉक टॉवर-15 अगस्त स्वाधीनता की यादगार स्वरूप आजादी की विजय स्मारक के रूप में नागरिक देणगी (25 हजार)से निर्मित हुआ. उसी तरह भारत की स्वर्ण जयंती की एक अमिट यादगार स्वरूप एक नया क्लॉक टॉवर शहर की छत्रपुरी खिड़की पर हो. जवाहर गेट क्लॉक टॉवर नगर पालिका के कार्यकाल की यादगार वस्तु है. उसी प्रकार महानगरपालिका के कार्यकाल की अमिट यादगार शहर में हो. ( मनपा 1983 में ) प्रस्तावित थी. इसी आशय को लेकर श्री जुगलकिशोर जी ने न.पा. भंग होने के पूर्व 1980 में नगरपालिका उपरोक्त नये क्लॉक टॉवर का प्रस्ताव नं.पा. आमसभा में रखा तथा प्रस्ताव के अनुमोदन में कहा कि जवाहर गेट टॉवर 22 हजार की निधि से निर्मित हुआ हैे. में भी इस नये टॉवर हेतु 1 लाख की निधि सहयोग राशि के रूप में भेंट करूंगा. मनपा भी अपने आर्थिक सहयोग से दोनों के संयुक्त सहयोग से शहर में अप्रतिम यादगार स्मारक शहर में हो. प्र्रस्ताव रखा जो सर्वानुमति से पारित हर्षध्वनि के साथ पारित हुआ था तथा पटेरिया के कार्यो की सराहना की गई थी.
  • मनपा की निष्क्रियता उदासीनता के चलते- महत्व का पारित प्रस्ताव सतत प्रलंबित हो रहा है. जबकि 2 लाख की राशि पटेरिया ने तैयार रखी है तथा विगत 57 वर्षो से मनपा को समय समय पर सूचित किया गया है. आज यह सतत प्रलंबित हो रहा है. मनपा कहावत चरितार्थ कर रही है. भैस के आगे बीन बजाओं. भैस पडी पगुराय है.

– जितेन्द्र भागचंद साहू

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