लेख

104 साल भी मूक नायक का जलवा..

मुसाफिर है हम तो चले जा रहे है,

बडी ही कठीन नगर की डगर है…जी इसी गीत के साथ एक बार फिर आप की सेवा में मुसाफिर हाजिर हुआ है, अपनी वही पुरानी टुटी फुटी सायकिल से मुसाफिर की थकान अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि मुसाफिर ने शनिवार व रविवार को पुलिस परेड ग्राऊंड में आयोजित पुलिस सहायता निधी के लिए आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में अपने पुलिस मित्रों के साथ खुब धमाल-कमाल किया था. एक से बढ कर एक हास्य कलाकारों और ऑर्केस्ट्रा के कलाकारों व्दारा बहारदार कार्यक्रम का मुसाफिर के साथ-साथ पुरे शहरवासियों ने खुब आनंद लिया. इसी के चलते सोमवार की सुबह मुसाफिर आज के युवाओं की तरह बहुत ही देरी से निंद से जागा. क्योंकि आज कल के युवा अपने सेल फोन पर रात-रात भर जाग कर सोना-मोना के साथ अपना समय व्यतीत करते है और सुबह देरी से जाग कर निंद न पुरी होने के कारण घरवालों पर गरम होते है. खैर जाने दिजीए हमें क्या वो उनकी लाईफ स्टाईल है और आप और हमें इससे क्या लेना देना. चलिए तो फिर बात करते है. सोमवार की, सोमवार के दिन कुछ खास नहीं रहा. वही रोज की रुटीन हां लेकिन जिला मराठी पत्रकार भवन में एक बहुत ही शानदार पत्रवार्ता हुई जिसमें कुछ वर्ष पहले अमरावती के सपुत उपेन्द्र गुल्देकर गडचिरोली जिले में अपने कर्तव्य को पुरा करते हुए शहिद हो गए थे. उनकी याद में वरिष्ठ समाज सेवक डॉ. गोविंद कासट व मित्र परिवार व्दारा हर वर्ष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. उसी तरह का इस वर्ष भी लगभग तीन-चार दिनों कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. छिटपुट घटनाओं और कार्यक्रम को छोड इस दिन शहर में कुछ नहीं दिखा. हा मगर हमेशा की तरह शहर की सडकों पर गजबजाई हुई ट्राफिक, आवारा पशु, बेतरतीब हॉकर्स, तेजी से भागते और एक सवारी पर एक अनार सौ बिमार की कहावत को सार्थक करते ऑटो चालक जरुर नजर आए. यातायात विभाग व्दारा जनवरी माह में यातायात सप्ताह चलाया जाता है, किंतु अमरावती शहर में इसका कोई खास असर नहीं दिखता. यहां सब अपनी मर्जी के मालिक है. शहर में दिन ब दिन ऑटो की संख्या में इजाफा हो रहा है. मगर ऑटो चालकों को रास्ते पर चलने से कोई नहीं रोक सकता, वे जब चाहे जहां चाहे ब्रेक मार कर अपना ऑटो रोक सकते है फिर भला पिछे से आ रहे किसी भी वाहन की टक्कर हो या दुर्घटना अपने को क्या, अपुन तो भाई है…. वाला नजारा हमेशा ही दिखाई पडता है. न तो ऑटो वालों और दुपहिया वाहन चालकों को किसी तरह की क्लास लेकर उन्हें यातायात के नियम सिखाते परिवहन विभाग न ही यातायात विभाग नजर आता है, न ही कोई और. इर्विन चौराहा हो या गर्ल्स स्कूल चौक, या राजकमल चौक जेब्रा क्रॉसिंग क्या है? लालबत्ती क्या है? किसी को नहीं पता और युवा पिढी का तो भगवान ही मालिक है. खैर इस पसीने बहाने वाली गर्दी, भीड और ट्राफिक से खुद को बचते बचाते हुए अपनी पुरानी सायकिल से मुसाफिर आगे बढ रहा है. मंगलवार का दिन मुसाफिर अपनी सायकिल से निकल पडा. जिला न्यायालय पर पहुंचने पर मुसाफिर ने देखा यहां के सारे वकील साहब बहुत ही गुस्से में है. मामला पता करने पर मालुम हुआ कि अहमदनगर जिले के किसी गांव में एक वकील दम्पत्ती का मर्डर हो गया. हफ्ता वसुली के नाम पर कुछ अपराधिक तत्वों व्दारा पहले अपहरण व बाद में हत्या कर दी गई. जिसके विरोध में व वकिलों के संरक्षण के लिए कानून बनाए जाने की मांग को लेकर जिला वकील संघ की ओर से जिला न्यायालय से जिलाधिकारी कार्यालय तक रैली निकाली गयी. जिलाधिकारी साहेब को निवेदन सौंप कर वकिलों ने अपनी मांगे रखी. चलते चलते मुसाफिर ने एक अखबार के स्टॉल पर नजर मारी तो खुशी भरी खबर भी पढने मिले अनाथों के नाथ कहे जाने वाले वझ्झर के शंकरबाबा पापडकर को पद्मभुषण पुरस्कार से दिल्ली में सम्मानित किया जाना है.बडे ही खुशी की बात हो कि जिले में दो-दो पद्मभूषण मिल रहे है. पहला हनुमान अखाडे के प्रभाकर वैद्य को कुछ वर्ष पूर्व मिल चुका है और अब शंकरबाबा को भी मिल रहा है. वैसे भी अमरावती शहर हर किसी को सम्मान देता है. यहां पर आने वाले छोटे बडे सरकारी अधिकारी बडे ओहदो पर आसीन होकर मिठी यादे लेकर रवाना होते है. तभी तो सप्ताह में ही पुलिस आयुक्त नविनचंद्र रेड्डी पुलिस आयुक्त से डायरेक्ट आईजी बन कर यहां से स्थानांतरण होने वाले है. वैसे भी पुलिस आयुक्त नविनचंद्र रेड्डी का कार्यकाल बहुत ही शानदार रहा. वे अन्य पुलिस आयुक्त की तरह विवादों से हमेशा दुर रहे. किसी भी नेता से उनका विवाद हुआ ही नहीं, इसी लिए वे सब के चहेते बने रहे. उनकी पदोन्नती होने पर हर कोई बधाई देने पहुंच रहा है. बुधवार को मुसाफिर ने शहर के कुछ मोहल्लों का गश्त करने की सोचा जहां मराठा सर्वेक्षण का ढोल पिटा जा रहा है, मगर असल में कई कर्मचारी जो इस काम में लगे हुए है. उन्हें पता नहीं कहा जाने की गडबड है. बहुत ही जल्द काम निपटाते हुए आगे बढ रहे है. बुधवार को ही मनपा आयुक्त ने सभी सफाई ठेकेदारो को जोन निहाय सफाई ठेका पुरा करने के आदेश दिए है. अब देखते है कि शहर में कितनी जल्दी सफाई के काम पुरे होते है. खैर… बढते है आगे. शाम के वक्त मुसाफिर शहर के पूर्वी भाग में स्थित भीम टेकडी में मूकनायक अखबार के 104 वर्ष पुरे होने के अवसर पर पत्रकारों के सत्कार कार्यक्रम में पहुंचा. शहर में विभिन्न भाषाओं व क्षेत्र के पत्रकारों का सत्कार कार्यक्रम सचमुच में आकर्षक रहा. मुसाफिर ने माना की विश्वरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर व्दारा शुरू किए गए अखबार मूकनायक का जलवा जब आज ऐसा है तो उस समय कैसा रहा होगा…? सच में मूकनायक पुरस्कार प्राप्त करने वाले पत्रकार भी उमदा व इस लायक है.उनकी मेहनत व लगन के कारण ही मूकनायक सम्मान समारोह समिती ने उनका चयन किया.यह वकई में काबिले तारीफ है. मुसाफिर आयोजकों व पुरस्कार प्राप्त पत्रकारों का अभिनंदन करता है. गुरुवार को मुसाफिर को दिन भर बजट के बारे में ही अभ्यासु लोगों के बीच बैठने का मौका मिला. दिन भर सरकार को चाय व पान के ठेलोें पर बैठे बैठे ही व्हाटसप युनिवर्सीटी के अभ्यासु निर्देश दे रहे थे कि सरकार ने ऐसा बजट पास करना चाहिए वैसा करना चाहिए. शाम होने के पहले ही दिल्ली से बजट पास हो गया. अब जो अभ्यासु मुसाफिर से चर्चा कर मुसाफिर को अपना गणित समझा रहे थे, वे केंद्र सरकार को कोसने काटने लगे कि ऐसा नहीं होना था बजट वैसा होना था. मुसाफिर के सर से बात आई गई हो गई, फिर भी मुसाफिर ने सोचा यह व्यक्ति सही कह रहा था या वह व्यक्ति..? यही सोच लिए मुसाफिर अपनी मंजिल को आगे बढ चला. शुक्रवार को मुसाफिर राजकमल चौक से होता हुआ. मनपा कार्यालय के भीतर गया. जहां एक दिन पहले ही सफाई के जोन निहाय ठेके को लेकर मनपा आयुक्त के आदेश मिलने के दुसरे दिन यानी शुक्रवार 2 फरवरी को मनपा सफाई ठेकेदारों ने भी अपनी मांगो को लेकर हडताल शुरु कर दी. मनपा गलियारे में घुमते हुए ही मुसाफिर को फिर पता चला कि मनपा के सभी कर्मचारी 14 फरवरी से दोबारा विभिन्न मांगो को लेकर बेमुद्दत हडताल पर जाने वाले है, मुसाफिर ने सोचा कि मनपा का काम ही काम कम और हडताल ज्यादा करना है. सो यहां से चलना ही बेहतर होगा. मुसाफिर आगे बढते हुए पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर बढा जहां तबादला हुए 15 पुलिस अधिकारियों को बिदाई दी जा रही थी. यह पुलिस अधिकारी शहर के विभिन्न थानों सहित पुलिस आयुक्तालय में कई वर्षो तक अपने कर्तव्य की पुर्ती करते हुए उनका तबादला अन्य शहरों व थानों में किया गया है. शाम ढलते-ढलते मुसाफिर को फिर खबर लगी की श्रीशिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष पूर्व मंत्री हर्षवर्धन देशमुख दोबारा वर्धा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडने वाले है. मुसाफिर ने सोचा चलों यह भी अच्छा ही हुआ, कि हमारे जिले के प्रतिष्ठित व्यक्ति भी वर्धा से सांसद बनेगें तो शहर के सांसदों की संख्या और बढ जाएगी. आज शनिवार को मुसापिर ने शहर के कुछ इलाकों का भ्रमण किया. जहां बडनेरा रोड स्थित
भक्तीधाम में गेल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से शहर के प्रतिष्ठित नागरिक दिलीपभाई पोपट व उनके सहयोगियों की मदद से श्री जलाराम सत्संग मंडल व श्री गुजराती समाज की ओर से सैकडो दिव्यागों को मुफ्त में नकली हाथ,पैर व कृत्रिम यंत्र वितरीत किए जा रहे है. इसके बाद मुसाफिर अपनी सायकिल से कोंडेश्वर धाम के वन उद्यान में पहुंचा जहां मनपा के परिवर्तन पैनल परिवार व मनपा कर्मचारी सहकारी प्रत्यय संस्था मर्या. व्दारा मस्त रोडगे का वनभोज कार्यक्रम आयोजित किया गया था. एक नंबर जेवन रोडग्याचा का मजा लेकर मुसाफिर अपने घर की ओर लौट गया. शाम को फिर दोबारा सांस्कृतिक भवन में प्रसिध्द वक्ता व राजकीय विश्लेषक राजू परुलेकर का व्याख्यान सुनने के लिए मुसाफिर को जाना है. मुसाफिर कलम घिसते घिसते थक गया है. तो मुसाफिर को दे थोडा आराम दे. फिर मिलते है. पिछली बार आप के व्दारा की गई हौसला अफजाई से मुसाफिर की कलम को और ताकत मिली है. तो मुसाफिर को इजाजत. फिर भी आपकों मुसाफिर की बातें कैसी लगी. यह जरुर बताए अपनी प्रतिक्रिया के पत्र संपादक दैनिक अमरावती मंडल कार्यालय खापर्डे बगीचा अमरावती में भेज कर फिर मिलते है, अगले सप्ताह शनिवार को. क्योंकि- ये शहर है अमन का यहां की फिजा है निराली यहां पर सब शांति शांति है, इस गीत का आप भी मजा लिजीए अपने मोबाईल पर ऑन कर. अलविदा.

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