लेख

श्री जलाराम सत्संग मंडल व्दारा संचालित धार्मिक तथा अध्यात्मिक चेतना का केंद्र ‘भक्तिधाम’

मां अंबा तथा मां एकविरा, जहां साक्षात निवास करती है, ऐसी पावन भूमि ‘अंबानगरी’ में पेशे से शिक्षक तथा धर्मग्रंथों के ज्ञानी वक्ता स्व.पु.नानालालभाई पंड्या की प्रेरणा तथा उन्हीं की अध्यक्षता में 1952 में ‘श्री जलाराम सत्संग मंडल’ की स्थापना की गई. शुरु-शुरु में प्रति शनिवार रात उनके ही निवास पर पू.जलाराम बापा के भक्त इकट्ठा होते तथा भजन तथा संकीर्तन करते. प्रतिवर्ष दीपावली पश्चात कार्तिक सुदी सप्तमी को पू.जलाराम बाप्पा की जयंती भी मनाते थे.
1969 में स्थानीय लोहाणा समाज व्दारा श्री जमनाबा लोहाणा महाजनवाडी का भवन तैयार होने पर उसी भवन में अनेक वर्षों तक जलाराम जयंती मनाई जाती रही. भजनों का कार्यक्रम प्रति शनिवार भक्तों के यहां आयोजित होता रहा.
विरपुर की तरह अमरावती में पू.जलाराम बापा का एक भव्य मंदिर हो, ऐसी भावना बापा के सभी भक्तों में थी. स्थानीय गुजराती समाज बंधुओं के अथक प्रयास तथा नगर के दानदाताओं के सहयोग से 1983 में पू.संत श्री मोरारीबापू की ‘रामकथा’ का विशाल आयोजन हुआ. इस ‘रामकथा’ में प्राप्त दान राशि की सहायता से अमरावती के बडनेरा रोड पर लगभग 2 एकड भूमि में पूज्य बापा के भव्य दिव्य मंदिर ‘भक्तिधाम’ का निर्माण हुआ. नागपुर शहर में ‘छोटे जलाराम’ के नाम से विख्यात पू.संत श्री हरिबापा के करकमलों से 13 मार्च 1986 के शुभदिन ‘भक्तिधाम मंदिर’ की प्राण-प्रतिष्ठा की गई.
‘भक्तिधाम’ में पूज्य जलाराम बापा के साथ-साथ प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता, मां अंबा, मां गायत्री, श्री गणपति, हनुमानजी महाराज तथा भगवान शिव साक्षात विराजते हैं. इसी कारण प्रतिवर्ष पू.जलाराम जयंती के साथ-साथ रामनवमी, जन्माष्टमी, गणेशोत्सव, नवरात्रि, शिवरात्रि हनुमान जयंती आदि धार्मिक उत्सव समय-समय पर संपूर्ण आस्था के साथ मनाए जाते हैं.
हमारे धर्मग्रंथों में गौसेवा तथा गौपालन को इश्वरीय कार्य का दर्जा दिया गया है. 1988 में सुप्रसिध्द रामकथा वाचन तथा मनीषी पू.संत श्री रमेशाभाई ओझा की प्रेरणा से उन्हीं के करकमलों से मंदिर के पीछे के परिसर में ‘विरबाई मां गौशाला’ का प्रारंभ हुआ.
पू.जलाराम बापा ने ही विरपुर में सदाव्रत के माध्यम से अन्नदान की शुरुआत की थी. उन्हीं से प्रेरित होकर ‘भक्तिधाम’ में भी फिक्स नीति के रुप में दान दाताओं से प्राप्त धनराशि से हरदिन दोपहर ‘रामरोटी’ तथा प्रति गुरुवार ‘महाप्रसाद’ यह दो प्रवृत्तियां शुरु की गई.
भक्तिधाम में आने वाले दर्शनार्थियों तथा मंदिर परिसर के आसपास के निवासियों के बच्चों के लिए 1992 में मंदिर के ठिक पीछे खेलकूद के साधनों से युक्त अत्यंत रमणीय ऐसे ‘चम्पा स्मृति’ बाग का निर्माण किया गया.
अमरावती में स्थायी श्री कच्छ कडवा पाटीदार समाज के परिजनों के आर्थिक सहयोग से 1992 में मंदिर परिसर में पू.श्री उमिया माता अन्नक्षेत्र भवन का निर्माण किया गया. जहां हरदिन ‘रामरोटी’ तथा प्रत्येक गुरुवार ‘महाप्रसाद’ वितरण का कार्य किया जाता है. इसके अलावा इस भवन में रामकथा, भागवतकथा, पुराण आदि पर मनीषियों के विव्दतापूर्ण प्रवचनों के माध्यम से भारत की धार्मिक तथा अध्यात्मिक धरोहर को जीवित रखने का तथा सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने का प्रयास भी किया जाता है.
नगरवासियों को नाममात्र अनुदान पर परिवार में आयोजित विवाह, रिसेप्शन, सामाजिक व धार्मिक आयोजन इत्यादि के लिए सर्व सुविधायुक्त लॉन प्राप्त हो, इस उद्देश्य से 2008 में मंदिर के पीछे अंतिम छोर पर लगभग 16000 स्क्वेअर फीट की भूमि पर एक सुंदर, रमणीय ऐसे लॉन का निर्माण किया गया.
नगरजनों के स्वास्थ्य का ख्याल भी भक्तिधाम में रखा जाता है. पिछले लगभग 15 वर्षों से सुबह ‘योगासन’ के वर्ग नित्य हरदिन चल रहे हैं.
जेसीआई, रोटरी जैसे सामाजिक संगठनों के सहयोग से विभिन्न रोगों की जांच शिविर, स्वास्थ्य चेकअप कैम्प इत्यादी कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहते है. आर्थिक रुप से असहाय रुग्णों को भी आवश्यकता पडने पर आर्थिक सहयोग भक्तिधाम की ओर से दिया जाता है.
हाल ही में मेडिकल सुविधा के एक हिस्से के रुप में भक्तिधाम में स्व.रोहितभाई दिलीपभाई पोपट मानव सेवा संघ के सहयोग से ‘ऑर्थोपेडिक लायब्रेरी’ स्थापित की गई है. जिसके माध्यम से ऑर्थोपेडिक ट्रिटमेंट में आवश्यक पर महंगे ऐसे व्हीलचेयर, सर्जीकल बेड, वॉकर, वॉकिंग स्टीक, ऑक्सीजन सिलेंडर, वाईब्रेटिंग मशीन आदि साधन जरुरतमंदों को नि:शुल्क उपलब्ध कराये जाते है.
नित्य नियमित चल रही धार्मिक प्रवृत्तियां- 1952 से प्रति शनिवार भजनों का कार्यक्रम किसी भक्त के निवासस्थान पर पूर्वसूचना पर रात 9 से 12 बजे
पिछले अनेक वर्षों से प्रति गुरुवार श्री जलाराम महिला मंडल की बहनों व्दारा भजनों का कार्यक्रम भक्तिधाम या किसी भक्त के यहां पूर्व सूचना पर शाम 4 से 6 बजे
निर्माणाधीन प्रोजेक्ट
सत्संग भवन का निर्माण
इस भवन में टीवी के माध्यम से अनेक धार्मिक चैनलों पर प्रसारित भारत के प्रसिध्द कथा वाचकों, मनिषियों, विचारकों व्दारा धर्मरक्षा, संस्कृति का जतन, रामकथा, भागवत कथा, पुराण आदि पर दिए गए प्रवचनों का लाभ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं तथा भक्तों को मिले इसका प्रयास किया जाएगा. इसके अलावा इस भवन में ‘धार्मिक तथा आध्यात्मिक किताबों की लायब्ररी’ भी स्थापित की जाएगी.
बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय की भावना से प्रेरित योजनाएं
भक्तिधाम में उपलब्ध जगह में नगरजनों की सुविधा के लिए उचित मूल्य पर सर्व सुविधायुक्त एक विशाल अतिआधुनिक अस्पताल का निर्माण करना.
शुध्द मनोभाव से देखा गया सपना तथा नि:स्वार्थ भाव से किया गया कार्य आज नहीं तो कल अवश्य पूर्ण होता है. ऐसा संतों का कहना है. पू.जलाराम बापा की कीर्ति में वृध्दि हो, मानवकल्याण के हित में उनके व्दारा किए गए कार्य जन-जन तक पहुंचाने का सपना देखते हुए बहुजन हिताय के कार्य आज नहीं तो कल अवश्य वास्तविकता में परिवर्तित होंगे, ऐसा मेरा विश्वास हैं. पू.बापा के चरणों में कोटी-कोटि नमन
– दिलीपभाई मंगलजी पोपट,
अध्यक्ष श्री जलाराम

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