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कोरोना संकट गंभीरता से ले

कोरोना का संक्रमण तीव्र गति से जारी है. शहर में हजार से अधिक संक्रमित रोजाना पाए जा रहे है. साथ ही रोजाना दो दर्जन से अधिक लोगों की कोरोना के कारण मृत्यु हो रही है. स्पष्ट है कोरोना का संक्रमण अब अपने चरम पर है. इस हालत में उपाय योजनाओं की पराकाष्टा अपेक्षित है. लेकिन पाया जा रहा है कि कोरोना मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. जिसके चलते आम नागरिको पर भी इसका असर हो रहा है.सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए १८ वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए वैक्सीन देना आरंभ किया है. १ मई से इस कार्य की शुरूआत हो गई है. लेकिन पाया जा रहा है कि अनेक टीकाकरण केन्द्रों पर अभी टिका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाया है. वहीं पर अनेक टीकाकरण केन्द्रों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. वैक्सीन लेने के लिए अनेक नागरिक टीकाकरण केन्द्रों पर उमड़ पड़े. घंटों उन्हें कतार में रहना पड़ रहना पड़ रहा है. अनेक वरिष्ठ नागरिक टीकाकरण की प्रतीक्षा में घंटो कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है. वहां पर न तो पानी की व्यवस्था है और न अन्य कोई व्यवस्था है. धूप में खड़े रहकर अपने वैक्सीन का इंतजार करते वरिष्ठ नागरिको को यदि सुविधा नहीं मिल पा रही है तो निश्चित रूप से उन्हें न केवल परेशानी भुगतनी पड़ रही है बल्कि अन्य बीमारियों का भी खतरा मंडराने लगा है. ऐसी हालत में जरूरी है कि टीकाकरण केन्द्र में सारी व्यवस्थाएं की जाए. हालाकि महानगरपालिका आयुक्त ने इस बात का आश्वासन दिया हैकि शीघ्र ही टीकाकरण केन्द्रों पर शेड बनाए जायेंगे.
टीकाकरण के प्रति जनजागृति के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे है. अनेक कदम उठाए गये है. यहां तक की कोरोना वैक्सीन के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु थियेटरों कलाकारों के माध्यम से ही लोगों को जागृत किया जायेगा. उपक्रम भले ही अच्छा है लेकिन टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीन का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना भी जरूरी है.कहीं ऐसा न हो लोगों को वैक्सीन के प्रति आशावान बना दिया जाए. लेकिन केन्द्रोंं पर वैक्सीन उपलब्ध न रहे. ऐसे में लोगों में भारी निराशा उत्पन्न होती है जिससे लोगों में जो वैक्सीन लेने के प्रति जनजागृति की जाती है उसका भी प्रभाव कम होता है. इस हालत में यह जरूरी है कि प्रशासन किसी भी स्तर पर वैक्सीन की कमी न होने दे. वे हर किसी को वैक्सीन उपलब्ध कराए. कोरोना के भीषण संक्रमण के दौर में वैक्सीनएक बहुत बड़ा आधार है. स्वयं सरकार भी इस बात को मानती है. ऐसे में सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि हर किसी को वैक्सीन उपलब्ध हो. वैक्सीन केन्द्रों पर लोगों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. ग्रीष्मकाल का समय है. ऐसे में वैक्सीन लेनेवाले नागरिको को धूप में परेशान न होना पड़े. इस बात का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जरूरी है कि कोरोना संबंधी हर पहलूओ को गंभीरता से लिया जाए. लोगों को वैक्सीन ही एकमात्र महत्वपूर्ण आधार है.चिकित्सको के मुताबिक वैक्सीन लेने के बाद आंतरिक शक्ति बढ़ जाती है जिससे बीमारी का प्रभाव कम होता है. हालाकि वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना से बचाव के लिए जो सावधानियां बरतनी चाहिए उस पर ध्यान देना हर किसी का दायित्व है. मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेसिंग के अलावा बार-बार साबुन से हाथ धोना जरूरी है. क्योंकि वैक्सीन के बाद भी कुछ स्थानों पर लोगों को संक्रमित होता पाया गया है. लेकिन वैक्सीन धारक पर बीमारी का विशेष प्रभाव नहीं हो पाता है. बीमारी से लडऩे की क्षमता बढ़ जाती है जिससे खतरा कम हो जाता है.
कुल मिलाकर सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कडे कदम उठाए जा रहे है. अनेक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है. लोगों में जनजागृति का भी प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए.उनकी कमी से लोगों में निराशा का माहौल निर्माण हो सकता है. जरूरी है कि प्रशासन कोरोना संक्रमण के हर पहलूओं को गंभीरता से ले.

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