लेख

सत्कार समारोह से नई परंपरा की शुरूआत

अनादी काल से स्पर्धा व प्रतिस्पर्धा का दौर चल रहा है. जिसमें इन दिनों कुछ और अधिक वृध्दी हो गई है. इस समय कोई भी क्षेत्र स्पर्धा से वंचित नहीं है. मौजूदा दौर में व्यवसाय व उद्योग के साथ-साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में भी काफी बदलाव हुआ है और बदलते वक्त के अनुसार अखबारों यानी प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बीच चलनेवाली स्पर्धा किसी से छिपी नहीं है. साथ ही साथ अलग-अलग अखबारों के बीच भी आपसी प्रतिस्पर्धा चलती रहती है और हर कोई एक-दूसरे से आगे निकलने का प्रयास करता है. किंतु ऐसे दौरे में भी किसी अखबार के संपादक द्वारा किसी अन्य अखबार के संपादक को उन्हें प्राप्त पुरस्कार के लिए अपने कार्यालय में समारोहपूर्वक सम्मानित करने का अनूठा व स्तुत्य प्रसंग विगत दिनों अमरावती में दिखाई दिया.
हाल ही में दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभुमि के संपादक अनिल अग्रवाल को राज्य की पत्रकारिता क्षेत्र में बेहद प्रतिष्ठित रहनेवाला दर्पण पुरस्कार प्राप्त हुआ. कोविड नियमों के चलते उन्हें यह पुरस्कार डाक के जरिये भेजा गया. किंतु संपादक अनिल अग्रवाल को यह पुरस्कार दैनिक हिंदुस्थान कार्यालय में जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर के हाथों विभिन्न गणमान्यों की उपस्थिति में प्रदान किया गया. इस कार्यक्रम का आयोजन खुद दैनिक ह्रिंदुस्थान के संपादक व व्यवस्थापक मंडल द्वारा किया गया था. दो अखबारों द्वारा एक साथ आकर एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा को किस हद तक स्वस्थ व स्वच्छ रखा जा सकता है, यह इसका बेहतरीन उदाहरण रहा. अपने ही कार्यक्षेत्र में कार्यरत व्यक्ति की सफलता और खुशी का अपने घर पर आनंद मनाना यह नई परंपरा दैनिक हिंदुस्थान द्वारा स्थापित की गई है.
दैनिक हिंदुस्थान के कामकाज और कार्यकाल की ख्याती पूरे राज्य में है. वरिष्ठ स्वाधीनता सेनानी व पत्रमहर्षि स्व. बालासाहब मराठे द्वारा 73 वर्ष पुर्व रोपे गये दैनिक हिंदुस्थान नामक पौधे को उनके पुत्र व दिवंगत मुख्य संपादक डॉ. अरूणदादा मराठे ने एक नई पहचान दिलवाई. किसी का भी मुलाहिजा न करते हुए समाज को पूरी निष्पक्षता के साथ आईना दिखानेवाले अखबार के तौर पर दैनिक हिंदुस्थान की ख्याती आज भी यथावत है. यद्यपि इन दिनों दुनिया बडी तेजी के साथ व्यवसायिक व व्यवहारिक हो चली है, किंतु दैनिक हिंदुस्थान में पत्रमहर्षि स्व. बालासाहब मराठे तथा दिवंगत मुख्य संपादक स्व. डॉ. अरूणदादा मराठे द्वारा स्थापित मूल्यों व परंपरा का सदैव निर्वहन किया है और उनके पदचिन्हों पर चलते हुए ही दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास अ. मराठे, निवासी संपादक उल्हास मराठे, कार्यकारी व्यवस्थापक विवेक अ. मराठे व विनोद अ. मराठे के साथ ही जेष्ठ मार्गदर्शक प्राचार्य डॉ. अनंत मराठे कार्यरत है. समाजहित के लिए कटिबध्द रहने के साथ ही प्रगतिशिल राष्ट्रीय विचारों की ओर बढने का कार्य दैनिक हिंदुस्थान ने आज तक कायम रखा है और भविष्य में भी दैनिक हिंदुस्थान द्वारा अपने इस संकल्प एवं समाजव्रत का पूरे समर्पित भाव से निर्वहन किया जायेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है.
दैनिक हिंदुस्थान के इतिहास और पत्रकारिता को कुछ पंक्तियों व एक लेख में शामिल करते हुए वर्णन नहीं किया जा सकता. इसकी इतनी अधिक व्याप्ती है. दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास मराठे, विवेक मराठे व विनोद मराठे सहित समस्त मराठे परिवार में पत्रकारिता क्षेत्र में हर एक व्यक्ति के साथ बेहद अपनत्ववाला नाता रखा है और अन्यों के आनंद को अपना मानकर उसकी खुशी मनाने के साथ ही दूसरों के दु:ख के समय भी दौडकर जाने का मानवतापूर्ण रिश्ता मराठे परिवार द्वारा निभाया जाता है. समाज को आईना दिखाने की बडी जिम्मेदारी को निभानेवाले दैनिक हिंदुस्थान के ये सभी सादे व सामान्य किंतु उतने ही बडे लोग अन्यों का कौतुक भी बडे दिलदार तरीके से करते है. यह अपने आप में एक बडी बात है.
दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभुमि के संपादक अनिल अग्रवाल को दर्पण पुरस्कार प्राप्त हुआ. यह केवल अमरावती ही नहीं, बल्कि समूचे विदर्भ क्षेत्र के लिए बेहद आनंददायी बात रही. जिसके लिए दैनिक हिंदुस्थान द्वारा अपने कार्यालय में पुरस्कार प्रदान समारोह आयोजीत किया गया. सबसे उल्लेखनीय यह रहा कि, संपादक अनिल अग्रवाल ने यह खुद को यह पुरस्कार प्राप्त होने के बाद बताया कि, उनसे पहले दैनिक हिंदुस्थान दिवंगत मुख्य संपादक डॉ. अरूणदादा मराठे को अमरावती संभाग में सबसे पहले दर्पण पुरस्कार प्राप्त हुआ था और जब वे डॉ. अरूणदादा मराठे का अभिनंदन करने के साथ ही आशिर्वाद प्राप्त करने हेतु गये थे, तो उन्होंने आशिर्वाद के तौर पर कहा था कि, एक दिन तुम्हे भी यह पुरस्कार जरूर मिलेगा. अत: वे खुद चाहते थे कि, उन्हें यह पुरस्कार दैनिक हिंदुस्थान के कार्यालय में ही प्रदान किया जाये. उनके इस निवेदन को दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास मराठे तथा मराठे परिवार द्वारा सहर्ष स्वीकार किया गया और यह खबर अखबारों के जरिये विदर्भ सहित राज्य के विभिन्न शहरों व जिलों में पहुंचते ही नये विचारों का प्रवाह शुरू हो गया. अपने क्षेत्र के किसी व्यक्ति द्वारा कोई पुरस्कार या उपलब्धि हासिल करने के बाद उसका अपने कार्यालय में गौरव व सत्कार करने की एक नई परंपरा अमरावती से शुरू हुई है और इस समारोह के आयोजन से पहले व आयोजन के बाद समाज के विभिन्न स्तरों से इस अनूठे प्रसंग की प्रशंसा हुई.
दैनिक हिंदुस्थान कार्यालय में संपादक अनिल अग्रवाल को प्रतिष्ठित दर्पण पुरस्कार हाल ही में समारोहपूर्वक प्रदान किया गया. इस कार्यक्रम में राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर, महापौर चेतन गावंडे, जिला सूचना अधिकारी हर्षवर्धन पवार, सूचना अधिकारी अपर्णा यावलीकर, प्राचार्य डॉ. अनंत मराठे, दैनिक विदर्भ मतदार के संपादक एड. दिलीप एडतकर सहित दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास मराठे, विवेक मराठे, विनोद मराठे, मनीषा मराठे, डॉ. वृंदा मराठे, सर्वेश मराठे, ओंकार मराठे सहित मराठे व हिंदुस्थान परिवार के सभी सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे. यह समारोह कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए बडे शानदार तरीके से संपन्न हुआ. जिसमें अखबारीता क्षेत्र के कई वरिष्ठ सदस्य, पत्रकार संगठनों के पदाधिकारी तथा राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र से जुडे गणमान्य प्रमुखता से उपस्थित थे, जो इस अनूठे आयोजन को देखकर काफी भावविभोर भी हो गये. इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए संपादक अनिल अग्रवाल ने दैनिक हिंदुस्थान कार्यालय को अमरावती की पत्रकारिता क्षेत्र का तीर्थस्थल बताया. साथ ही हिंदुस्थान कार्यालय में खुद को दर्पण पुरस्कार मिलने पर खुशी भी व्यक्त की. इस समय दैनिक विदर्भ मतदार के संपादक एड. दिलीप एडतकर, प्राचार्य डॉ. अनंत मराठे, दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास मराठे तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के वक्तव्य भी विचारवेधक रहे. इस कार्यक्रम का बेहतरीन सूत्र संचालन डॉ. वृंदा मराठे ने किया तथा मनीषा मराठे ने भावपूर्ण शब्दों के साथ सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया.
दैनिक हिंदुस्थान में आयोजीत व संपन्न इस पुरस्कार प्रदान समारोह को देखकर अब समाज में एक नया विचार प्रवाह शुरू हो गया है. जिस समय ‘स्पर्धा करो और आगे निकलो’ का मंत्र ही सर्वत्र दिया जाता है. उसी समय यह पुरस्कार प्रदान समारोह एक नया मंत्र और नया विचार रोपित करता दिखाई देता है. यद्यपि स्पर्धा का क्षेत्र एक ही हो, किंतु अपने किसी सहयोगी को मिले पुरस्कार का कौतुक सभी ने दिल खोलकर आनंदपूर्ण तरीके से करना चाहिए. यह विचार इस आयोजन के जरिये शुरू हुआ है. दैनिक हिंदुस्थान के प्रबंध संपादक विलास मराठे तथा दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभुमि के संपादक अनिल अग्रवाल की वैचारिक भूमिका नई पीढी व नये युग के लिए कितने आवश्यक है, यह इस आयोजन से अधोरेखित हुआ है और इस आयोजन से एक बहुत बडा संदेश समाज तक पहुंचा है. अजातशत्रु व्यक्तित्व के धनी रहनेवाले विलास मराठे द्वारा नियोजन किये गये इस कार्यक्रम का आदर्श पूरे समाज ने लेना चाहिए और सभी क्षेत्रों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में कार्यरत अपने सहयोगियोें व प्रतिस्पर्धियों की सफलता पर आनंदित भी होना चाहिए, क्योंकि वह सफलता उस व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि उस क्षेत्र की होती है.
यह सच है कि, पहले की तुलना में अब वक्त बदल गया है, लेकिन वक्त कितना बदला है और इसे कितना बदलना चाहिए, इसका भी कहीं न कहीं विचार किया जाना चाहिए. समय के अनुसार इंसान बदल जाते है, ऐसा कहा जाता है. किंतु सच यह भी तो है, कि हम इंसान ही वक्त को बदल सकते है. दैनिक हिंदुस्थान ने इस समय यही काम करने का प्रयास किया है और नये विचारों का प्रवाह शुरू करते हुए नये मूल्यों को स्थापित किया है. दैनिक हिंदुस्थान द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक कार्य भी हुए. अप्पर वर्धा बांध के लिए दैनिक हिंदुस्थान के संस्थापक संपादक पत्रमहर्षि स्व. बालासाहब मराठे द्वारा किया गया संघर्ष अपने आप में ऐतिहासिक था. जिसे अमरावतीवासी कभी नहीं भुल सकते. इस विरासत से संपन्न दैनिक हिंदुस्थान ने एक कदम आगे बढते हुए अपने ही पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत किसी अन्य अखबार के संपादक के कार्यों व उपलब्धि का गौरव करने का एक नया विचार समाज के समक्ष रखा है, जिसे आदर्श के तौर पर यदि पूरे समाज द्वारा अंगीकार किया जाता है, तो पूरा समाज एक नये विचार के साथ प्रगती की ओर आगे बढेगा, यह तय है.
– शैलेश धुंदी,
मो. 9881388071

Related Articles

Back to top button